न्यूयॉर्क: धूप लेने या विटामिन डी युक्‍त फूड के सेवन से पेट में अच्छे बैक्‍टीरिया की संख्या बढ़ाने और मेटाबॉलिक सिंड्रोम रोकने में मदद मिल सकती है.

क्‍या है मेटाबॉलिक सिंड्रोम

मेटाबॉलिक सिंड्रोम एक प्रकार के लक्षणों के समूह हैं जो डायबिटीज और हार्ट प्रॉब्‍लम्‍स का खतरा बढ़ाने वाले कारक हैं. एक नए शोध में यह बात सामने आई है. वैज्ञानिकों ने शोध में पाया कि विटामिन डी की कमी चूहों में मेटाबॉलिक सिंड्रोम को बढ़ाती है, जो पेट में होने वाली गड़बड़ी के लिए भी जिम्मेदार है.

क्‍या कहते हैं एक्‍सपर्ट

अमेरिका के सेडर्स-सिनाई मेडिकल सेंटर के शोधकर्ताओं में से एक स्टीफेन पंडाल ने कहा कि रिसर्च के आधार पर, हमारा मानना है कि धूप,  डायट या खुराक के जरिए विटामिन डी के लेवल को हाई रखना मेटाबॉलिक सिंड्रोम को रोकने और इलाज में लाभकारी साबित हो सकता है."

मेटाबॉलिक सिंड्रोम का प्रभाव

मेटाबॉलिक सिंड्रोम कुल एडल्‍ट पॉपुलेशन के करीब एक चौथाई भाग पर असर डालती है. इस सिंड्रोम को एक समूह कारक के तौर पर परिभाषित किया गया है जो आपको दिल के रोगों और डायबिटीज की तरफ ले जाते हैं.

मेटाबॉलिक सिंड्रोम के सिम्‍टम्‍स


मेटाबॉलिक सिंड्रोम  के विशेष लक्षणों में कमर के चारो तरफ मोटापा और हाई शुगर लेवल, हाई ब्‍लड प्रेशर या हाई कोलेस्ट्रॉल जैसे लक्षण शामिल हैं. इससे ग्रस्त मरीजों में आमतौर पर लीवर में एक्‍ट्रा फैट जमा हो जाता है. हालांकि रिसर्च में मेटाबॉलिक सिंड्रोम विटामिन डी की कमी से संबंधित पाया गया. इससे दुनिया भर की 30-60 फीसदी आबादी प्रभावित है.

क्‍या कहते हैं नतीजे

इस शोध का प्रकाशन पत्रिका 'जर्नल फ्रंटियर्स इन फिजियोलॉजी' में किया गया. इसमें कहा गया है कि सिर्फ हाई फैट की खुराक मेटाबॉलिक सिंड्रोम के लिए जिम्मेदार नहीं है, बल्कि इसके लिए विटामिन डी की कमी भी जरूरी है.