पर्सनल यूज वाले टॉवेल को कितने दिनों पर धो लेना चाहिए? आज हम इस सवाल का जवाब आपको विस्तार से देते हैं. दरअसल, तौलिए का इस्तेमाल क्यों न हम पर्सनल यूज के लिए करते हैं लेकिन 3-5 दिनों में तौलिए को धो लेना चाहिए. तौलिए की धुलाई पूरी तरह से इस बात पर निर्भर करती है कि हम उसका कितनी बार इस्तेमाल करते हैं. यह कितनी बार यूज होता है. अगर आपकी त्वचा काफी ज्यादा सेंसिटिव है तो आपको उसी हिसाब से तौलिए को धोना चाहिए. 


तौलिए में  MRSA जैसे किटाणु होते हैं


तौलिए में  MRSA जैसे किटाणु होते हैं. जो गंभीर इंफेक्शन का कारण बन सकते हैं साथ ही इसके कारण एथलीट फुट की समस्या भी हो सकती है. जब भी आप तौलिए का इस्तेमाल करते हैं. उसे धूप में जरूर सूखा लें. इससे आपको इंफेक्शन होने का खतरा कम हो जाएगा. वॉशक्लॉथ को हर उपयोग के बाद हवा में सुखाया जाना चाहिए और धोया जाना चाहिए.यदि आपको मुँहासे या एक्जिमा जैसी त्वचा संबंधी स्थिति है, तो आपको अपने तौलिये को साफ रखने के लिए अतिरिक्त सावधानी बरतनी चाहिए. दूसरे की तौलिए इस्तेमाल करने से बचें. इस दौरान काफी ज्यादा सावधानी बरतें. बैक्टीरिया फैलने के जोखिम को कम करने के लिए रसोई के तौलिये को बाथरूम के तौलिये से अलग से धोएं.


ये भी पढ़ें: पति ऋषि कपूर की मौत के बाद नीतू इस बीमारी का हो गई थीं शिकार, ऐसे खुद को संभाला


क्लीनिंग इंस्टीट्यूट तीन बार इस्तेमाल के बाद नहाने के तौलिये को धोने की सलाह देता है. अगर आप हर दिन नहाते हैं. तो इसका मतलब है कि आपको हफ़्ते में लगभग दो बार कपड़े धोने होंगे. तौलिये को साफ करने और उन पर जमा होने वाले कीटाणुओं को हटाने के लिए नियमित रूप से कपड़े धोना ही काफी है.


हाथ पोछने और नहाने वाले तौलिए को इतने दिनों पर करना चाहिए इस्तेमाल


सप्ताह में एक बार. हर दूसरे सप्ताह. जब भी कपड़े धोने का समय हो. हर किसी का अपना जवाब होता है कि वे अपने तौलिये कितनी बार धोते हैं. लेकिन स्वच्छता के लिहाज से उचित समय-सारिणी क्या है? पर्सनल यूज वाले तौलिये और हाथ के तौलिये को हर तीन बार इस्तेमाल के बाद धोना चाहिए.इससे संक्रमण पैदा करने वाले दूषित पदार्थों को हटाने और दुर्गंध पैदा करने वाले बैक्टीरिया को कम करने में मदद मिलती है.


ये भी पढ़ें: इजरायल-हमास जंग का लोगों की मेंटल हेल्थ पर असर, इस डिसऑर्डर के चलते इजरायली लड़की ने किया सुसाइड


कोई भी व्यक्ति बदबूदार तौलिया पसंद नहीं करता. लेकिन संभावित रूप से हानिकारक सूक्ष्मजीव महत्वपूर्ण स्वास्थ्य चिंता का विषय हैं. इनमें मेथिसिलिन-प्रतिरोधी स्टैफिलोकोकस ऑरियस (MRSA) शामिल है, जो गंभीर स्टैफ संक्रमण का कारण बन सकता है, और कवक जो एथलीट फुट जैसे खुजली वाली त्वचा संक्रमण का कारण बनते हैं.


ये भी पढ़ें: किन लोगों को ज्यादा पड़ता है हार्ट अटैक, रईसों को या गरीबों को? ब्रिटिश यूनिवर्सिटी की स्टडी में हुआ चौंकाने वाला खुलासा