Bleeding Disorder: शरीर में कहीं भी चोट लगने के बाद ब्लड निकलने लगता है. एक हेल्दी इंसान को जब चोट लगती है तो ब्लड क्लॉट कर जाता है क्योंकि इसमें प्रोटीन और प्लेटलेट्स होते हैं. लेकिन कुछ लोग ऐसे हैं जिनका ब्लड क्लॉट नहीं होता है. इस स्थिति को ब्लीडिंग डिसऑर्डर कहा जाता है.
ब्लीडिंग डिसऑर्डर कई गंभीर स्थिति को पैदा करती है
इस स्थिति में एक बार ब्लीडिंग शुरू हो जाए तो ब्लड क्लॉट नहीं होता है. जिन लोगों की ब्लीडिंग डिसऑर्डर की समस्या होती है उन्हें बढ़ते उम्र के साथ कई गंभीर समस्याओं का सामना करना पड़ता है. इसके पीछे की वजह खून में जरूरी प्रोटीन और प्लेटलेट्स की कमी बताई जाती है. यह इतनी ज्यादा खतरनाक होती है कि कई बार शरीर के अंदर यह ब्लीडिंग होने लगती है.
ब्लीडिंग डिसऑर्डर के कारण
जब किसी व्यक्ति के ब्लड में प्रोटीन और प्लेटलेट्स ठीक ढंग से काम नहीं करते हैं तो उन्हें इस बीमारी से जूझना पड़ता है. अगर कोई ब्लड को क्लॉट होना है तो उसमें 20 से अधिक प्लाज्मा प्रोटीन की जरूरत पड़ती है. जब ब्लड में क्लॉटिंग की कमी होती है तो यह ठीक से काम नहीं कर पाता है. यह बीमारी कुछ लोगों में जेनेटिक होती है.
ब्लीडिंग डिसऑर्डर के कारण
शरीर में विटामिन के की कमी
ब्लड क्लॉट को कंट्रोल दवाओं को ज्यादा मात्रा खाना
लिवर से जुड़ी बीमारी के कारण
जेनेटिक कारण
कई सारी दवाओं के साइड इफेक्ट्स
ब्लीडिंग डिसऑर्डर के लक्षण
ब्लीडिंग डिसऑर्डर के सारे लक्षण हो सकते हैं
पीरियड्स के दौरान काफी ज्यादा ब्लीडिंग
नाक से ब्लड निकलना
हल्का सा कट या चोट लगने पर हेवी ब्लीडिंग
जोड़ों और मांसपेशियों में ब्लीडिंग
ब्लीडिंग डिसऑर्डर का कोई सटीक इलाज नहीं है लेकिन मरीजों को होने वाली परेशानी से बचाने के लिए डॉक्टर को कुछ दवाइयां देते हैं. जिससे इसे कंट्रोल किया जा सकता है. कई बार ज्यादा ब्लीडिंग के कारण शरीर में आयरन की कमी हो जाती है. इसके लिए आयरन सप्लीमेंट दिए जाते हैं.
Disclaimer: खबर में दी गई कुछ जानकारी मीडिया रिपोर्ट्स पर आधारित है. आप किसी भी सुझाव को अमल में लाने से पहले संबंधित विशेषज्ञ से सलाह जरूर लें.
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