पुदीने की पत्तियां अपनी फ्रेश सुगंध और ठंडे तासीर के लिए पूरी दुनिया में मशहूर है. देश हो या विदेश दुनिया के किसी भी किचन में आपको यह खाने में इस्तेमाल की जान वाली चीज है. लेकिन क्या हम हर रोज इसे अपनी डाइट में शामिल कर सकते हैं? इंडियन एक्सप्रेस में छपी खबर के मुताबिक 'केयर हॉस्पिटल बंजारा हिल्स' हैदराबाद की क्लिनिकल डाइट स्पेशलिस्ट जी सुषमा बता रही हैं कि रोजमर्रा की डाइट में पुदीने का इस्तेमाल फायदेमंद है या नुकसानदायक इसके बारे में बताएंगे.
पुदीने के पत्तियों की मात्रा का ध्यान रखें
जब भी आप पुदीने के पत्ते का इस्तेमाल करें तो इस बात का खास ख्याल रखें कि आप कितनी मात्रा में इसका इस्तेमाल कर रहे हैं. क्योंकि कोई भी चीज ज्यादा मात्रा खाना नुकसानदायक साबित हो सकता है. चाय पर छिड़का जाए या चाय में मिलाया जाए या खाने में इसका इसका इस्तेमाल किया जाए. पुदीने के पत्ते का ज्यादा इस्तेमाल नुकसानदायक ही हो सकता है.
पाचन के लिए होता है फायदेमंद
पुदीना पाचन तंत्र को ठीक करने के साथ-साथ पेट से जुड़ी समस्याओं को भी दूर करता है. यह पाचन तंत्र की मांसपेशियों को आराम पहुंचाने के साथ-साथ अपच की परेशानी को भी कम करता है.
सांसों की बदबू से दिलाता है निजात
जिन लोगों को सांस की बदबू की परेशानी है तो वह इसे च्युइंग गम के तौर पर इस्तेमाल कर सकते हैं. यह नैचुरल तरीके से सांस की बीमारी से निजात दिलाता है.
एंटीऑक्सीडेंट
पुदीना एंटीऑक्सीडेंट से भरपूर होता है. यह शरीर के मुक्त कणों से लड़ने में सहायक होता है.
दिमाग को करता है बूस्ट
कहा जाता है कि पुदीने की सुगंध इतनी ज्यादा होती है कि वह दिमाग को भी एक्टिव कर देता है. जिसके कारण आपको फोकस और सकारात्मक रखता है.
पुदीने के ज्यादा इस्तेमाल से होने वाले नुकसान
सीने में जलन, दिल का दर्द
जिन लोगों के एसोफेजियल स्फिंकटर में दिक्कत है उन्हें पुदीना खाने से आराम मिल सकता है. लेकिन एसिड रिफ्लक्स के लक्षण बढ़ सकते हैं.
एलर्जी संबंधी परेशानियां
पुदीने से होने वाली एलर्जी, हालांकि कम आम है, कुछ व्यक्तियों में त्वचा संबंधी प्रतिक्रिया या अन्य एलर्जी लक्षण पैदा कर सकती है.
जीईआरडी ने आपको निराश किया?
गैस्ट्रोएसोफेगल रिफ्लक्स रोग (जीईआरडी) से पीड़ित व्यक्तियों को स्फिंक्टर विश्राम प्रभाव के कारण अत्यधिक पुदीने के सेवन से खराब लक्षणों का अनुभव हो सकता है.
किन लोगों को नहीं खाना चाहिए?
छोटे पेट
शिशुओं को पुदीना बहुत तेज़ लग सकता है, इसलिए शिशुओं और छोटे बच्चों में इसके उपयोग पर विचार करते समय सावधानी बरतने की सलाह दी जाती है.
जीईआरडी शिकायतें
जैसा कि पहले उल्लेख किया गया है, जीईआरडी वाले व्यक्तियों को गंभीर लक्षणों से बचने के लिए अपने पुदीने के सेवन का ध्यान रखना चाहिए.
एलर्जी
पुदीना या संबंधित पौधों से एलर्जी वाले किसी भी व्यक्ति को इससे दूर रहना चाहिए.
प्रत्येक व्यक्ति पुदीने के प्रति अलग-अलग प्रतिक्रिया करता है. जो एक के लिए काम करता है वह दूसरे के लिए उपयुक्त नहीं हो सकता है. यदि आपको विशिष्ट स्वास्थ्य संबंधी चिंताएं हैं.
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