एक महीने के लिए गेंहू और मैदा से बनी चीजें खाना छोड़ दें, शरीर पर दिखेंगे कुछ ऐसे बदलाव
मैदा में जरूरी पोषक तत्व की कमी होती है. इसमें खाने से शरीर को सिर्फ कैलोरी मिलती है . अगर आप अपने खाने से मैदा को पूरी तरह से हटा देंगे तो आपके शरीर पर हैरान कर देने वाले बदलाव नजर आएंगे.
मैदा गेंहू के आटा से ही बनाया जाता है लेकिन वह उसे पूरी तरह से रिफाइन करके बनाया जाता है. इंडियन किचन में मैदा का काफी ज्यादा इस्तेमाल किया जाता है. लेकिन आपकी जानकारी के लिए बता दें कि मैदा में जरूरी पोषक तत्व की कमी होती है. इसमें खाने से शरीर को सिर्फ कैलोरी मिलती है जिसे खाने से वजन ही बढ़ता है. ऐसे में अगर आप अपने खाने से मैदा को पूरी तरह से हटा देंगे तो आपके शरीर पर हैरान कर देने वाले बदलाव नजर आएंगे. आज इस आर्टिकल में आपको यही बताएंगे कि मैदा न खाने से आपके शरीर पर क्या असर पड़ता है. गेंहू से ही मैदा बनता है. बहुत वक्त पहले गेंहू नहीं होता था ऐसे में लोग ज्वार, जौ और बाजरा जैसे अनाज पर निर्भर करते थे. गेंहू का आटा या मैदा खाने से शरीर को कई तरह के नुकसान पहुंचते हैं. अगर आप गेंहू का आटा और मैदा खाना छोड़ देंगे तो इससे आपके शरीर में कई तरह के बदलाव होंगे जिसे देखकर आप विश्वास भी नहीं कर पाएंगे.
पाचन संबंधी दिक्कत होती है दूर
. रिफाइंड आटे में अक्सर फाइबर और पोषक तत्व कम होते हैं, जिससे इसे पचाना कठिन हो जाता हैगेंहू की रोटी या गेंहू से बने चीजों को खाने से कुछ लोगों को कब्ज, गैस, अफारा जैसी बीमारी हो जाती है. गेंहू खाने से कुछ लोगों का वजन भी बढ़ जाता है. जिसकी वजह से ग्लूटेन सेंसिटिविटी और कई तरह की बीमारियों का भी सामना करना पड़ सकता है. साबुत गेहूं का आटा, बादाम का आटा, नारियल का आटा और बाजरा का आटा (ज्वार, बाजरा, रागी, आदि) जैसे विकल्पों में फाइबर अधिक होता है.
शुगर लेवल कंट्रोल में रहता है
गेंहू में ग्लूकोज की मात्रा अधिक होती है ऐसे में जो लोग गेंहू नहीं खाते हैं उनका ब्लड में शुगर लेवल मेंटेन में रहता है. साथ ही साथ गेंहू में कार्ब्स भी होता है, जिससे ब्लोटिंग, पेट में दर्द से भी निजात पा सकते हैं.
किडनी और लिवर की बीमारी के लिए भी मैदा या गेंहू का आटा है खतरनाक
गेहूं नहीं खाने से इसका सीधा असर आपके वजन पर भी पड़ता है. जिससे वजन कम हो सकता है. सीलिएक बीमारी के मरीज गेंहू से बनी किसी भी चीज को ठीक से पचा नहीं पाते हैं ऐसे में उन्हें गेंहू से परहेज करना चाहिए. लगातार मैदा खाने से किडनी और लिवर से संबंधित बीमारी भी हो सकती है. डाइट में मैदा शामिल करने से इंसुलिन का लेवल शरीर में बढ़ने लगता है. मैदा खाने से शरीर में कैल्शियम की कमी भी हो सकती है.
मोटे अनाज से बने आटे खाने से शरीर को फायदा पहुंचता है
साबुत अनाज जैसे बाजरा (ज्वार, बाजरा, रागी, आदि) सेहत के लिए अच्छा होता है. इसमें फाइबर, विटामिन और आयरन संबंधित सभी पोषक तत्व मौजूद होते हैं.
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