पूरे ऊत्तर भारत में भीषण गर्मी पड़ रही है. IMD यानि मौसम विभाग ने कहा है कि आने वाले दिनों में तापमान और भी ज्यादा बढ़ सकता है. हर तरफ हीट वेव चल रही है. ऐसे में खुद का ख्याल रखें. खासकर बच्चे, बुजुर्ग इस मौसम में अपने खाने-पीने का विशेष ध्यान रखें. 


पूरे उत्तर भारत में चल रही है तेज लू


बिहार, झारखंड, राजस्थान और छत्तीसगढ़ में तेज लू चल रही है. वहीं दिल्ली-यूपी की गर्मी में भी लोगों का हाल बेहाल है. मौसम विभाग की मानें तो आने वाले समय में तापमान और भी ज्यादा बढ़ने वाला है. आइए विस्तार से जानते हैं कि कितना तापमान होने पर हीट वेव की घोषण की जाती है. 


कब कहते हैं लू?


गर्म तापमान को लू कहा जाता है. NDMA के मुताबिक जब नॉर्मल तापमान से हाई टेंपरेचर हो जाता है तो उसे हीट वेव कहते हैं. यह गर्मी इंसान और जानवर दोनों के लिए बेहद खतरनाक होती है. इतनी गर्मी शरीर के लिए सही नहीं है. इससे आपको टेंशन, स्ट्रेस और तनाव हो सकता है. जिसके कारण कई बार लोगों की मौत भी हो सकती है. 


भारतीय मौसम विभाग हीट वेव के लिए एलर्ट जारी करते हुए कहता है कि अलग-अलग क्षेत्रों में इसे मापने का तरीका अलग-अलग है. मैदानी इलाके में जब तापमान 40 डिग्री सेल्सियस पहुंच जाता है तो IMD इसे हीट वेव की श्रेणी में रख देती है. वहीं पहाड़ी इलाकों में अगर यही सेल्सियस 30 डिग्री से ज्यादा हो जाए तो लू की घोषणा कर दी जाती है. 


क्या होता है हीट वेव कलर कोड?


भारतीय मौसम विभाग और राष्ट्रीय आपदा प्रबंधन प्राधिकरण (NDMA) ने हीट वेव को लेकर खास चेतावनी दी है. चेतावनी के साथ-साथ कलर कोड भी शेयर किया है. यह कलर कोड हीट वेव के बारे में बताते हैं. 



ग्रीन


तापमान ज्यादा लेकिन उतनी उमस नहीं है तो खास ऐतिहयाती कदम उठाने की जरूरत नहीं है. 


पीला


इस कलर का मतलब है कुछ क्षेत्रों में 2 दिनों तक लू की स्थिति बनी रहेगी. इस दौरान बच्चों, बुजुर्गों, बीमार लोगों की स्वास्थ्य पर बुरा असर होता है. लू से बचने के लिए कुछ खास ऐतिहयाती कदम उठाने की जरूरत है. 


ऑरेंज


हीट वेव 4 दिनों तक कायम रहेगी. ज्यादा से ज्यादा पानी पिएं और खुद को हाइड्रेट रखने की सलाह दी जाती है. 


रेड एलर्ट


इस कलर का साफ अर्थ यह है कि 2 दिनों से ज्यादा हीट वेव की स्थिति बनी रहेगी. इसमें ब्रेन स्ट्रोक और हीट स्ट्रोक का खतरा बना रहता है. कमजोर लोग इन बातों का खास ध्यान रखें. 


हीट वेव क्या है?


WHO के मुताबिक, जब किसी इलाके में लगातार दो दिन तक नॉर्मल टेंपरेचर 4.5 डिग्री सेल्सियस ज्यादा तापमान हो तो इसे 'हीट वेव' कहते हैं. वहीं, हवा का तापमान नॉर्मल से 6.5 डिग्री सेल्सियस ज्यादा होने पर इसे खतरनाक हीट वेव की कैटेगरी में रखा जाता है. इस दौरान गर्म हवा शरीर में चुभने लगती है. 


क्यों चलती है हीव वेव?


'क्लाइमेट चेंज' पर काम करने वाले इंटरनेशनल NGO वर्ल्ड वेदर एट्रिब्यूशन (WWA) ने साल 2023 में एक रिपोर्ट पब्लिश की थी. इस रिपोर्ट में खुलासा किया गया कि अचानक इतनी ज्यादा गर्मी या ठंड के पीछे की वजह क्या है? रिपोर्ट में बताया गया कि यह मानव प्रेरित क्लाइमेट चेंज है, जिसके कारण भारत में हीट वेव तेजी से बढ़ रही है.  भारतीय मौसम विभाग के वैज्ञानिकों के मुताबिक, साल 2024 के कुछ महीनों तक अल-नीनो इफेक्ट होगा, जिसका असर भारत के साथ-साथ दुनिया के दूसरे देशों में भी रहेगा. 


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