Dextrocardia: आप, हम, या दुनिया के अमूमन सभी व्यक्ति का दिल बाएं तरफ होता है.जब बात दिल की आती है तो अपने आप हांथ बाईं ओर चला जाता है, लेकिन क्या आप जानते हैं कि दुनिया की एक प्रतिशत आबादी को एक ऐसी बीमारी प्रभावित करती है जिसमें व्यक्ति का दिल बाईं ओर की जगह दाईं ओर होता है. हेल्थलाइन की खबर के मुताबिक ये एक दुर्लभ स्थितियों में से एक है, जब दिल बाईं ओर की जगह दाईं ओर होता है. इसे डेक्स्ट्रोकार्डिया नामक जन्मजात स्थिति को असामान्यता माना जाता है.आपको बता दें कि डेक्सट्रोकॉर्डिया वैज्ञानिक द्वारा पहचानी गई सबसे शुरुआती जन्मजात दिल की विकृतियों में से एक है पहली बार 1600के दशक में पहचाना गया था और 1700 के दशक में इसके बारे में जानकारी दी गई थी.
डेक्सट्रोकॉर्डिया के कारण
विशेषज्ञ बताते हैं कि डेक्स्ट्रोकार्डिया का सटीक कारण अज्ञात है, यह आनुवंशिक या विकासात्मक कारकों से संबंधित माना जाता है.कार्डियोलॉजिस्ट, डॉ. अभिजीत कुलकर्णी के अनुसार, साइटस इनवर्सस नाम की एक स्थिति में भी डेक्स्ट्रोकार्डिया भी हो सकता है, जिसमें शरीर के कई अंग विपरीत दिशा में हो जाते हैं.हालांकि, विशेषज्ञों का सुझाव है कि डेक्स्ट्रोकार्डिया जीवन के लिए खतरा नहीं है, बशर्ते किसी भी जटिलटा को दूर करने के लिए पूरे शरीर की जांच की जाए. विशेषज्ञों के मुताबिक डेक्स्ट्रोकार्डिया वाले अधिकांश लोग एक सामान्य जीवन जीते हैं.डेक्स्ट्रोकार्डिया गर्भावस्था की शुरुआत में अनुवांशिक परिवर्तन के कारण होता है. आपके शरीर में आपके अंगों की स्थिति में 60 से अधिक जीन भूमिका निभाती है शोधकर्ता अभी भी उस खास जीन की तलाश कर रहे हैं जो डेक्सट्रोकॉर्डिया का कारण बनता है.
क्या है डेक्स्ट्रोकार्डिया के लक्षण
- डेक्स्ट्रोकार्डिया अपने आप में आमतौर पर समस्याएं पैदा नहीं करता है, लेकिन यह अन्य स्थितियों के साथ होता है जो हृदय, फेफड़े और अन्य महत्वपूर्ण अंगों पर गंभीर प्रभाव डाल सकते हैं.
- डेक्स्ट्रोकार्डिया के लक्षणों में सांस की तकलीफ, सीने में दर्द, थकान और अनियमित दिल की धड़कन शामिल हो सकते हैं.
- ऐसे व्यक्तियों के अन्य अंगों में भी मामूली विकृति हो सकती है. "इसलिए, डेक्स्ट्रोकार्डिया वाले किसी भी व्यक्ति को ऐसी किसी भी असामान्यताओं को रद्द करने के लिए पूर्ण मूल्यांकन की आवश्यकता होती है,
रोकथाम और प्रबंधन
डॉक्टर कहते हैं कि डेक्स्ट्रोकार्डिया के लिए कोई विशेष रोकथाम नहीं है, आजीवन स्थिति के रूप में, इसे निरंतर निगरानी और प्रबंधन की आवश्यकता हो सकती है.
Disclaimer: इस आर्टिकल में बताई विधि, तरीक़ों व दावों को केवल सुझाव के रूप में लें, एबीपी न्यूज़ इनकी पुष्टि नहीं करता है. इस तरह के किसी भी उपचार/दवा/डाइट और सुझाव पर अमल करने से पहले डॉक्टर या संबंधित एक्सपर्ट की सलाह जरूर लें.