व्रत को लेकर कई धार्मिक कहानियां हैं और इसके पीछे साइंस के भी कई तथ्य हैं. मगर कभी सोचा है जब आप एक दिन का व्रत रखते हैं तो आपके शरीर में क्या होता है और एक दिन में बॉडी में क्या क्या बदलाव हो जाते हैं. तो आज जान लेते हैं कि जिस दिन आप खाना नहीं खाते हैं तो आपकी बॉडी में क्या होता है और जो कुछ भी होता है, वो शरीर के लिए अच्छा है या नहीं.
खाने का होता क्या है?
जो भी खाना आप खाते हैं वो आपके शरीर में (फ्यूल) एनर्जी का काम करता है. शरीर के जरूरी अंग खाने को पचाते हैं और इसके बाद एनर्जी शरीर के काम आती है और अपशिष्ट (बचा-कुचा) मल के रूप में बाहर आ जाता है. जो भी एक्सट्रा खाना होता है, जो एनर्जी के काम नहीं आता, वो सारा का सारा फैट में कन्वर्ट हो जाता है. ये फैट अधिकतर बहुत तेल, मसाले और गैरजरूरी खाने की वजह से पैदा होता है. हालांकि, फैट भी जरूरी होता है लेकिन तय मात्रा में. ये फैट शरीर में भविष्य में यूज के लिए जमा हो जाता है. उदाहरण के तौर पर अगर आपको कई दिन तक खाना न मिले तो यही फैट आपको जिंदा रखने में मदद करता है.
जब आप छह घंटे की फास्टिंग पूरी कर लेते हैं. आपके खून में ग्लूकोज का लेवल घटना शुरू हो जाता है. इस स्थिति में लिवर शरीर में स्टोर फ्यूल (Glycogen) को ग्लूकोज में बदलने की प्रक्रिया शुरू कर देता है, ताकि शरीर को एनर्जी मिल सके. अगर आप 24 घंटे की फास्टिंग पूरी कर लते हैं तो शरीर में पहले से स्टोर फ्यूल (Glycogen) का ज्यादातर हिस्सा आप यूज कर लेते हैं. एक बार जब स्टोर फ्यूल (Glycogen) खत्म हो जाता है तो बॉडी मसल्स में मौजूद प्रोटीन को तोड़ना शुरू कर देती है और फिर जिस फैट के कारण हम परेशान रहते हैं, उससे शरीर की एनर्जी बननी शुरू हो जाती है. यानी वह पिघलना शुरू हो जाता है.
वजन घटाने में है सहायक
कुल मिलाकर जब हम फास्टिंग करते हैं तो बॉडी शुगर की बजाय, शरीर में मौजूद फैट को प्राइमरी यानी प्राथमिक सोर्स के रूप में यूज करने लगती है. इससे वेट लॉस होता है और इंसुलिस सेंस्टिविटी बढ़ने लगती है.
अब अगर किसी एक दिन आप फास्टिंग में कम खाएं और दूसरे दिन भरपूर खाना खा लें तो, तो भी आपको वजन घटाने में मदद मिलेगी. कुछ लोग दिन में 16 घंटे का फास्ट रखते हैं. हालांकि फास्ट रखने का मतलब है कुछ न खाना. इसलिए अगर आप वेट कंट्रोल करना चाहते हैं तो फास्ट रखें लेकिन इसका मतलब ये नहीं कि खाना न खाकर दूसरी चीजों से कैलोरी लेते हैं. इससे फायदा नहीं होगा.
फास्टिंग से क्या बेहतर होता है
- ब्रेन बेहतर तरीके से फंक्सनिंग करता है.
- ब्रेन के न्यूरोपैथिक फैक्टर ठीक करता है.
- इससे आपका इम्यून सिस्टम बेहतर होता है.
- फास्ट करने से चेहरे और शरीर की फुन्सियां ठीक करने में मदद मिलती है.
- कैंसर सेल फॉर्मेशन कम होता है. यानी कैंसर का खतरा कम हो जाता है.
फास्टिंग के नुकसान
- बायोलॉजिकल लेवल पर नकारात्मक असर पड़ता है. एक रिसर्च बताती है कि फास्टिंग से महिलाओं को कम फर्क पड़ता है, जबकि पुरुषों में इसका ज्यादा असर देखने को मिलता है.