गांव के चौके से निकलकर फाइव स्टार होटल तक, भारत में क्यों है फर्मेंटेड फूड खाने का रिवाज... किनके लिए हैं सबसे हेल्दी?
Fermented Foods: ऐसा भोजन जिसे तैयार करने की प्रक्रिया में पहले खमीर उठाया जाता है, उसे फर्मेंटेड फूड कहते हैं. कुछ लोगों के लिए ये फूड लाइव सेवर की तरह काम करता है, इन्हें हर दिन इसका सेवन करना चाहिए
Health Benefits Of Fermented Foods: स्वाद से भरपूर हेल्दी फूड्स की ढेरों वैरायटीज के मामले में भारतीय रसोई से कोई मुकाबला नहीं कर सकता. इन्हीं में शामिल हैं फर्मेंटेड फूड्स यानी किण्विड फूड्स यानी ऐसे भोजन जिन्हें खमीर उठने के बाद बनाया जाता है. जैसे, इडली, कुलचा, ढोकला इत्यादि. ये तो वे फूड्स हुए जो आंच पर पकाकर तैयार किए जाते हैं. फर्मेंटेड फूड्स ऐसे भी होते हैं, जिन्हें तैयार करने के लिए आंच या हीट की कोई जरूरत नहीं होती है. खमीर उठाकर बनाए गए फूड के फायदों के बारे में आपको यहां बताया जा रहा है, साथ ही ये भी कि किन लोगों को इन फूड्स का सेवन डेली लाइफ में करना चाहिए...
फर्मेंटेड फूड्स क्या हैं?
ऐसा भोजन जिसे तैयार करने की प्रक्रिया में पहले किण्वन किया जाए, उन्हें फर्मेंटेड फूड्स कहते हैं. किण्वन यानी खमीर उठाना और खमीर यानी प्रोबायोटिक्स को विकसित करना. किण्वन के दौरान फूड्स में हेल्दी बैक्टीरिया ग्रो करते हैं. ये पाचन को बेहतर बनाने, आंतों को हेल्दी रखने, हॉर्मोन्स का सीक्रेशन सही रखने और मेंटल हेल्थ को सही रखने में मदद करते हैं. भारतीय रसोई में जिन किण्वित फूड्स का सबसे अधिक उपयोग किया जाता है, उनमें ये नाम शामिल हैं...
- दही
- ढोकला
- इडली
- डोसा
- कुलचा
- सिरके की प्याज
- आंवला
- सिरके की मूली
- खीरा
- गाजर
- गोभी
- गाजर और चुकंदर से बनी कांजी
कैसे बनाते हैं फर्मेंटेड फूड्स?
- इस प्रक्रिया में भोजन को कुछ घंटों से लेकर कुछ दिनों के लिए रूम टैम्प्रेचर पर रख दिया जाता है. यानी सामान्य तापमान पर रखकर इसमें खमरी उठने की प्रक्रिया का इंताजर किया जाता है. जैसे, दही बनने के लिए दूध में जावन डालकर रातभर के लिए छोड़ दिया जाता है. ढोकला या इडली बनाने के लिए बैटर तैयार करके इसे कुछ घंटों के लिए रख दिया जाता है.
- आंच पर बनने वाले फर्मेंटेड फूड्स को तैयार करने के लिए ऐसी चीजों का भी उपयोग किया जाता है जो फर्मेंटेशन की प्रक्रिया को तेज करते हैं. जैसे, बेकिंग सोडा, छाछ, नींबू का रस इत्यादि. लेकिन फर्मेंटेड आंवला या कांजी बनाने के लिए इन्हें ऐसे ही सामान्य तापमान पर रख दिया जाता है.
- फर्मेंटेड मूली, गाजर, प्याज इत्यादि बनाने के लिए सिरके का उपयोग किया जाता है और सिरका फर्मेंटेड प्रक्रिया से पहले ही बनाकर तैयार कि जाता है. बाद में इसमें ये चीजें डालकर कुछ दिन के लिए छोड़ दिया जाता है.
फर्मेंटेड फूड खाने के फायदे
फर्मेंटेड फूड में विटामिन-सी, विटामिन-बी12, आयरन और जिंक जैसे पोषक तत्व पाए जाते हैं. इसलिए इनके सेवन से कई बीमारियों से बचाव होता है और इन्हें कंट्रोल रखने में भी मदद मिलती है...
- पाचन तेज होता है
- आंतें स्वस्थ रहती हैं
- बीपी की समस्या कंट्रोल रहती है
- कोलेस्ट्रोल में सुधार होता है
- मेंटल हेल्थ अच्छी रहती है
किन्हें जरूर खाना चाहिए फर्मेंटेड फूड?
अगर आप एंग्जाइटी, डिप्रेशन, हार्ट डिजीज, खराब पाचन, हाई कोलेस्ट्रोल, आंतों से जुड़ी समस्या जैसी किसी भी बीमारी से जूझ रहे हैं तो आपको डॉक्टर की सलाह के बाद अपने लिए बेस्ट फर्मेंटेड फूड का चुनाव करना चाहिए और इसे अपनी डेली डायट का हिस्सा बनाना चाहिए.
Disclaimer: इस आर्टिकल में बताई विधि, तरीक़ों व दावों को केवल सुझाव के रूप में लें, एबीपी न्यूज़ इनकी पुष्टि नहीं करता है. इस तरह के किसी भी उपचार/दवा/डाइट और सुझाव पर अमल करने से पहले डॉक्टर या संबंधित एक्सपर्ट की सलाह जरूर लें.
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