नयी दिल्ली: भारत में डायबिटीज महामारी की तरह फैल रहा है और इस बीमारी की मुख्य वजह लाइफस्टाइल और खानपान में बदलाव है. इंडियन मेडिकल एसोसिएशन आईएमए का मानना है कि इस बीमारी के प्रमुख कारणों में हमारे रोजमर्रा के खाने में इस्तेमाल होने वाली सफेद चीनी, मैदा और चावल जैसी चीजों की अधिकता है.
क्या कहते हैं एक्सपर्ट-
आईएमए के अध्यक्ष डॉक्टर के.के. अग्रवाल ने बताया कि रिफाइंड चीनी में कैलोरी की भारी मात्रा होती है, जबकि न्यूट्रिशंस बिल्कुल नहीं होते. इसके उपयोग से डायजेशन पर काफी बुरा असर पड़ सकता है और डायबिटीज जैसी लाइफस्टाइल से जुड़ी अनेकों बीमारियां होती हैं.
30 साल से अधिक उम्र के लोगों को डायबिटीज-
अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान एम्स के डाक्टर संदीप मिश्र का कहना है कि ब्लड में शुगर की मात्रा तेजी से बढ़ाने में रिफाइंड काब्रोहाइड्रेट का अहम योगदान है जोकि मैदा जैसे खाद्य पदार्थों में पाया जाता है. मीठी चीजों का यदि सेवन करना ही हो तो देसी गुड़ या शहद उपयुक्त विकल्प हैं. मिश्र ने कहा कि एक अनुमान के मुताबिक, देश की आबादी में 30 वर्ष से उपर की आयु के करीब 10 प्रतिशत लोग डायबिटीज की बीमारी से ग्रस्त हैं या इसके करीब हैं.
आर्टिफिशियल व्हाइट चीजें हैं जहर-
अग्रवाल ने कहा कि लोग आज पैक्ड आटा लाते हैं जिसमें मैदा मिली होती है. वैसे ही आज छिलका उतरा हुआ सफेद चावल ही हर जगह खाया जाता है. कुल मिलाकर आर्टिफिशियल व्हाइट चीजों ने हमारे जीवन में जहर घोल दिया है.
इसलिए रखा जाता था व्रत-
उन्होंने कहा कि हमारे देश में व्रत आदि रखने की परंपरा के वैज्ञानिक कारण थे. अन्न दोष से बचने के लिए लोग सप्ताह में एक दिन उपवास रखते और उस दिन गेहूं से बनी चीजों का परित्याग करते थे. इसी तरह, महीने में एक दिन चावल का परित्याग करते थे. इससे उनकी इंसुलिन प्रतिरोधक क्षमता बढ़ती थी.
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(Source: ECI/ABP News/ABP Majha)
... तो इन वजहों से होती है डायबिटीज!
एजेंसी
Updated at:
07 Feb 2017 10:28 AM (IST)
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