खराब लाइफस्टाइल (Lifestyle) और खानपान की वजह से महिलाएं आजकल कई तरह की बीमारियों का शिकार हो जा रही हैं. आजकल ऐसी कई सारी बीमारी हो रही है जिसकी भनक भी नहीं लगती है और वह शरीर में पूरी तरह फैल जाती है. ऐसी कई सारी बीमारियां है जो सिर्फ महिलाओं को ही होती है. और उन्हें पता तक नहीं चलता है. आज हम उन्हीं साइलेंट किलर (Silent Killer) के बारे में बात करेंगे जो महिलाओं के शरीर में बढ़ती चली जाती है. शुरुआत में इसके लक्षण तो दिखाई नहीं देते हैं लेकिन बाद में यह बीमारी इतनी ज्यादा बढ़ जाती है कि इसे नजरअंदाज करना काफी ज्यादा मुश्किल है. 


एनीमिया


शरीर में खून की कमी के कारण एनीमिया की बीमारी हो जाती है. भारतीय महिलाएं तो अक्सर एनीमिया का शिकार हो जाती है. अगर कोई औरत एनेमिक हैं तो उनके शरीर में ऑक्सीजन की कमी हो जाती है. यह एक ऐसी बीमारी है जो अक्सर महिलाओं को होता है. अगर आपको एनीमिया से बचना है तो आयरन, विटामिन सी और फोलेट से भरपूर खाना खाना चाहिए. अगर कोई महिला इस बीमारी का शिकार हो जाएंगी तो थकान, त्‍वचा का पीला पड़ना, सांस फूलना, सिर घूमना, चक्‍कर आना, और दिल की धड़कन तेज हो जाती है. इस बीमारी से बचने के लिए डाइट में भरपूर आयरन का इस्तेमाल करना चाहिए जैसे पत्तेदार सब्जियां, ऑर्गन मीट आदि. 


पीसीओडी या पीसीओएस
 
पॉलीसिस्टिक ओवरी सिंड्रोम (PCOS) या पॉलीसिस्टिक ओवरी डिजीज (PCOD) यह बीमारी अक्सर हार्मोनल इम्बैलेंस के कारण होता है. इस बीमारी में महिलाओं का मेटाबोलिज्म कमजोर हो जाता है. जिसका सीधा असर पीरियड्स के पूरे साइकिल पर पड़ता है. इसमें रूक-रूक कर पीरियड्स आता है. जिसके कारण हेयर फॉल भी काफी ज्यादा हो जाता है. काफी ज्यादा पिंप्लस निकलने लगते हैं. इसके साथ ही मोटापा बढ़ने लगता है. पीसीओडी की वजह मोटापा मान सकते हैं. इस बीमारी में चीनी और रिफाइंड शुगर बिल्कुल भी नहीं खाना चाहिए साथ ही प्रोसेस्ड फूड से दूरी बना लेनी चाहिए. इस बीमारी में साबुच अनाज और फलियां खानी चाहिए. पीसीओडी के मामले में महिलाएं जल्दी प्रेग्नेंट नहीं हो पाती है. 


मेनोपॉज


उम्र के एक खास पड़ाव पर महिलाओं को मेनोपॉज से गुजरना पड़ता है. यह ऐसा प्रोसेस है जिसमें महिलाओं के पीरियड्स आना बंद हो जाता है. महिलाओं की जिंदगी में यह फेज 42-45 के बीच गुजरना पड़ता है. मेनोपॉज के दौरान फीमेल हॉर्मोन यानी एस्ट्रोजन की शरीर में कमी होने लगती है. दिल की बीमारी का खतरा भी बढ़ जाता है. 


हड्डियों का कमजोर होना


प्रेग्नेंसी के बाद महिलाओं की शरीर कमजोर होने लगती है. इस दौरान शरीर की कैल्शियम की जरूरत होती है. ऐसे में आपको रेग्युलर एक्सरसाइज करने की आवश्यता है. दूध के साथ कैल्शियम के लिए आपको धूप में बैठना चाहिए. 


Disclaimer: इस आर्टिकल में बताई विधि, तरीक़ों और सुझाव पर अमल करने से पहले डॉक्टर या संबंधित एक्सपर्ट की सलाह जरूर लें.


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