खराब लाइफस्टाइल के कारण दिल से जुड़ी गंभीर बीमारियों का खतरा काफी ज्यादा बढ़ जाता हैं. हालांकि, कैंसर के इलाज के दौरान दिल से जुड़ी बीमारियों का खतरा काफी ज्यादा बढ़ जाता है. क्योंकि इस दौरान रेडिएशन थेरेपी होती है तो रेडिएशन हार्ट डिजीज का खतरा काफी ज्यादा बढ़ जाता है. 


रेडिएश हार्ट डिजीज एक गंभीर समस्या है जो अक्सर उन लोगों में देखा गया है तो जिन मरीजों का कैंसर का इलाज चलता है. रेडिएशन थेरेपी का इस्तेमाल कैंसर के इलाज के दौरान किया जाता है. रेडिएशन थेरेपी के दौरान कैंसर के सेल्स नष्ट होने लगते हैं. लेकिन इस थेरेपी का असर ऐसा होता है कि टिश्यू और अंगों के आसपा के सेल्स नष्ट होने लगते हैं. 


रेडिएशन की मात्रा


कैंसर के इलाज के दौरान मरीजों को जो रेडिएशन दी जाती है. वह काफी ज्यादा मात्रा में दी जाती है. जिसका असर उनके दिल पर काफी ज्यादा पड़ता है. अक्सर छाती के कैंसर के मामलों में ट्यूमर के आसपास कैंसर के इलाज के दौरान दिल की बीमारी का खतरा काफी ज्यादा बढ़ जाता है. जो मरीज रेडिएशन थेरेपी लेते हैं उनमें कई सारी बीमारियों का जोखिम बढ़ता है. लंबे ड्यूरेशन और रेडिएशन के कारण दिल के टिश्यू को काफी ज्यादा नुकसान होता है. 


रेडिएशन थेरेपी कई तरह के होते हैं. जिसके कारण दिल के टिश्यू को काफी ज्यादा नुकसान होता है. रेडिएशन हार्ट डिजीज के कारण दिल की बीमारियां हो सकते हैं. जैसे-सीने में दर्द, सांस लेने में कठिनाई, दिल की धड़कन का तेज होना, पैरों में सूजन और दर्द की शिकायत हो सकती है. 


कैंसर के इलाज के दौरान रेगुलर दिल से जुड़ी बीमारी और हाई बीपी का खतरा काफी ज्यादा बढ़ जाता है. कैंसर थेरेपी के दौरान डॉक्टर से रेडिएशन हार्ट डिजीज का खतरा काफी ज्यादा बढ़ जाता है. 


Disclaimer: खबर में दी गई कुछ जानकारी मीडिया रिपोर्ट्स पर आधारित है. आप किसी भी सुझाव को अमल में लाने से पहले संबंधित विशेषज्ञ से सलाह जरूर लें.


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