कुछ महिलाओं के लिए पीरियड्स के वो 5 दिन काफी कष्टदायक होते हैं. मूड स्विंग के साथ-साथ पेट में मरोड़ जैसी दिक्कत भी होती है. अक्सर डॉक्टर्स का कहना है कि पीरियड्स के दौरान साफ-सफाई का खास ख्याल रखना चाहिए. क्योंकि ऐसा न करने से इंफेक्शन का खतरा काफी ज्यादा बढ़ता है. मेंस्ट्रुअल हाईजीन बेहद जरूरी होता है. साफ और लॉन्ग ट्रेवल के दौरान यह काफी चैलेंजिंग होता है. ट्रेवल के दौरान साफ-सफाई का खास ख्याल रखना चाहिए.
मेंस्ट्रुअल हाईजीन कितना जरूरी है?
पीरियड्स 2-7 दिनों के लिए होती है. इस दौरान लगातार या 2-3 दिन तक हैवी ब्लीडिंग होती है. लगातार पैड लगाए रखने के कारण पसीना और खुजली जैसी समस्या होती है. जिसके कारण इंफेक्शन का खतरा बढ़ जाता है. पीरियड्स के दौरान ब्ली़डिंग के कारण कई महिलाओं को पैड लगातार लगाने से रैशेज की समस्या होती है.
यह तब ऐसा होता है जब पैड्स लॉम्ग टाइम तक गीले और जांघों में रगड़ के कारण होते हैं. सिर्फ इतना ही नहीं अगर आप एक ही पैड को काफी घंटों तक लगाए रखते हैं तो कई सारी बीमारियों का खतरा बढ़ता है जैसे यूटीआई और वजाइनल इंफेक्शन. जो महिलाएं साफ-सफाई का खास ख्याल नहीं रखती हैं उन्हें बदबू का सामना भी करना पड़ता है.
ओवेरियन कैंसर का भी बढ़ता है खतरा
घंटों तक पैड लगा रहने से उसमें नमी होने लगती है. इससे यूरिनरी ट्रैक्ट इंफेक्शन, वजाइनल इंफेक्शन, स्किन रैशेज, पेल्विक रैशेज, पेल्विक इंफ्लामेंट्रीकी बीमारी और यहां तक कि सर्वाइकल कैंसर का खतरा भी बढ़ता है. इसलिए जब भी आप ट्रेवल करते हैं तो समय-समय पर पैड चेंज करते रहें. पीरियड्स के दौरान गंदे, फटे हुए पैड का इस्तेमाल करेंगे तो इससे एलर्जिक रिएक्शन की संभावना बढ़ती है. इसके कारण जलन और खुजली की शिकायत होती है. अगर आप साफ-सफाई का ख्याल नहीं रखेंगे तो इससे खुजली हो सकती है. इसलिए पैड बदलते रहें.
ढेर सारा पानी पिएं: पीरियड्स के दौरान खूब पानी पिएं. इससे यूरिन क्लियर होता है. अगर आप के अंदर खतरनाक बैक्टीरिया पनप रही है तो वह पानी के जरिए बाहर निकल जाएगी. इससे इंफेक्शन का खतरा कम होता है.
हाथ न धोना: सैनिटरी नैपकिन जब भी बदले तो साबुन से हाथ जरूर धोएं. क्योंकि अगर आप ऐसा नहीं करते हैं तो इससे यीस्ट इंफेक्शन या हेपेटाइटिस बी का खतरा भी काफी ज्यादा रहता है. इसलिए चेंज करने के बाद हाथ जरूर धोएं.
Disclaimer: खबर में दी गई कुछ जानकारी मीडिया रिपोर्ट्स पर आधारित है. आप किसी भी सुझाव को अमल में लाने से पहले संबंधित विशेषज्ञ से सलाह जरूर लें.
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