नई दिल्ली: भारत की स्वास्थ्य बीमा कंपनी मैक्स बूपा ने लंग्स और ईएनटी स्पेशलिस्ट समेत लगभग 40 डॉक्टर्स के बीच एक सर्वे किया, जिसका उद्देश्य यह जानना था कि दिल्ली-एनसीआर में प्रदूषण के मौजूदा हालात को देखते हुए दिल्लीवासी स्वस्थ रहने के लिए क्या कदम उठाएं.
पैदल चलना सबसे उपयुक्त व्यायाम-
सर्वे में दिल्ली वासियों के लिए पैदल चलने को सबसे उपयुक्त व्यायाम माना गया. सर्वे में शामिल डॉक्टरों का मानना है कि हवा की गुणवत्ता में लगातार गिरावट के मद्देनजर जॉगिंग करने, दौड़ने और साइक्लिंग की तुलना में पैदल चलने को बेहतर व्यायाम बताया गया.
सर्वे किए गए 83 प्रतिशत डॉक्टरों ने बाहर हवा की गुणवत्ता में गिरावट के दुष्परिणामों से बचने के लिए हर दिन पैदल चलने की सलाह दी.
मौजूदा हवा स्वास्थ्य के लिए बहुत खतरनाक-
स्वास्थ्य सेवा के जानकारों का कहना है कि 'खतरा' कम हुआ मान कर लोग बिना किसी सावधानी घर से बाहर पैदल चलने लगे हैं. हालांकि सर्वे में डॉक्टरों ने मौजूदा हवा को स्वास्थ्य के लिए बहुत खतरनाक बताया और लोगों से घर के अंदर ही पैदल चलने की सलाह दी है. उनसे घर के बाहर जा कर अपना नुकसान करने के बदले अंदर ही पैदल चल कर एक्टिव लाइफस्टाइल बनाए रखने की अपील की है.
इस मौसम में शारीरिक व्यायाम को लेकर मतभेद-
सर्वे 87 प्रतिशत डॉक्टरों ने प्रदूषण की वजह से शारीरिक व्यायाम जैसे कि पैदल चलने पर रोक को उचित नहीं माना. हालांकि उचित सावधानी जैसे मास्क लगाने को जरूरी बताया गया जैसा कि 93 प्रतिशत डॉक्टरों का कहना है कि इससे प्रदूषण के दुष्परिणाम कम हो सकते हैं. लगभग 70 प्रतिशत डॉक्टरों ने वर्तमान परिस्थिति में प्रति दिन 30 मिनट पैदल चलना उचित बताया.
किसी सामान्य दिन जब पीएम लेवेल मान्य स्तर पर हो 80 प्रतिशत डॉक्टरों की राय में पैदल चलने का सबसे सही समय सुबह सवेरे 8 बजे से पहले होता है. दोपहर में चलने की सलाह 10 प्रतिशत से कम डॉक्टरों ने दी. हालांकि वायु प्रदूषण की वर्तमान स्थिति में 25 प्रतिशत डॉक्टर हवा की गुणवत्ता में गिरावट के मद्देनजर दोपहर में पैदल चलने की राय देते हैं.
डॉक्टरों ने मौजूदा हालात में दौड़ने और अन्य कठिन व्यायाम करने से मना किया है क्योंकि इनमें ऑक्सीजन जल्द बर्न होता है.
प्रदूषण से बचने के लिए आहार में लाएं बदलाव-
87% डॉक्टर मानते हैं कि विटामिन डी का सबसे अच्छा स्रोत धूप में चलना है इसलिए लोगों को धूप में निकलना चाहिए जब धूप की वजह से प्रदूषण भी कुछ कम होता है. विटामिन डी के लिए 10 प्रतिशत से कम डॉक्टर सप्लीमेंट लेने की सलाह देते हैं. आहार में पोषक तत्वों को लेकर सर्वे किए गए 62 प्रतिशत डॉक्टरों ने बताया कि आहार में विटामिन बी, विटामिन सी और बीटाकेरोटीन अधिक मात्रा में लेने से प्रदूषण का प्रतिकूल प्रभाव एक सीमा तक कम हो सकता है. इसलिए इन तत्वों से भरपूर चीजें अधिक खाने की सलाह दी जाती है.
उम्र और शारीरिक स्थिति-
7 वर्ष या उससे कम उम्र के बच्चों के लिए 65 प्रतिशत डॉक्टरों ने घर के अंदर रहने की सलाह दी क्योंकि उनका मानना है कि अधिक प्रदूषण से उन्हें एलर्जी की समस्या हो सकती है जिससे दमे (आस्थमा) की बीमारी का खतरा रहता है. 73 प्रतिशत डॉक्टरों का यह भी मानना है कि सांस और दिल की बीमारियों के मरीज घर के अंदर ही रहें.
नोट: ये रिसर्च/एक्सपर्ट के दावे पर हैं. ABP न्यूज़ इसकी पुष्टि नहीं करता. आप किसी भी सुझाव पर अमल या इलाज शुरू करने से पहले अपने डॉक्टर/एक्सपर्ट की सलाह जरूर ले लें.