Diabetes: डायबिटीज और मोटापे का इलाज करने वाली ये दवाएं छीन सकती हैं आंखों की रोशनी, बढ़ सकता है अंधेपन का खतरा
Diabetes Medicine Risk: शुगर और मोटापे के लिए बनी दवा में पाया जाने वाला ये घटक आपकी आंखों की रोशनी के लिए खतरा बन सकता है. जानिए स्टडी क्या कहती है.
डायबिटीज ऐसी बीमारी है जिसमें परहेज के साथ साथ दवा भी जरूरी होती है. डायबिटीज की दवाओं में आजकल सेमाग्लूटाइड (Semaglutide) घटक मिलाया जा रहा है जो काफी प्रचलित है. देखा जाए तो ये दवाएं डायबिटीज के साथ साथ वजन घटाने के लिए भी इस्तेमाल हो रही हैं. लेकिन इन दवाओं के लगातार सेवन से आपकी आंखों की रोशनी बाधित हो सकती है. हाल ही में कराई गई एक स्टडी में पता चला है कि डायबिटीज और मोटापे के इलाज के लिए ली जा रही इन दवाओं से अंधेपन का खतरा हो सकता है.
सेमाग्लूटाइड के इस्तेमाल से हो सकता है अंधापन
जेएएमए ऑप्थेल्मोलॉजी में छपी एक स्टडी में कहा गया है कि वजन घटाने और डायबिटीज के लिए दी जाने वाली दवा ओजेम्पिक (Ozempic) या वेगोवी अंधेपन का कारण बन सकती है. इन दोनों ही दवाओं में (सेमाग्लूटाइड ) नामक घटक पाया जाता है, जो अंधेपन का कारण बन सकता है. मैसाचुसेट्स आई एंड ईयर अस्पताल के शोधकर्ताओं ने इस स्टडी के बाद कहा कि मोटापे और शुगर के लिए यूज होने वाली इन दवाओं में सेमाग्लूटाइड होने के कारण इन्हें लेने वाले लोगों की आंखों की रोशनी छिनने का खतरा यानी NAION आई स्ट्रोक का रिस्क बाकी लोगों की तुलना में 7 फीसदी अधिक होता है.
हेल्थ एक्सपर्ट कहते हैं कि NAION आंखों की एक दुर्लभ बीमारी है जिसमें ऑप्टिक नर्व ब्लाइंडनेस हो जाता है. इस दौरान आंख में दर्द हुए बिना ही आंख की रोशनी कम होने लगती है और फिर बिलकुल दिखना बंद हो जाता है. ऐसा कहा जाता है कि ऑप्टिक नर्व दिमाग में ब्लड फ्लो कम होने के चलते होता है और इसके चलते एक आंख की रोशनी छिन जाने का रिस्क पैदा हो जाता है. आपको बता दें कि ये बीमारी अभी लाइलाज है.
12 हजार लोगों पर हुई स्टडी
स्टडी में पाया गया कि जो लोग सेमाग्लूटाइड घटक वाली दवाएं जैसे ओजेम्पिक या वेगोवी का सेवन कर रहे हैं, उनके खून में सेमाग्लूटाइड की मात्रा बहुत ज्यादा पाई गई और ये ऑप्टिक नर्व का कारण बन सकता है. इसके लिए शोधकर्ताओं ने छह साल तक 17 हजार से ज्यादा लोगों पर अध्ययन किया. मोटापे और डायबिटीज की ये दवाएं लेने वालों को दूसरी दवा लेने वाले शुगर के मरीजों से अलग ग्रुप में रखा गया.
इसके बाद सेमाग्लूटाइड और दूसरी दवा लेने वाले ग्रुप के मरीजों की तुलना की गई. इस तुलनात्मक अध्ययन में पता चला कि सेमाग्लूटाइड लेने वाले मरीजों में NAION डेवलप होने का रिस्क दूसरी दवाएं लेने वाले मरीजों की तुलना में अधिक था. आपको बता दें सेमाग्लूटाइड का इस्तेमाल वेट लॉस और डायबिटीज की दवाओं में लंबे समय से होता आ रहा है. डायबिटीज 2 के इलाज के लिए डेवलप किया गया सेमाग्लूटाइड कई अन्य दवाओं में भी मिलाया जाता है.
Disclaimer: खबर में दी गई कुछ जानकारी मीडिया रिपोर्ट्स पर आधारित है. आप किसी भी सुझाव को अमल में लाने से पहले संबंधित विशेषज्ञ से सलाह जरूर लें.
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