Child Weaknesses Examples: बेटे को घर में लाड़ला और बेटी का लाड़ली कहा जाता है. इसके पीछे वजह होती है कि बच्चे लाड़ प्यार के होते हैं. घर का चिराग भी उन्हें कहा जाता है. लेकिन घर का चिराग भविष्य में रोशन हो. उसके लिए जरूरी है कि उसकी हेल्थ का प्रॉपर ख्याल रखा जाए. बीमार होने से पहले बच्चे में भी कई लक्षण दिखते हैं. बस उन लक्षणों का ध्यान रखने की जरूरत है. आज ऐसे ही लक्षणों के बारे में बात करेंगे, जोकि बच्चों मेें आमतौर पर दिखाई दे जाते हैं. 


 दिनभर थकान बने रहना


यदि बच्चे की बॉडी डल बनी रहती है. न खेलता है और न ही किसी काम में दिलचस्पी है. सिर में दर्द की भी शिकायत करता है तो इस समय बच्चे के प्रति थोड़ा अटेंशन होने की जरूरत है. ये बच्चे की हेल्थ नासाज होने के लक्षण हैं. ऐसी स्थिति आने पर तुरंत डॉक्टर को दिखाना चाहिए. 


दौड़ने पर सांस लेने में तकलीफ होना


दौड़ने पर सांस और हार्ट की स्पीड बढ़ना नार्मल है. कोई भी छोटा या बड़ा बच्चा दौड़ता है या तेज कदमों से चलता है तो इस कंडीशन में हार्ट स्पीड बढ़ जाती है. लेकिन यदि खेलने के दौरान सांस फूलने लगे और सीने में दर्द होने लगे तो सचेत होने की जरूरत है. 


पैरों में दर्द होने की शिकायत करना


कई बार बच्चों के पैरों में दर्द होता है. यह आमतौर पर पोषण की कमी से होता है. दौड़ने, कूदने या सामान्य तौर पर चलने में उनमें दर्द होने लगता है. कई बार बच्चों को चलने में भी पैरों में दर्द होने लगता है. ऐसे में अलर्ट होने की जरूरत है. यह कैल्शियम की कमी से हो सकता है. 


बुखार आना 


कई बच्चे ऐसे होते हैं, जिन्हें हर सप्ताह या कुछ ही दिनों में बुखार आ जाता है. ऐसे बच्चों की इम्यनिटी कमजोर होने पर बार बार बुखार बनता रहता है. इसलिए जरूरी होता है कि डॉक्टर की सलाह पर बच्चों की इम्यूनिटी बूस्ट करें. 


फेस पर दिक्कतें आना 


बच्चों में कमजोरी का आम लक्षण ये है कि बच्चें का चेहरा सूख रहा है. होठ पफटन्र, आंखों के नीचे काला घेरा आना, बॉडी पर रेशेज निकलना, खाने निगलने में परेशानी होना निशानी है. इन पर ध्यान देकर डॉक्टर से इलाज करा लेना चाहिए. 


Disclaimer: इस आर्टिकल में बताई विधि, तरीक़ों और सुझाव पर अमल करने से पहले डॉक्टर या संबंधित एक्सपर्ट की सलाह जरूर लें.


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