हमारे शरीर में कुछ ऐसे खास अंग होते हैं जिनका काम तो कुछ खास नहीं है लेकिन उनमें अगर हल्की सी भी गड़बड़ी हुई तो व्यक्ति काफी ज्यादा परेशान हो सकता है. ठीक उसी तरह के अंग में से एक अंग है गॉल ब्लैडर. गॉल ब्लैडर पाचन तंत्र का एक अहम हिस्सा है. जो बाइल डक्ट के जरिए लिवर और छोटी आंत से जुड़ा हुआ है. लिवर में एक खास तरह का एंजाइम बनता है जो फैट को पचाता है. जिसे बाइल कहते हैं. लिवर से बाइल डक्ट के जरिए यह गॉल ब्लैडर में जाकर जमा हो जाता है.
गॉल ब्लैडर में स्टोन के कारण
गॉल ब्लैडर में पथरी या स्टोन यह बेहद आम बीमारी हो गई है. यह खराब खानपान और लाइफस्टाइल के कारण होता है. स्टोन की बात सुनकर ही अक्सर लोग घबरा जाते हैं. पथरी का इलाज अगर समय रहते कर लिया जाए आप इस बीमारी से निजात पा लेते हैं. लेकिन अगर इसे बार-बार इग्नोर किया जाए तो यह गंभीर बीमारी का रूप ले सकती है.
खाने में मौजूद फैट को पचाने के लिए गॉल ब्लैडर के जरिए ही बाइल डक्ट छोटी आंत में जाती है. गॉल ब्लैडर को आम बोलचाल की भाषा में पित्त की थैली कह सकते हैं. कभी-कभी इसी गॉल ब्लैडर में धीरे-धीरे स्टोन बनने लगता है जो सेहत के लिए काफी ज्यादा खतरनाक साबित हो सकता है.
गॉल ब्लैडर में कैल्शियम और मिनरल्स जमने के कारण स्टोन होता है ?
ज्यादातर लोगों को ऐसी गलतफहमी होती है कि गॉल ब्लैडर में कैल्शियम और मिनरल्स जमने के कारण स्टोन बनने लगता है. लेकिन कई रिसर्च इस बात को पूरी तरह से नकार देती है. रिसर्च के मुताबिक गॉल ब्लैडर में काफी ज्यादा कोलेस्ट्रॉल जमने के कारण पथरी की समस्या पर होती है.
40 साल से ज्यादा उम्र वाली महिलाएं खासकर जिनका वजन काफी ज्यादा बढ़ा हुआ होता है उन्हें स्टोन होने की समस्या काफी ज्यादा होती है. किसी लंबी बीमारी से गुजरने के बाद पथरी की समस्या अक्सर होती है. अगर गॉल ब्लैडर से पथरी बाइल डक्ट में चला जाए इससे जॉन्डिस और पैन्क्रियाज में सूजन की गंभीर समस्या हो जाती है. अगर इस बीमारी का इलाज लंबे समय तक नहीं किया जाएगा तो यह कैंसर जैसी गंभीर बीमारी का कारण बन सकता है.
पथरी के लक्षण
पेट के दाहिने हिस्से में गंभीर दर्द
भूख न लगने की बीमारी
पाचन संबंधी बीमारी और उससे होने वाली गड़बड़ियां
पेट में काफी ज्यादा गैस होना
जी मिचलाना
गॉल ब्लैडर से बचने के लिए करें ये काम
अगर खानपान में काफी ज्यादा तेल और मसाले का इस्तेमाल होता है को पथरी होने के चांसेस बढ़ जाते हैं. खानपान में घी-तेल और मसाले का कम से कम इस्तेमाल करना चाहिए. अगर आपको पेट के साइड में दर्द होता है तो आपको इसे इग्नोर करने की जरूरत नहीं क्योंकि यह आगे जाकर गंभीर बीमारी का रूप ले सकती है.
जब भी आपको इस तरह की समस्या हो तो आप गॉल ब्लैडर का अल्ट्रासाउंड जरूर करवा लीजिए. ऑपरेशन के जरिए गॉल ब्लैडर से स्टोन निकाला जा सकता है. इससे व्यक्ति के पाचन पर कोई खास असर नहीं होता है. गॉल ब्लैडर की सर्जरी के बाद मरीजों को अपने खानपान और लाइफस्टाइल का खास ख्याल रखे की जरूरत है.
आजकल गॉल ब्लैडर की सर्जरी लैप्रोस्कोपी के जरिए की जाती है. सर्जरी के बाद मरीज को एक दिन तक हॉस्पिटल में रुकना पड़ता है. हफ्तेभर में मरीज बिल्कुल ठीक हो जाता है. अगर स्टोन गॉल ब्लैडर के जरिए बाइल डक्ट से चिपक जाए तो एंडोस्कोपी का सहारा लेना पड़ताहै.