कहतें हैं कि स्वस्थ शरीर में ही स्वस्थ मन का वास होता है. मगर जरा सोचिए क्या हो अगर हमारा शरीर ही स्वस्थ ना रहे तो? स्लिम, लीन और फिट बॉडी हर किसी की पहली पसंद होती है. इस वजह से लोग मोटापे से दूर भागते हैं और फिट लोगों की तरफ ज्यादा आकर्षित होते हैं. वहीं मोटे लोगों को अपने मोटापे के चलते कई बार हंसी का पात्र भी बनना पड़ता है. जिसके चलते लोग तरह तरह की वजन घटाने की दवाई खाते हैं, तो कुछ लोग जिम का सहारा लेते हैं. लेकिन हद से ज्यादा तेजी से और ज्यादा वजन घटाने से डिप्रेशन, बोन डिसीज का खतरा भी बढ़ जाता है. लिहाजा आइडियल वजन का पता होना जरूरी होता है क्योंकि वजन कम करने वाली डाइट से कई बार मांसपेशियां कमजोर हो जाती हैं. लंबे समय तक इस डाइट का सेवन मांसपेशियों के लिए अच्छा नहीं होता.


मोटापे से पीड़ित अधिकतर लोग वजन कम करने की होड़ में लगे रहते हैं. इनमें से कई लोग कम समय में ज्यादा वजन कम करने के लिए स्ट्रिक्ट डाइट फॉलो करते हैं, तो कुछ लोग दवाइयों का सहारा लेते हैं. लेकिन क्या आप जानते हैं कि कम समय में ज्यादा वजन कम करना सेहत पर बुरा असर डाल सकता है.


डिहाइड्रेशन


कई बार वेट लॉस डाइट से शरीर में डिहाइड्रेशन हो जाता है. शरीर में पानी की कमी होने से कब्ज, सिर दर्द, मांसपेशियों में खिंचाव और एनर्जी की कमी होने लगती है. साथ ही स्किन भी ज्यादा ड्राई हो जाती है.


मसल्स लॉस


हेल्दी तरीके से वेट लॉस करने पर अधिकांश फैट बर्न हो जाता है. लेकिन जब वेट लॉस अचानक से होता है तो मसल्स लॉस भी होता है. जानकारी के मुताबिक अनहेल्दी तरीके से या तेज़ी से हुए वेट लॉस में मसल्स लॉस 3 गुना ज़्यादा होता है.


थकान और कमज़ोरी


अगर हमारा शरीर स्वस्थ्य नहीं होगा तो हमारे शरीर में थकान और आलस बना रहेगा हम चाह कर भी कोई कम नहीं कर पायेंगे. और कुछ समय बाद हम सीमित पोषण की समस्या के शिकार भी हो जाएंगे.


सिर दर्द और  चिड़चिड़ापन


हद से ज्यादा वजन घटाने से भी समाज में हम हंसी का पात्र बनने लगते हैं जिसकी वजह से हमारे व्यवहार में चिड़चिड़ापन आने लगता है. हम लोगों से मिलना बंद करके खुद को कमरे में कैद तक कर लेते है. साथ ही सर में दर्द भी बना रहता है.


आंतों को होता है सबसे ज्यादा नुकसान


स्वास्थ्य विशेषज्ञों का कहना है कि आंतों पर डाइटिंग का सबसे खतरनाक असर होता है. शरीर के वजन के हिसाब से आंतों में बैक्टीरिया होते हैं. भोजन को पचाने और उसके बाद की प्रक्रिया में उनकी बड़ी भूमिका होती है. डाइटिंग से उनमें बदलाव आ जाता है. आंतों में रक्त से जुड़े कई तरह के बैक्टीरिया होते हैं, जो ब्लड प्रेशर, ब्लड शुगर और कोलेस्ट्रॉल पर असर डालते हैं.


मेटाबॉलिज्म पर बुरा असर


एक अध्ययन के मुताबिक डाइटिंग का सबसे बुरा असर मेटाबॉलिज्म पर पड़ता है. मेटाबॉलिज्म खराब होने से स्वास्थ्य पर सीधा असर होता है, जो लोग डाइटिंग करते हैं, उनका खान-पान बेहद अनियमित हो जाता है, इससे शरीर को जितनी एनर्जी मिलनी चाहिए, वो नहीं मिल पाती. इसके साथ ही, खाने-पीने के समय में बदलाव होने, जरूरी मात्रा में फैट, प्रोटीन और दूसरी चीजें नहीं मिल पाने की वजह से मेटाबॉलिज्म रेट बहुत धीमा हो जाता है.


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