Home Remedies For Snoring: खर्राटों की समस्या से आजकल ज्यादातर लोग परेशान रहते हैं. खासतौर पर मेंटल वर्क करने वाले लोगों में या मेंटल स्ट्रेस में रहने वाले लोगों में यह समस्या बहुत अधिक देखने को मिल रही है. स्ट्रेस और खर्राटों में कोई लिंक है या नहीं इस पर फिर कभी बात करेंगे. फिलहाल बात करते हैं, खर्राटे ठीक करने के तरीके पर, जो पूरी तरह आयुर्वेद पर आधारित है और इसके कोई साइड इफेक्ट्स भी नहीं हैं...


कैसे ठीक करें खर्राटों की समस्या?


खर्राटों से बचने के कई अलग-अलग उपाय हैं.ये उपाय इस बात पर निर्भर करते हैं कि आप किस पेथी के माध्यम से अपना इलाज करा रहे हैं. फिलहाल हम  यहां आपको एक आयुर्वेदिक नुस्खा बता रहे हैं, जिसके जरिए आपको सिर्फ 21 दिन में ही शानदार बदलाव दिखेगा. फिर आप इस उपचार को अगले 3 महीने तक उपयोग में ला सकते हैं और अपनी समस्या को पूरी तरह कंट्रोल कर सकते हैं...



  • दो बूंद देसी घी लेकर सोते समय अपनी नाक के सुरो (नॉस्टल्स) में एक-एक बूंद डाल लें. इसे डालने के बाद कुछ देर के लिए सीधे यानी पीठ के बल ही लेटे रहना है, इसके बाद आप करवट लेकर सो सकते हैं. ये आसान-सा उपाय आपकी खर्राटों की समस्या को लगभग गायब कर देगा. यह घी देसी गाय के दूध से बना हुआ पूरी तरह शुद्ध घी होना चाहिए.

  • हालांकि कुछ लोगों को इस उपाय का जल्दी असर दिख सकता है, जबकि कुछ लोगों को आराम आने में समय लग सकता है. लेकिन 21 दिन से 3 महीने के अंदर आपको फर्क जरूर दिखेगा.


सबके लिए हानिकार नहीं हैं खर्राटे


खर्राटे हेल्थ के लिए बहुत अधिक नुकसानदायक होते हैं. क्योंकि ये इस बात का भी लक्षण होते हैं कि शरीर में आवश्यकता के अनुसार ऑक्सीजन नहीं पहुंच पा रहा है. ये हार्ट और ब्रेन हेल्थ दोनों के लिए नुकसानदायक माने जाते हैं. हालांकि ज्यादातर मामलों में हर व्यक्ति को लाइफ में कभी ना खर्राटों की समस्या जरूर होती है. हालांकि खर्राटें सभी के लिए हानिकारक नहीं होते हैं. ये एक बहुत गहरी बात है, जिससे हेल्थ के अलग-अलग आसपैक्स्ट्स जुड़े हैं. क्योंकि मुंह और साइनस की बनावट या फिर एल्कोहॉल के सेवन के कारण भी खर्राटों की समस्या हो सकती है.


खर्राटे आने की मुख्य वजह क्या है?



  • जैसा कि हम ऊपर भी बता चुके हैं कि खर्राटे किसी एक कारण से नहीं आते बल्कि इसकी कई अलग वजह हो सकती हैं. लेकिन आज के समय में इनके जो मुख्य कारण सामने आते हैं, उनमें माउथ और साइनस के स्ट्रक्चर के साथ ही एल्कोहॉल का सेवन भी शामिल है. 

  • एलर्जी, कोल्ड, वजन का बहुत अधिक बढ़ना भी खर्राटों की वजह बन जाते हैं. जब सोते समय आप हल्की नींद से गहरी नींद में जाते हैं तो मुंह के सॉफ्ट टिश्यूज, जीभ और गला पूरी तरह रिलैक्स पोजिशन में चले जाते हैं, इससे कई बार सांस आने-जाने का रास्ता ब्लॉक हो जाता है. फिर जब सांस लेते समय इनके बीच से एयर पास होती है तो ये वाइब्रेट होते हैं, जिससे होने वाले साउंड को हम खर्राटे कहते हैं.


 


Disclaimer: इस आर्टिकल में बताई विधि, तरीक़ों व दावों को केवल सुझाव के रूप में लें, एबीपी न्यूज़ इनकी पुष्टि नहीं करता है. इस तरह के किसी भी उपचार/दवा/डाइट और सुझाव पर अमल करने से पहले डॉक्टर या संबंधित एक्सपर्ट की सलाह जरूर लें.


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