Myocardial infarction (MI): कम उम्र में हार्ट अटैक के केस अब हैरान नहीं करते हैं. बल्कि इस तरह के केसे अब डराते हैं. क्योंकि कुछ समय पहले तक 40 साल से कम उम्र में हार्ट अटैक आना काफी आश्चर्य की बात होती थी लेकिन अब ज्यादातर मामलों में हार्ट अटैक का शिकार हुए व्यक्ति की उम्र 40 साल से कम या इसके आस-पास देखने को मिल रही है. ऐसे में यह सवाल उठना लाजिमी है कि आखिर ऐसा बदलाव क्यों हुआ है और क्यों कम उम्र में लोग इस जानलेवा बीमारी की चपेट में आ रहे हैं.
हार्ट अटैक, हार्ट स्ट्रोक, कार्डियक अरेस्ट और मायोकार्डियल इनफ्रैक्शन (MI)ये सभी दिल से जुड़ी जानलेवा स्थितियां हैं. अब तक इन बीमारियों को बड़ी उम्र से संबंधित माना जाता था. लेकिन अब हार्ट अटैक के हर 5 में से एक पेशेंट की उम्र 40 साल से कम होती है. एक्यूट मायोकार्डियल इनफ्रैक्शन या हार्ट अटैक की स्थिति तब बनती है, जब हार्ट मसल में आने वाले ब्लड का फ्लो अचानक से कम हो जाता है, इससे हार्ट मसल्स को क्षति पहुंचती है. बड़ी उम्र में ऐसी स्थितियां बनने का कारण शरीर की ढलती कार्यक्षमता और उम्र को भी माना जाता था. लेकिन अब जिस तरह 20 से 30 साल की उम्र के बीच भी हार्ट अटैक के मामले सामने आ रहे हैं, ये खौंफ पैदा करने वाली स्थितियां हैं.
कम उम्र में हार्ट अटैक
आपको जानकर हैरानी होगी कि साल 2000 से लेकर 2016 के बीच युवाओं में हार्ट अटैक के मामले हर साल 2 प्रतिशत की दर से बढ़े हैं. यही वजह है कि आपको 27 साल की उम्र में हार्ट अटैक, 35 साल की उम्र में हार्ट अटैक जैसी खबरें पढ़ने और देखने को मिल रही हैं. बीते शारदीय नवरात्रि में तो एक गरबा करते 21 साल के लड़के कि जिस तरह हार्ट अटैक से तुरंत मौत हो गई, उसने सबको सोचने पर मजबूर कर दिया. क्योंकि 21 साल का वो लड़का ना तो किसी तरह का नशा करता था और ना ही किसी गंभीर बीमारी का शिकार था. ऐसे में नाचते हुए अटैक आना और तुरंत मौत होना जैसी घटना जब वीडियो में कैद हुई तो ज्यादार लोग सहम गए.
क्यों आता है अचानक हार्ट अटैक?
अचानक आने वाला हार्ट अटैक दरअसल पहले से बन रहे कई तरह के कारणों का परिणाम होता है. जैसे, कोरोनरी हार्ट डिजीज के साथ जैसे ही कोई अन्य लक्षण जुड़ता है, व्यक्ति को हार्ट अटैक आ सकता है. ये सब शरीर के अंदर घटने वाले घटना क्रम होते हैं, जो बहुत ही माइल्ड लक्षणों के साथ अपने संकेत देते हैं. इसलिए अक्सर लोग इन्हें पहचानने में चूक जाते हैं. जैसे...
- लेफ्ट हैंड में दर्द होना और यह दर्द जॉ-लाइन यानी जबड़े तक पहुंचना. कुछ लोगों को यह दर्द दोनों हाथों में भी हो सकता है. खास बात यह है कि आराम करने पर यह दर्द ठीक हो जाता है. अगर ऐसा लगातार हो रहा है तो अनदेखा ना करें.
- वॉक करने के दौरान या कोई काम करते समय सीने में भारीपन का अहसास होना, जो वॉक या काम बंद करने के बाद ठीक हो जाता है.
थोड़ा चलने या सीढ़ियां चढ़ते हुए बहुत जल्दी सांस फूलना. इसे ऐसे मेजर करें कि जिन सीढ़ियों का आप अब तक आसानी से चढ़ जाते थे, उन्हें चढ़ते समय अचानक से सांस फूलने लगे. - भोजन करने के बाद चलने पर आपके सीने में तेज दर्द उठना और चलना बंद करने के बाद दर्द शांत हो जाना. इस स्थिति को पोस्ट प्रैंडियल एंजाइना कहा जाता है और यह हार्ट से जुड़ी समस्या का लक्षण हो सकता है.
क्यों होता है कम उम्र में हार्ट अटैक?
कम उम्र में हार्ट अटैक होने के कारण लाइफस्टाइल से जुड़े हैं, जो इस प्रकार हैं...
- लेजी लाइफस्टाइल
- एक्सर्साइज का अभाव
- नींद का समय और घंटे तय ना होना
- वजन बहुत अधिक बढ़ना
- ब्लड प्रेशर हाई रहना
- डायबिटीज का रोग होना
- लंबे समय तक तनाव में रहना
- अल्कोहल और स्मोकिंग की लत होना
हार्ट अटैक की चपेट में आने से कैसे बचें?
यदि आप दिल की बीमारियों से सदैव दूर रहना चाहते हैं तो ये टिप्स अपनाएं...
- ब्लड प्रेशर का जांच कराते रहें.
- यदि फैमिली में डायबिटीज की हिस्ट्री है तो शुगर लेवल का ध्यान रखें.
- बैलेंस डायट लें.
- यदि स्मोकिंग और अल्कोहल का सेवन करते हैं तो छोड़ दें. यह संभव है.
- नमक का सेवन सीमित मात्रा में करें.
- पैकेज्ड फूड से जितना संभव हो दूर रहें.
- सुबह देर तक ना सोएं.
- एक्टिव रहें और लिमिटेड एक्सर्साइज जरूर करें.
Disclaimer: इस आर्टिकल में बताई विधि, तरीक़ों व दावों को केवल सुझाव के रूप में लें, एबीपी न्यूज़ इनकी पुष्टि नहीं करता है. इस तरह के किसी भी उपचार/दवा/डाइट और सुझाव पर अमल करने से पहले डॉक्टर या संबंधित एक्सपर्ट की सलाह जरूर लें.
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