What is A Panic Attack : पैनिक अटैक आने का कोई खास कारण नहीं होता है, लेकिन यह ए़ंजाइटी से जुड़ा हुआ होता है. अमेरिका के नेशनल इंस्टिट्यूट ऑफ मेंटल हेल्थ में हुए एक अध्ययन के अनुसार, पैनिक अटैक एक तरह से एंज़ाइटी डिसऑर्डर ही है, जिसमें कई बार किसी तरह का डर या फोबिया भी अटैक का कारण बन जाता है. इसके अलावा चिंता, उदासीनता, निराशा और अवसाद के कारण भी पैनिक अटैक हो सकता है.


किन कारणों से आता है पैनिक अटैक?
- नौकरी छूटना या नौकरी छूट जाने का डर.
 -लंबी बीमारी से ग्रस्त होने पर.
 -महत्वपूर्ण डील या प्रोजेक्ट के रद्द होने पर.
 -ज़िंदगी में हुए किसी बुरे हादसे की वजह से.
  -कई बार लिफ्ट में फंस जाने और भीड़भाड़वाली जगहों पर जाने पर.


पहचानें पैनिक अटैक के लक्षणों को
-दिल की धड़कन बढ़ना.
-सांस लेने में तकलीफ़ और गले में जकड़न होना.
-जब किसी बात का डर हावी होने लगे.
-छाती में दर्द और बेचैनी महसूस होना.
-ठंड के मौसम में गर्मी महसूस होना.
-मरने का डर लगना.
-हाथों में झनझनाहट महसूस होना या सुन्न पड़ना.
-पसीना आना व शरीर में कंपन प्रतीत होना.
-सिरदर्द, चक्कर आना, बेहोशी-सा प्रतीत होना.
-जी मचलाना, पेट में ऐंठन होना.


बरतें ये सावधानियां


-व्यक्ति इस स्थिति में घबराने या डरने की बजाय इस बात का ध्यान रखे कि यह अटैक दिल का दौरा नहीं है. पैनिक अटैक अस्थाई अटैक है, जो कुछ सेकंड्स के बाद गुज़र जाएगा और वह सामान्य हो जाएगा.
-घबराने की बजाय अटैक को कम करने के तरीक़ों पर अपना ध्यान केंद्रित करें.
-कई बार पैनिक अटैक हताशा, निराशा, हैरानी, उत्तेजना और हारा हुआ महसूस करने पर आता है. ऐसी स्थिति में अपना ध्यान इन ट्रिगर्स से हटाने का प्रयास करें.
-ट्रिगर्स को नियंत्रित करने के लिए आंखों को बंद करके अपना ध्यान सांसों पर केंद्रित करें.
-डायबिटीज़ के मरीज़ अपनी लाइफस्टाइल में बदलाव लाएं. समय पर खाएं-पीएं, क्योंकि अधिक देर तक भूखा रहने पर शुगर लेवल कम हो सकता है, जिसके कारण पैनिक अटैक का ख़तरा बढ़ सकता है.
-ब्लड प्रेशर और दिल के मरी़ज़ों को जब भी घबराहट होने लगे, दिल ज़ोर-ज़ोर से धड़कने लगे, पसीना छूटने लगे या चक्कर आए, तो अलर्ट हो जाएं. ये पैनिक अटैक के लक्षण हो सकते हैं.

आसपास के लोग भी रखें इन बातों का ख़्याल
-यदि आपका कोई फ्रेंड या फैमिली मेंबर पैनिक अटैक से डील कर रहा है, तो उसके साथ धैर्य से पेश आएं. भूलकर भी उस पर चिल्लाएं नहीं.
-उसके स्ट्रेस लेवल को समझें. यदि आपके आसपास किसी को पैनिक अटैक आए, तो ऐसी स्थिति में घबराने की बजाय धैर्य से काम लें, उसकी मदद करें.


Disclaimer: इस आर्टिकल में बताई विधि, तरीक़ों व दावों की एबीपी न्यूज़ पुष्टि नहीं करता है. इनको केवल सुझाव के रूप में लें. इस तरह के किसी भी उपचार/दवा/डाइट पर अमल करने से पहले डॉक्टर की सलाह जरूर लें.


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