Covid Infection: कोरोना ने जो तबाही मचाई थी, उसका असर दो-तीन साल तक भी अपना असर बनाए हुए है. पोस्ट कोविड सांस से लेकर हार्ट तक कई तरहकी बीमारियों से लोग परेशान रहे और आज भी इसके इफेक्ट झेल रहे हैं. इन पोस्ट कोविड बीमारियों का अभी पूरी तरह खात्मा भी नहीं हुआ था कि कोरोना की लहर फिर से लोगों को अपनी चपेट में लेने लगी है. हालांकि हमारे देश में ज्यादातर लोगों को कोविड की वैक्सीन लग चुकी है लेकिन इसका ये मतलब बिल्कुल नहीं है कि अब किसी को कोरोना नहीं होगा! इसलिए कुछ बातों का ध्यान रखना बहुत जरूरी है. ताकि आने वाले समय में आप और आपकी फैमिली इन गंभीर पोस्ट कोविड परिणामों से बचे रह सकें...


सबसे पहले दूर करें ये भ्रम


कोरोना वैक्सीन के बारे में बहुत सारे लोगों को ये भ्रम है कि हमें वैक्सीन लग चुकी है इसलिए अब हमें कोरोना नहीं हो सकता. अगर आप भी ऐसा कुछ सोचते हैं तो इस भ्रम को अपने मन से निकाल दें. क्योंकि कोविड वैक्सीन लगाने का अर्थ यह नहीं है कि आपको फिर से कोरोना नहीं हो सकता! बल्कि इसका मकसद ये है कि अगर आपको कोरोना हो जाए तो आपकी जान जोखिम में ना जाए. क्योंकि कोरोना एक संक्रामक रोग है इसलिए इसके प्रसार को कुछ खास सेफ्टी टिप्स के साथ ही रोका जा सकता है. 


कोरोना के बाद होने वाली गंभीर समस्याएं


कोविड-19 और इसके कई सब-वेरिएंट्स में से डेल्टा और ओमिक्रोन की लहर झेलने के बाद ज्यादातर लोग जिन गंभीर स्वास्थ्य समस्याओं से गुजर रहे हैं, उनमें ये बीमारियां प्रमुख रूप से शामिल हैं...


1. अस्थमा की बढ़ती समस्या


जैसा कि आप जानते हैं कि कोरोना श्वसन तंत्र पर सबसे पहले हमला करता है, इस कारण हमारा शरीर अंदर के कमजोर हो जाता है और जिन लोगों को पहले से सांस संबंधी कोई समस्या थी या कमजोरी थी या उनकी रोग प्रतिरोधक क्षमता काफी कम रही है तो उनमें अस्थमा का अटैक और इसका बढ़ा हुआ खतरा देखने को मिल रहा है.


2. हार्ट अटैक
पोस्ट कोविड जिस तरह यंग लोगों में लगातार हार्ट अटैक के केसेज देखने को मिले, ये स्थिति वाकई भयावह है. 21 साल के नवयुवक से लेकर 35 साल के हेल्दी युवा को अचानक हार्ट अटैक आना और पहले ही अटैक में उसकी चंद सेकेंड्स में जान चले जाना... ऐसे कई केसेज पिछले दो साल में देखने को मिले हैं. 


3. मानसिक बीमारियां
हमारे यहां मेंटल हेल्थ के बारे में इतनी जागरूकता कभी नहीं थी, जितनी कोरोना के बाद बढ़ी. ऐसा इसलिए हुआ क्योंकि पोस्ट कोविड मेंटल हेल्थ इश्यूज खासतौर पर एंग्जाइटी और स्ट्रेस से जूझने वाले लोगों की बाढ़-सी आ गई. कंफ्यूजन, फोकस संबंधी इश्यूज भी इसी कड़ी में शामिल हैं.


