Mononucleosis : अपने प्यार को व्यक्त करने के लिए लोग किस करते हैं. किस करना कई मायनों में अच्छा माना जाता  है, लेकिन क्या आप जानते हैं कि इससे बीमारी भी फैलती है. जी हां, किस करने से मोनोन्‍यूक्लिओसिस यानी मोनो नामक बीमारी होती है. यह समस्या एपस्टिन बार वायरस की वजह से होती है. अक्सर यह बीमारी टीनएज या एडल्‍ट्स में अधिक देखने को मिलती है. वहीं, छोटे बच्‍चों में मोनोन्‍यूक्लिओसिस के लक्षण कम देखने को मिलते हैं. एडल्‍ट्स के लिए यह काफी घातक हो सकता है. 


कैसे फैलती है ये बीमारी


मोनोन्‍यूक्लिओसिस आमतौर पर सलाइवा के संपर्क में आने की वजह से फैलता है. किस करने के अलावा  एक ही प्‍लेट में खाना शेयर करना, जूठे बर्तनों में खाना इत्यादि के कारण फैल सकता है. इसके अलावा खांसने, छींकने की वजह से भी मोनोन्‍यूक्लिओसिस बीमारी फैल सकती है. 


क्‍या है मोनोन्‍यूक्लिओसिस?


मोनोन्‍यूक्लिओसिस एक वायरल इंफेक्‍शन है. यह बीमारी अधिकतर एडल्ट्स और बच्‍चों में देखी जाती है. इसे कई लोग किसिंग डिजीज भी कहते हैं, क्योंकि यह बीमारी सलाइवा के संपर्क में आने की वजह से फैलती है.  


इस बीमारी की वजह से बुखार, गले में खराश और खांसी की समस्‍या हो सकती है. इस इंफेक्‍शन को शरीर से बाहर निकलने में करीब  2 से 3 हफ्ते का समय लग सकता है.


बच्‍चों में मोनोन्‍यूक्लिओसिस के लक्षण क्या हैं?



  • फ्लू की समस्या होना

  • खांसी की परेशानी

  • हल्‍का बुखार आना

  • शरीर में दर्द महसूस होना

  • कमजोरी महसूस जैसा अनुभव होना

  • गले में काफी दर्द होना


वयस्कों में मोनोन्‍यूक्लिओसिस के लक्षण



  • सिर में दर्द के साथ तेज बुखार आना

  • डिहाइड्रेशन की परेशानी होना

  • बॉडी में रैशेज होना

  • जुकाम की परेशानी

  • गले में दर्द रहना

  • बॉडी में काफी दर्द रहता.


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