Use Of Painkillers: फौरी तौर पर राहत देने वाली 'पेन किलर' कहीं बाद में ना बन जाए पेनफुल, इसलिए ये चीजें ध्यान रखें
Painkillers helpful or harmful: दर्द में तुरंत आराम चाहिए तो पेनकिलर्स इसका आसान उपाय होती हैं. लेकिन ये आपको क्षणिक आराम के साथ ही कई जानलेवा बीमारियों की नींव भी दे सकती हैं. यहां विस्तार से जानें.
Side effects of painkiller tablets: पेन किलर्स का सेवन हम सभी करते हैं. कभी सिर में दर्द जैसी आम समस्या से राहत पाने के लिए तो कभी किसी बीमारी के गंभीर दर्द में तुरंत आराम पाने के लिए. इन स्थिति में पेन किलर्स रामबाण की तरह होती हैं. युवाओं में पेन किलर्स के प्रति एक अलग ही क्रेज देखने को मिलता है. फोन और टैब में व्यस्त रहने वाली यह पीढ़ी दर्द को बिल्कुल बर्दाश्त नहीं करना चाहती. थोड़ा भी दर्द होने पर तुरंत पेन किलर्स का सेवन करना इन्हें बहुत स्मार्ट तरीका लगता है. क्योंकि इनका मानना है कि जब दर्द रोकना ही है तो इसे बढ़ने ही क्यों देना. यह सोच अपनी जगह ठीक है लेकिन सुरक्षित नहीं. इसलिए पेनकिलर्स (Painkillers) को लेने के भी अपने कुछ नियम हैं. इनके सेवन से पहले होने वाली हानि के बारे में जान लेना चाहिए.
कैसे काम करती हैं पेन किलर्स?
शरीर के किसी भी अंग में दर्द होने पर जब आप पेन किलर का सेवन करते हैं तो यह ब्लड को पतला करने का काम करती है. ब्लड थिकनेस कम होती है, इंफ्लेमेशन में आराम मिलता है और गैस पास हो जाती है, इन सभी चीजों के कारण दर्द से आराम का अनुभव होता है. यहां तक तो ठीक है. लेकिन जब खून पतला हो जाता है तो किडनी की हालत खराब हो जाती है. क्योंकि उसे अपने काम करने के लिए पर्याप्त मात्रा में थिक ब्लड नहीं मिल पाता और अपनी जरूरत को पूरा करने के लिए किडनी को कहीं अधिक तनाव लेना पड़ता है. यही कारण है कि घर के बड़े अक्सर युवाओं को पेनकिलर्स लेने से रोकते हैं और घरेलू नुस्खे या आयुर्वेदिक चूर्ण लेने की सलाह देते हैं.
क्या फीवर में ली जाने वाली पेनकिलर्स भी नुकसान पहुंचाती हैं?
बुखार होने पर तो खुद डॉक्टर्स ही पेनकिलर्स प्रस्क्राइब करते हैं. ऐसे में क्या इन्हें लेना सुरक्षित होता है? तो इस प्रश्न का उत्तर यह है कि पेनकिलर्स कभी भी ली जाएं ये शरीर को किसी ना किसी रूप में हानि जरूर पहुंचाती हैं. अंग्रेजी दवाओं के साथ यह बेसिक समस्या है कि इन्हें आप जिस बीमारी को ठीक करने के लिए लेते हैं, वो तो ठीक हो जाती है लेकिन ये कब कौन-सी नई बीमारी आपके शरीर में ट्रिगर कर दें, इसका कोई भरोसा नहीं होता है. इसलिए फीवर होने पर भी पेनकिलर की सिर्फ उतनी ही डोज लेनी चाहिए जितनी डॉक्टर ने सुझाई हो. अपनी मर्जी से अधिक बार दवाई खाना पेट संबंधी समस्याएं, किडनी डैमेज, हार्ट प्रॉब्लम जैसी घातक बीमारियां दे सकता है.
इस स्थिति में लिवर डैमेज कर देती हैं पेन किलर्स?
रोज पेन किलर का सेवन करना किडनी खराब कर देता है. लेकिन जो लोग पेन किलर का सेवन भी करते हैं और एल्कोहॉल भी पीते हैं, उनकी किडनी के साथ ही लिवर भी डैमेज हो जाता है. हो सकता है कि किडनी से पहले ऐसे लोगों का लिवर डैमेज हो जाए.
हार्ट अटैक से बचाने वाली पेन किलर्स
जिन लोगों को हार्ट अटैक या हार्ट स्ट्रोक की समस्या हो चुकी होती है या ऐसा होने की आशंका होती है, उन्हें डॉक्टर्स खुद कुछ ऐसी पेनकिलर्स देते हैं, जो उनका ब्लड पतला कर सकें. ऐसा इसलिए किया जाता है ताकि पेशेंट को ब्लड क्लोटिंग से बचाया जा सके. हमने यहां किसी भी दवाई का नाम नहीं लिखा है इसलिए हम किसी पर्टिकुलर ब्रांड की मेडिसिन के बारे में बात नहीं कर रहे हैं. लेकिन इतना जान लीजिए कि ये दवाएं खून को पतला करके आपको हार्ट अटैक और हार्ट स्ट्रोक से तो बचा सकती हैं लेकिन अगर आपने इनका अधिक मात्रा में सेवन किया तो ये ब्रेन में ब्लीडिंग की वजह बन सकती हैं. इसलिए डॉक्टर की बताई हुई डोज को अनदेखा ना करें.
ये समस्याएं खड़ी कर देती हैं पेन किलर्स
- किडनी खराब होना
- लिवर डैमेज होना
- ब्रेन में ब्लीडिंग होना
- पेट संबंधी समस्याएं लगातार बनी रहना
- और पेन किलर्स का सबसे खतरनाक साइड इफेक्ट है कैंसर. जी हां अपनी मनमर्जी से पेनकिलर्स का सेवन करना कैंसर की वजह बन सकता है.
पेनकिलर्स लेने की सही विधि
- पेनकिलर्स कभी भी खाली पेट नहीं खानी चाहिए, जब तक कि डॉक्टर ऐसा करने के लिए ना कहे.
- पेनकिलर्स कभी भी चाय, कॉफी, गर्म पेय, सॉफ्ट ड्रिक्स या जूस इत्यादि के साथ ना लें. हमेशा ताजे पानी के साथ ही इनका सेवन करें.
- पेनकिलर्स की डोज उतनी ही लें, जितनी कि डॉक्टर ने सुझाई हो. अपनी मर्जी से डबल डोज लेना नुकसान कर सकता है.
- कभी भी यूं ही मेडिकल से लेकर पेनकिलर्स का सेवन ना करें. इनका कंपोजिशन अलग-अलग हो सकता है और आपके शरीर को क्या चाहिए ये सिर्फ डॉक्टर बता सकते हैं.
Disclaimer: इस आर्टिकल में बताई विधि, तरीक़ों व दावों को केवल सुझाव के रूप में लें, एबीपी न्यूज़ इनकी पुष्टि नहीं करता है. इस तरह के किसी भी उपचार/दवा/डाइट पर अमल करने से पहले डॉक्टर की सलाह जरूर लें.
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