टोरंटोः डिप्रेशन और स्ट्रेस से बचने के लिए ली गई दवाएं जिंदगी के लिए घातक है. शोधकर्ताओं ने चेतावनी दी कि ये दवाएं मौत के खतरे को बढ़ा देती हैं.


क्या कहती है रिसर्च-
शोध के मुताबिक, जो व्यक्ति इस प्रकार की दवाएं नहीं लेते हैं, उनकी तुलना में दवा का सेवन करने वालों में मौत की आशंका 33 प्रतिशत बढ़ सकती है.


पत्रिका 'साइकोथेरेपी एंड साइकोमैटिक्स' में प्रकाशित शोध रिपोर्ट में बताया गया है कि दवा सेवन करने वालों में हार्ट डिजीज़, जैसे हार्ट अटैक और स्ट्रोक जैसी जानलेवा बीमारी होने की आशंका 14 प्रतिशत बढ़ जाती है.


क्या कहते हैं एक्सपर्ट-
इस बारे में कनाडा के अंटोरियो में स्थित मैकमास्टर यूनिवर्सिटी के एसोसिएट प्रोफेसर पॉल एंड्रूज का कहना है कि हम इन नतीजों से काफी चिंतित हैं. इसमें पता चला है कि ये दवाएं किस प्रकार से आपके शरीर पर बुरा प्रभाव डालती हैं.


कैसे काम करती है दवा-
मस्तिष्क में सेरोटोनिन के प्रभाव से मूड बनता और बिगड़ता है. डिप्रेशन से बचने के लिए सामान्य रूप से ऐसी दवा ली जाती है, जो न्यूरॉन के माध्यम से सेरोटोनिन को एब्जॉर्व कर डिप्रेशन के प्रभाव को रोक देती है.


लेकिन लोगों को यह जानकारी नहीं है कि हमारे शरीर के प्रमुख अंग जैसे- हार्ट, लंग्स, किडनी और लिवर में सेरोटोनिन खून को ऑपरेट करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है.


डिप्रेशन से बचने के लिए ली गई दवा इन अंगों द्वारा सरोटोनिन के ऐब्सॉर्प्शन को रोक देती है, जिस कारण इन अंगों के कार्य पर बुरा प्रभाव पड़ता है और इसके परिणाम काफी घातक हो सकते हैं.


डिप्रेशन में दवा का काम-
डिप्रेशन स्वयं में जानलेवा है, जो व्यक्ति इससे ग्रसित रहता है, उसमें सुसाइड, हार्ट अटैक और स्ट्रोक जैसी घातक बीमारियों की आशंका काफी रहती है. इसलिए इन दवाओं के बारे में डॉक्टरों की ये भी राय है कि जो व्यक्ति डिप्रेशन से ग्रस्त है, ये दवाएं उनकी जान बचाती हैं.


रिसर्च के नतीजे-
शोध के सह-लेखक मैकमास्टर यूनिवर्सिटी के मारटा मासलेज का कहना है कि हमारे निष्कर्ष काफी अहम हैं, क्योंकि इससे लोगों को पता लगेगा कि डिप्रेशन से बचने के लिए ली गई दवा किस तरह जानलेवा है और ये किस प्रकार से हमारे शरीर के महत्वपूर्ण अंगों को प्रभावित करती है. लोग अब एंटीडिप्रेशन दवाएं लेने से बचेंगे, क्योंकि ये दवाइयां मस्तिष्क के साथ-साथ अन्य महत्वपूर्ण अंगों को प्रभावित कर जान जोखिम में डालती हैं.


नोट: ये रिसर्च के दावे पर हैं. ABP न्यूज़ इसकी पुष्टि नहीं करता. आप किसी भी सुझाव पर अमल या इलाज शुरू करने से पहले अपने डॉक्टर की सलाह जरूर ले लें.