Children Health Problem: बच्चों में मृत्यु के प्रमुख कारण उम्र के अनुसार अलग-अलग होते हैं. 5 वर्ष से कम उम्र के बच्चे विशेष रूप से मलेरिया, निमोनिया, दस्त, एचआईवी और तपेदिक जैसे संक्रामक रोगों की चपेट में आते हैं. 2019 में 5 वर्ष से कम आयु के बच्चों में लगभग 30 प्रतिशत वैश्विक मौतों के लिए निमोनिया, डायरिया और मलेरिया जिम्मेदार थे. दुनिया के सबसे गरीब क्षेत्रों में बच्चे असमान रूप से प्रभावित हैं, विशेष रूप से उप-सहारा अफ्रीका में संक्रामक रोग ज्यादा होते हैं. यूनिसेफ बच्चों को बीमारी से मरने से बचाने और रोकने के लिए दुनिया भर में काम करता है. तो चलिए जानते हैं कि बच्चों में किन रोगों के होने की ज्यादा संभावना होती है.


निमोनिया


यूनिसेफ के अनुसार, निमोनिया 5 साल से कम उम्र के बच्चों में मौत का प्रमुख संक्रामक कारण है, जिससे सालाना लगभग 700,000 बच्चों की मौत हो जाती है. दुनिया के कई हिस्सों में, हर मिनट निमोनिया से एक बच्चे की मौत हो जाती है - भले ही यह बीमारी पूरी तरह से रोकी जा सकती है और इसे एंटीबायोटिक दवाओं के साथ आसानी से प्रबंधित किया जा सकता है.


डायरिया


हाल के वर्षों में, दस्त से होने वाली बच्चों की मृत्यु को कम करने में महत्वपूर्ण प्रगति हुई है. लेकिन दस्त छोटे बच्चों की होने वाली मृत्यु का प्रमुख कारण बना हुआ है. हालांकि, उचित तरल पदार्थ, स्तनपान, निरंतर भोजन और एंटीबायोटिक दवाओं के इस्तेमाल से डायरिया से राहत पाई जा सकती है.


मलेरिया


निमोनिया और डायरिया के बाद एक महीने से लेकर 5 साल तक के छोटे बच्चों के लिए मलेरिया दुनिया की तीसरी सबसे घातक बीमारी है. यूनिसेफ की रिपोर्ट के अनुसार, 2019 में 5 वर्ष से कम आयु के लगभग 274,000 बच्चों की बीमारी से मृत्यु हो गई, जो वैश्विक मलेरिया से होने वाली मौतों का 67 प्रतिशत है. 


क्षय रोग (टीबी) 


क्षय रोग (टीबी) एक ऐसी बीमारी है जिसके बारे में दुनिया जानती है कि इसे कैसे रोका जाए और इसका इलाज कैसे किया जाए. यूनिसेफ की रिपोर्ट के अनुसार, 15 वर्ष से कम आयु के 600 से अधिक बच्चे प्रतिदिन इससे मरते हैं और प्रत्येक वर्ष ये संख्या लगभग सवा लाख होती है. इनमें से ज्यादातर मौतें 5 साल से कम उम्र के बच्चों में होती हैं.


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