4. सांस संबंधी समस्याएं
कोविड के कारण लंग्स और रेस्पिरेट्री सिस्टम पर बहुत बुरा असर पड़ता है क्योंकि कोविड सबसे पहले इन्हीं पर अटैक करता है. यह एक बड़ी वजह है कि पोस्ट कोविड लंग्स संबंधी बीमारियों के मरीज तेजी से बढ़े तो सांस संबंधी बीमारियों के मरीजों की कतार भी बढ़ गई.


5. किडनी की बीमारियां
ऐसा नहीं है कि कोरोना के कारण सिर्फ हार्ट और लंग्स पर ही बुरा असर पड़ा. क्योंकि ये एक ऐसा इंफेक्शन है जो शरीर को अंदर से खोखला बना देता है और बॉडी को अपनी खोई हुई इम्युनिटी पाने में लंबा समय लगता है. इसी क्रम में किडनी पर भी बहुत बुरा असर देखने को मिला. कई मरीजों को पोस्ट कोविड किडनी से जुड़ी अलग-अलग तरह की बीमारियों का सामना करना पड़ रहा है, जिनमें किडनी डैमेज होना भी शामिल है.


6. पैरालिसिस की समस्या
बड़ी उम्र के लोगों में खासतौर पर 60 की उम्र के आस-पास के जो लोग कोरोना को हराने में कामयाब रहे, उनमें पैरालिसिस के अटैक की समस्या देखने को मिली. ये बात हम आपको सिर्फ देश के स्तर पर नहीं बल्कि अलग-अलग समय पर इंटरनेशल एजेंसीज द्वारा जारी की गई रिपोर्ट्स के हवाले से कह रहे हैं.


7. मोटापा बढ़ जाना
जिन लोगों को कोरोना के दौरान स्टेरॉइड्स दिए गए, उनमें मोटापा बढ़ने, शरीर फूलने और शरीर में भारीपन की समस्या के शिकायतें लगातार देखने को मिलीं.


8. नसों में दर्द की समस्या
नर्व्स में पेन रहना ये एक ऐसी बीमारी है,जिसने पोस्ट कोविड कई लोगों की सेहत को गंभीर नुकसान पहुंचाया है. खासतौर पर उन लोगों को जिन्हें एक से अधिक बार कोरोना हुआ है. इस बीमारी में इंसान को उठने, बैठने या वे काम करने में भी दिक्कत होती है, जिन्हें ये अब तक बहुत आसानी से कर लेते थे.


9. ब्लड प्रेशर की समस्या
बीपी हाई रहना और कुछ केसेज में बीपी अचानक से लो हो जाना जैसी स्थितियां पोस्ट कोविड देखने को मिल रही हैं. इसलिए सभी लोगों को अपनी डायट पर जरूर ध्यान देना चाहिए.


10. डायबिटीज भी बढ़ रही है
यह हैरान करने वाला है लेकिन पोस्ट कोविड यंग लोगों में डायटबिटीज की समस्या भी तेजी से बढ़ रही है. इसलिए इन्हें अपनी डायट और लाइफस्टाइल दोनों को हेल्दी रखना चाहिए.


11. कैंसर का बढ़ा खतरा
हेल्थ एक्सपर्ट्स का कहना है कि कोरोना वायरस की लेयर में कई तरह के प्रोटीन का मिश्रण देखने को मिलता है, इसलिए ये शरीर के अंदर कार्सिनोजेनिक सेल्स को प्रमोट करने का और कैंसर का खतरा बढ़ाने का कारण बन सकता है. ये खतरा बहुत बड़ा है हालांकि इसके बारे में पुख्ता जानकारी आने वाले समय में सामने आएगी, जब आंकड़ों के आधार पर बात की जा सकेगी.


 


Disclaimer: इस आर्टिकल में बताई विधि, तरीक़ों और सुझाव पर अमल करने से पहले डॉक्टर या संबंधित एक्सपर्ट की सलाह जरूर लें.


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