How to control weight without Dieting: नवरात्र आने वाले हैं और ऐसे लोगों की लंबी जमात है, जिन्होंने सोच रखा है कि नवरात्रों के व्रत करने के साथ ही अपने वजन को कंट्रोल करने का मिशन शुरू करेंगे. ऐसा हर बार होता है, हर 6 महीने में जब नवरात्र आने वाले होते हैं तो वेट कंट्रोल (Weight Control) से लेकर अध्यात्म की राह पर चलने तक की कितनी ही प्लानिंग लोग करके रखते हैं. बात करते हैं वजन घटाने की तो वजन कंट्रोल करने के लिए हम कई तरीके अपनाते हैं. कोई जमकर एक्सर्साइज करता है तो कोई डायटिंग (Easy dieting tips) शुरू कर देता है. लेकिन अति हर बात की वर्जित होती है. यानी बहुत अधिक एक्सर्साइज करना भी शरीर को नुकसान पहुंचा सकता है और बहुत अधिक डायटिंग करना भी. इसलिए आपको भूख कंट्रोल करने वाले टिप्स नहीं बल्कि भूख मैनेज करने वाले टिप्स फॉलो करने चाहिए. यहां इसी बारे में बताया जा रहा है...


क्यों लगती है भूख?
हमारे पेट में बनने वाला घ्रेलिन (Ghrelin)नाम का हॉर्मोन भूख का अहसास जगाने के लिए जिम्मेदार होता है. इस हॉर्मोन को हंगर हॉर्मोन के नाम से भी जाना जाता है. खास बात यह है कि जब हम सोते हैं तब इस हॉर्मोन का स्तर हमारे शरीर में सबसे अधिक बढ़ता है. घ्रेलिन का स्तर बढ़ने से हमें भूख लगती है और जब हम कुछ खाते हैं तो हमारे शरीर में इंसुलिन का स्तर बढ़ने लगता है. यह इंसुलिन हमें और अधिक खाने के लिए प्रेरित करता है. यही कारण है कि जब तक हमें पेट भरने का अहसास नहीं होता, हम खाना खाते रहते हैं.


भूख को कंट्रोल कैसे करें?
भूख को कंट्रोल करने से कहीं अधिक हेल्दी तरीका है कि आप भूख को मैनेज करें. इसके लिए आप यहां बताए गए दोनों तरीकों में से कोई भी विधि अपना सकते हैं...


1. इंटरमिटेंट फास्टिंग (intermittent fasting): यह फास्टिंग करने यानी उपवास रखने का ऐसा तरीका है, जिसमें आप दिन में कुछ घंटे तक पानी के अतिरिक्त कुछ और ग्रहण नहीं करते हैं. ऐसा करने से शरीर के अंदर घ्रेलिन के सीक्रेशन को कंट्रोल करने और इंसुलिन के स्तर को मेंटेन रखने में मदद मिलती है और इसका नतीजा यह होता है कि आपकी भूख मैनेज हो जाती है.



  • शुरुआत में जब आप इसका प्रयास करते हैं तो कुछ दिक्कतें होती हैं लेकिन कुछ दिन के अंदर आपको इसकी आदत पड़ जाती है और फिर शरीर उसी समय पर भूख का अहसास दिलाता है, जिस समय को आपने भोजन के लिए निर्धारित किया है.

  • आप सुबह 7 या 8 बजे नाश्ता करने के बाद शाम को 7 से 8 का समय डिनर के लिए फिक्स करें और इस बीच दिन में सिर्फ पानी, नारियल पानी, नींबू पानी या ब्लैक-टी इत्यादि लें. 


2. अल्टरनेट डे फास्टिंग (Alternate Day Fasting): भूख और हंगर हॉर्मोन्स को मैनेज करने का अन्य तरीका है हर दूसरे दिन उपवास यानी व्रत करना. यह विधि भी इंटरमिटेंट फास्टिंग की तरह ही प्रभावी है. आप एक दिन तीनों समय कम वसा वाला और कम ऑइल युक्त सात्विक भोजन (वेजिटेरियन और कम स्पाइसी फूड) करें और दूसरे दिन पूरी तरह व्रत रखें. इस दिन सिर्फ आप लिक्विड डायट लें और फलों का सेवन करें. लिक्विड डायट में भी शुगर और अधिक कैलरी युक्त ड्रिंक्स का सेवन ना करें.


 


Disclaimer: इस आर्टिकल में बताई विधि, तरीक़ों व दावों को केवल सुझाव के रूप में लें, एबीपी न्यूज़ इनकी पुष्टि नहीं करता है. इस तरह के किसी भी उपचार/दवा/डाइट पर अमल करने से पहले डॉक्टर की सलाह जरूर लें. 


यह भी पढ़ें: कोकोनट वर्जिन ऑइल के साथ करें दिन की शुरुआत, पाचनतंत्र रहेगा एकदम हेल्दी


यह भी पढ़ें: क्यों खाना खाने में नखरे दिखाते हैं कुछ बच्चे? जानें खाना खिलाने का आसान तरीका