Olive Oil: क्या ज्यादा एक्स्ट्रा वर्जिन ऑलिव ऑयल आपकी सेहत के लिए है खतरनाक, रिसर्च के नतीजे जानकर चौंक जाएंगे आप
एक्स्ट्रा वर्जिन ऑलिव ऑयल की दोनों तरह की डाइट के बाद कार्डियोमेटाबॉलिक प्रोफाइल में चेंज की स्टडी की गई. इस कार्डियोमेटाबॉलिक प्रोफाइल में कोलेस्ट्रॉल, ब्लड शुगर और इनफ्लेमेशन शामिल है.
Olive Oil: अपने दिल की सेहत को मजबूत रखने के लिए बहुत से नॉन वेजिटेरियन लोग भी अब वीगन डाइट पर शिफ्ट हो रहे हैं. इसके लिए वो अपनी डाइट में नट्स, फ्रूट्स और सब्जियां भी शामिल करते हैं. जिसके लिए थोड़ी सी ड्रेसिंग का भी उपयोग किया जाता है. इस तरह की डाइट की मदद से बॉडी फैट लेवल घटाया जा सकता है.
ड्रेसिंग के लिए कई लोग एक्स्ट्रा वर्जिन ऑलिव ऑयल को यूज करते हैं. क्या ये हेल्दी रहने के लिए राइट च्वाइस है. यूनिवर्सिटी ऑफ फ्लोरिडा और नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ डायबिटीज एंड डाइजेस्टिव एंड किज्नी डिसीज के रिसर्चर्स ने इस पर एक गहन अध्ययन किया है.
ऑलिव ऑयल का सेहत पर असर (Effect Of Olive Oil On your Health)
इन पर हुई रिसर्च
ये रिसर्च उन इंडिविजुअल्स पर बेस्ड है जो प्लांट बेस्ड डाइट पर रहते हुए atherosclerotic cardiovascular डिसीज के रिस्क पर हैं. विगन डाइट के प्रमोशन के साथ ही एक्स्ट्रा वर्जिन ऑलिव ऑयल का उपयोग भी तेजी से बढ़ा है. इस सोच के साथ कि ये तेल कॉलेस्ट्रोल का लेवल घटाता है.
मेडिटेरियन डाइन का अर्थ है एनिमल फूड से मिलने वाले फेट. जिसमें ऑलिव ऑयल ड कर ये माना जाता है कि फैट कंजम्शन शरीर के एनर्जी इनटेक का आधा हो जाता है. स्टडी में मेडिटेरियन डाइट के फायदे देखे गए हैं साथ ही ये भी देखा गया कि क्या वाकई लो फैट, होल फूड प्लांट बेस्ड टाइड में ऑलिव ऑयल मिलाकर क्या वाकई हार्ट डिसीज का रिस्क फैक्टर कम किया जा सकता है. या इसकी संभावनाएं बहुत कम हैं.
रिसर्च का पैमाना
ये जांचने के लिए रिसर्च करने वालों की टीम ने 40 एडल्ट्स चुने. जिनकी उम्र 18 से लेकर 79 साल के बीच की थी. इन सभी को पूरे आठ हफ्ते के लिए वीगन डाइट पर रखा गया. इन आठ हफ्तों में से चार हफ्ते उनके खाने में चार चम्मच ज्यादा एक्स्ट्रा वर्जिन ऑलिव ऑयल मिलाया गया. अगले चार हफ्ते उनके खाने में एक्स्ट्रा वर्जिन ऑलिव की मात्रा को सीमित रखा गया. इस डाइट चेंज के बीच में एक हफ्ते का गैप भी रखा गया.
एक्स्ट्रा वर्जिन ऑलिव ऑयल की दोनों तरह की डाइट के बाद कार्डियोमेटाबॉलिक प्रोफाइल में चेंज की स्टडी की गई. इस कार्डियोमेटाबॉलिक प्रोफाइल में कोलेस्ट्रॉल, ब्लड शुगर और इनफ्लेमेशन शामिल है. स्टडी के लिए इस डाइट के पहले और डाइट के बाद का समय चुना गया. शोधकर्ताओं ने जाना कि रिसर्च की बेसलाइन, यानी जहां से शुरूआत की थी वहां से लेकर लो टू हाई एक्स्ट्रा वर्जिन ऑलिव ऑयल वाली डाइट की वजह से कोलेस्ट्रोल लेवल भी बदला है.
रिसर्च के नतीजे
रिसर्च के नतीजे चौंकाने वाले हैं. जिस पीरियड में थोड़ा ज्यादा एक्स्ट्रा वर्जिन ऑलिव ऑयल खाया गया था उस पीरियड में एलडीएल यानी कि बेड कोलेस्ट्रोल का लेवल कम हो गया था. हालांकि रिसर्चर्स ये भी स्पष्ट कर चुके हैं कि इस बारे में आगे भी शोध जारी रहेगी.
उसके अगले हफ्ते जब एक्स्ट्रा वर्जिन ऑलिव ऑयल की मात्रा सीमित कर दी गई तब बेड कोलेस्ट्रोल के घटने की रफ्तार भी कम हो गई. आसान भाषा में कहें तो एक्स्ट्रा वर्जिन ऑलिव ऑयल की मात्रा घटाने से पहले उन लोगों को सोचना जरूरी है जो हार्ट डिसीज के रिस्क पर हैं. ये रिसर्च जर्नल ऑफ द अमेरिकन हार्ट एसोसिएशन पब्लिश हुई है.
Disclaimer: खबर में दी गई कुछ जानकारी मीडिया रिपोर्ट्स पर आधारित है. आप किसी भी सुझाव को अमल में लाने से पहले संबंधित विशेषज्ञ से सलाह जरूर लें.
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