तेजी से वजन घटाने के चक्कर में न ले दवाइयां क्योंकि हो सकती है एब्डोमिनल पैरालिसिस, स्टडी में हुआ खुलासा
कुछ लोग वर्कआउट और डाइट करने के बजाय दवा खाकर शॉर्ट कट में वजन कम करना चाहते हैं. लेकिन आपकी जानकारी के लिए बता दें कि वजन कम करने के चक्कर में आप एब्डोमिनल पैरालिसिस के हो जाएंगे शिकार.
कुछ लोग ऐसे भी हैं जो वर्कआउट और डाइट करने से अच्छा मानते हैं दवा खाकर शॉर्ट कट में वजन कम करना. लेकिन ऐसा करना सेहत के लिए ठीक नहीं है. अमेरिका में इसी के ऊपर एक खास स्टडी की गई है जिसमें पता चला कि तेजी से वजन घटाने के लिए अगर आप वेगोवी और ओजेम्पिक जैसी दवाओं का इस्तेमाल करते हैं तो यह सेहत के लिए बेहद खतरनाक साबित हो सकता है.
एब्डोमिनल पैरालिसिस के लक्षण
वजन कम करने वाली दवाएं एब्डोमिनल पैरालिसिस के जोखिम को भी बढ़ा सकती है. इस स्थिति में पेट खाली होने में काफी ज्यादा वक्त लगता है. एब्डोमिनल पैरालिसिस के कारण वजन का घटना, कुपोषण और कई परेशानी भी झेलनी पड़ती है. जिसके कारण मेडिकल या सर्जिकल चीजों का सहारा लेना पड़ता है.
एक स्टडी में पाया गया कि जो लोग वेगोवी और ओजेम्पिक ले रहे हैं उन्हें जीएलपी -1 एगोनिस्ट दवाएं भी कहा जाता है. उन लोगों को पेट में पैरालिसिस का जोखिम 30 प्रतिशत तक बढ़ जाता है. इस स्टडी के मुताबिक ग्लूकागन-जैसे पेप्टाइड-1 रिसेप्टर एगोनिस्ट (जीएलपी-1आरए), जिसे जीएलपी-1 एगोनिस्ट (जीएलपी-1आरए) जिसे जीएलपी-1 एगोनिस्ट भी कहा जाता है. टाइप-2 डायबिटीज और मोटापे को कंट्रोल करने के लिए इन दवाओं का इस्तेमाल किया जाता है.
3 लाख लोगों पर किया गया यह खास स्टडी
वाशिंगटन में एक खास मेडिकल से संबंधित सम्मेलन का आयोजन किया गया. इसमें डायजेशन डिजीज वीक 2024 के मुताबिक डायबिटीज और मोटापे से पीड़ित तीन लाख लोगों में से 1.65 लाख को जीएलपी -1 एगोनिस्ट दिए गए थे. ये सभी दवा पेट को खाली करने की गति को स्लो करने के साथ-साथ इंसुलिन के उत्पादन को भी तेजी में बढ़ाती है. इसके साइडइफेक्ट्स भी काफी ज्यादा दिखाई देते हैं.
Disclaimer: खबर में दी गई कुछ जानकारी मीडिया रिपोर्ट्स पर आधारित है. आप किसी भी सुझाव को अमल में लाने से पहले संबंधित विशेषज्ञ से सलाह जरूर लें.
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