डॉक्टरों ने प्रेगनेंट महिलाओं को पैरासिटामोल पर सावधान किया है. उनका कहना है कि ये गर्भ में बच्चे के विकास को नुकसान पहुंचा सकती है. उन्होंने स्वास्थ्य संस्थानों से डॉक्टरों और प्रेगनेंट महिलाओं को संभावित जोखिम की जानकारी देने का आग्रह किया है. दर्जनों रिसर्च में उसका संबंध अटेंशन डेफिसिट हाइपरएक्टिविटी डिसऑर्डर, ऑटिज्म से जुड़ा है. अटेंशन डेफिसिट हाइपरएक्टिविटी डिसऑर्डर बच्चे का किसी काम के प्रति ध्यान लगाने में कमी, एक ही जगह पर टिके रहने में दुश्वारी की एक मनोवैज्ञानिक समस्या है.


प्रेगनेंसी में पैरासिटामोल के इस्तेमाल पर चेतावनी जारी


उन्होंने प्रेगनेंट महिलाओं को सिर्फ 'सबसे कम प्रभावी डोज कम से कम संभव समय के लिए' लेने पर जोर दिया. उनका कहना है कि पूरी तरह से जांच करने के लिए अन्य रिसर्च की जरूरत है कि कैसे अमेरिका में जानी जानेवाली दवा एसिटामिनोफेन गर्भ में बच्चों को प्रभावित कर सकती है. लेकिन दूसरे वैज्ञानिकों ने दावे को खारिज कर दिया ये कहते हुए कि समीक्षा किए गए पेपर के संग्रह 'इतने मजबूत नहीं थे कि कोई निष्कर्ष निकाल सके'. नेशनल हेल्थ सर्विस ने प्रेगनेंसी में पैरासिटामोल का लेना सुरक्षित बताया है, ये बताते हुए कि प्रेगनेंट महिलाओं के लिए पेन किलर 'पहले विकल्प' के तौर पर है. स्वास्थ्य प्रमुखों ने कहा कि सिर्फ खास लोगों को 'अतिरिक्त देखभाल' करने की जरूरत है, जैसे लिवर या किडनी की समस्या से पीड़ित और मिर्गी की दवा पर निर्भर मरीज.


दवा गर्भ में बच्चे के विकास को पहुंचा सकती है नुकसान


प्रेगनेंसी में पैरासिटामोल पर चेतावनी Nature Reviews Endocrinology पत्रिका में प्रकाशित हुई. उसका समर्थन 91 अतंराराष्ट्रीय विशेषज्ञों के एक समूह की तरफ से किया गया. डॉक्टर डेविड क्रिस्टेनसेन और यूनिवर्सिटी ऑफ कोपेनहेगन के विशेषज्ञों ने इंसान और पशुओं पर रिसर्च की समीक्षा की जिसमें प्रेगनेंसी के दौरान पैरासिटामोल के इस्तेमाल का परीक्षण किया गया था. पत्रिका में लिखते हुए उन्होंने दावा किया कि रिसर्च ने पैरासिटामोल का बहुत इस्तेमाल बोध, सीखने या व्यवहार अक्षमता के साथ बच्चों की संख्या में 'चिंताजनक उभार' से है. रिसर्च में ये भी पाया गया कि पेनकिलर का संबंध प्रजनन और जननांग के विकारों से जुड़ता है. 


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