आजकल बड़ी या छोटी पार्टी या किसी भी तरह के फंक्शन, गेट टूगेदर में अल्कोहल का इस्तेमाल आम बात है. लेकिन कुछ लोगों कि आदत होती है. वो लगभग हर दिन ड्रिंक करते ही हैं. ऐसे लोग जिन्हें रोजाना शराब पीने की लत है उनके लिए हम लाए हैं. आज कुछ खास. वैसे लोग जो हर दिन शराब पीते हैं वह एक महीने के लिए शराब छोड़कर देखें उन्हें इसके परिणाम देखकर काफी ज्यादा हैरानी होगी. द्वारका के मणिपाल हॉस्पिटल के सलाहकार डॉ. संजय गुप्ता का कहना है कि जो व्यक्ति 2-3 दिन के अंतराल पर शराब पीते हैं उन्हें मोटापा, हाई ब्लड प्रेशर और डायबिटीज का शिकार हो सकते हैं. 


जो लोग पूरे सप्ताह में एक दिन से ज्यादा शराब पीते हैं


ग्रेटर नोएडा के 'शारदा हॉस्पिटल' के डॉक्टर और एमडी प्रोफेसर डॉ. श्रेय श्रीवास्तव के मुताबिक जो लोग रोजाना 500 मिलीलीटर से अधिक शराब पीते हैं. वह उनके सेहत पर बहुत बुरा असर करता है. यूएसए के नेशनल इंस्टीट्यूट ऑन अल्कोहल एब्यूज एंड अल्कोहलिज़्म के मुताबिक यदि आप सप्ताह में एक दिन या 5 दिन पीते हैं तो इसका मतलब आप काफी ज्यादा शराब पीते हैं जो सेहत के लिए काफी ज्यादा खतरनाक है. 


अगर एक महीने के लिए छोड़ देंगे शराब


'उजाला सिग्नस ग्रुप ऑफ हॉस्पिटल्स' के संस्थापक-निदेशक डॉ. शुचिन बजाज के मुताबिक अगर किसी व्यक्ति को ज्यादा शराब पीने की आदत है. इसकी वजह से उन्हें शारीरिक, सामाजिक, पारिवारिक दिक्कतें हो रही है. उन्हें इसे छोड़ने का विचार करना चाहिए. रिश्ते पर शराब पीने से नकारात्मक प्रभाव पड़ता है ऐसे में आपको इसे छोड़ने के बारे में सोचना चाहिए.  ऐसे में शराब को हमेशा के लिए छोड़ने पर विचार करना जरूरी है. यदि आप एक महीने के लिए शराब छोड़ दें तो आपके शरीर का क्या होगा? अधिक जानने के लिए हम विशेषज्ञों के पास पहुंचे. हालांकि शराब छोड़ने के साइडइफेक्ट्स भी हो सकते हैं.


एक महीने के लिए शराब बंद करने से लीवर का फंक्शन बेहतर हो सकता है. लीवर की बीमारी का खतरा कम हो सकता है. दिल की बीमारी का खतरा कम रहता है. इन सब बीमारी के साथ-साथ हाई ब्लड प्रेशर और कैंसर जैसी बीमारी का खतरा कम रहता है. डॉ. बजाज के मुताबिक भारी शराब पीने वालों के लिए एक महीने तक शराब से परहेज करने से बॉडी टॉक्सिक फ्री हो सकती है. लिवर हेल्दी भी बना रहेगा. शरीर का सूजन कम हो सकता है. साथ ही आपकी यादाश्त और दिमाग की एकाग्रता भी बढ़ता है. 


ये भी पढ़ें: AIIMS का दावा: कैंसर को हराने में सफल होते हैं 80 फिसदी बच्चे, इलाज के परिणाम बेहतर