Water Time To Drink: बिना पानी सब सून... ये कहावत आपने सुनी होगी. अगर इस कहावत का अर्थ समझें तो ये बेहद ब्रॉड शब्दों में कही गई बात है. दरअसल, दुनिया में जल नहीं है तो जीवन का अस्तित्व ही नहीं है. व्यक्ति के जीवन का बड़ा हिस्सा बनी है. खुद इंसान की बॉडी में जल का बड़ा हिस्सा होता है. जब बात पानी की ही चल रही है और डेली रूटीन में आप इसे पीते भी हैं. जब प्यास लगती है. तभी पी लेते हैं. इसके लिए कोई समय निश्चित नहीं होता है. लेकिन न्यूट्रीशन स्पेशलिस्ट की पानी पीने को लेकर अलग राय है. यदि डेली रूटीन में समय और एक्टिविटीज को ध्यान में रखते हुए पानी पिया जाए तो इसके बेहतर लाभ मिल सकते हैं. आइए जानने की कोशिश करते हैं. आखिर पानी पीने की प्रक्रिया को भी कैसे बेस्ट बनाया जा सकता है.
सुबह उठते ही पिएं पानी
एक्सपर्ट का कहना है कि बहुत सारे लोगों की आदत होती है कि सुबह उठते ही खाली पेट पानी पिएं. यह बहुत अच्छी आदत है. इस प्रक्रिया से बॉडी के सुस्त पार्ट सक्रिय हो जाते हैं. पूरा दिन बॉडी में एनर्जी बनी रहती है.
वर्कआउट के तुरंत बाद न पिए पानी
यूथ वर्कआउट करना पसंद करते हैं. वहीं बुजुर्ग भी सुबह और शाम को तेज गति से टहलने के लिए जाते हैं. विशेषज्ञों का कहना है कि वर्कआउट के तुरंत बाद बिल्कुल पानी नहीं पीना चाहिए. कुछ मिनट के लिए बॉडी को रिलेक्स करें, फिर पानी पी लें.
इससे डिहाइड्रेशन से बचा जा सकता है.
खाना खाने के आधा घंटे पहले पिए पानी
कुछ लोग खाने के साथ पानी पीते रहते हैं. ऐसा नहीं करना चाहिए. इससे भोजन पचाने की जो प्रक्रिया होती है. वो बेहद मंद पड़ जाती है. खाना खाने के आधा घंटे पहले पानी पी लें. खाना खाने के बाद पानी पीने से बचें. इससे डाइजेस्टिव सिस्टम खराब हो सकता है.
थकावट महसूस होने पर पिएं पानी
डिहाइड्रेशन होने या फिर थकावट महसूस होने पर पानी पीना चाहिए. विशेषज्ञों का कहना है कि जिस तरह से बिजली से डिवाइस चार्ज होती है और नए सिरे से चलना शुरू कर देती है. उसी तरह पानी पीने पर इंसान की बॉडी रिचार्ज होती है. एनर्जी लेवल बढ़ जाता है.
लेकिन पानी अधिक भी न पिएं
अब ऐसा नहीं है कि पानी सेहत के लिए अच्छा है तो इसे पीते ही रहें. इसे जरूरत के हिसाब से पीना चाहिए. कुछ लोग सोचते हैं कि अधिक पानी पिएंगे तो स्वस्थ्य रहेंगे. ऐसा बिल्कुल नहीं है. अधिक पानी पीने से बॉडी में सोडियम का लेवल घट जाता है. गंदगी साफ करने के लिए किडनी पर अतिरिक्त दबाव पड़ता है. किडनी डेमेज होने का खतरा रहता है. मांसपेशी में ऐंठन या कमजोरी महसूस हो सकती है.
Disclaimer: इस आर्टिकल में बताई विधि, तरीक़ों व दावों को केवल सुझाव के रूप में लें, एबीपी न्यूज़ इनकी पुष्टि नहीं करता है. इस तरह के किसी भी उपचार/दवा/डाइट और सुझाव पर अमल करने से पहले डॉक्टर या संबंधित एक्सपर्ट की सलाह जरूर लें.
यह भी पढ़ें: पापा या मम्मी को शुगर है तो अपनी डायट में रखें इस बात का ध्यान... आप पर हावी नहीं होगी बीमारी