Parenting Tips: क्या आपका बच्चा हर वक्त हाइपर एक्टिव रहता है? जानिए कहीं उसे ADHD बीमारी तो नहीं?
What Is ADHD: अटेंशन डेफिसिट हाइपरएक्टिविटी डिसऑर्डर (ADHD) नाम की इस बीमारी में न्यूरो डवलपमेंट स्लो हो जाता है जिससे कॉन्सेंट्रेट करने में मुश्किल आती है. इसमें बच्चे पढ़ने में कमजोर हो सकते हैं.
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Symptoms Of Attention Deficit Hyperactivity Disorder : क्या आपके बच्चे का मन पढ़ाई में कम लगता है या उसे स्टडीज में फोकस करने में मुश्किल आती है तो हो सकता है बच्चा ADHD बीमारी का शिकार हो. ये एक न्यूरो से संबंधित बीमारी है जिसमें बच्चा सही तरीके से पढ़ाई या किसी भी काम में मन नहीं लगा पाता ये बच्चों में पाये जाने वाला सबसे कॉमन डिसऑर्डर है हालांकि ये बीमारी धीरे-धीरे कम होती जाती है लेकिन अगर थोड़ा ध्यान ना दिया जाये तो ये बड़े होने पर भी बनी रह सकती है.
कैसे पहचानें कि बच्चे में ADHD तो नहीं?
1- इस बीमारी का इसका पहला लक्षण है किसी काम पर फोकस ना कर पाना या किसी टास्क को कंपलीट ना कर पाना या इसके अलावा डेली एक्टिविटीज को टाइम पर याद ना रख पाना
2- ADHD का दूसरा सबसे बड़ा लक्षण है हाइपरएक्टिविटी जो आसानी से पहचान में आ जाती है . बच्चा अगर देर तक एक सीट पर नहीं बैठ सकता या फिर बहुत उतावला दिखता है या हमेशा जल्दबाजी के मूड में रहता है तो हो सकता है वो ADHD का शिकार हो
3- बच्चे में अगर इंप्लसिवनेस दिखे तो भी वो ADHD का लक्षण हो सकता है. इंप्लसिवनेस का मतबल है जिससमें बच्चे में पेशेंस थोड़ा कम होता है . ये बच्चे अपने नंबर तक आने का इंतजार नहीं कर पाते और दूसरे के नंबर के बीच में ही बोल देते हैं या फिर दूसरे बच्चों के टास्क में आ जाते हैं.
कैसे दूर करें ADHD
1- सबसे पहले तो इस बीमारी को समझें और पैरेंट्स के साथ साथ स्कूल टीचर्स में भी इसे लेकर जागरुकता होनी चाहिये
2- इस बीमारी को कम करने के लिये कई तरह की थेरेपी होती है उनका सहारा लिया जा सकता है
3- अगर बच्चे में बहुत ज्यादा ADHD है तो मेडिकल ट्रीटमेंट की जरूरत हो सकती है.
4- ADHD को मैनेज करने के लिये कई बार बच्चों को स्पेशल स्कूल में पढ़ाने की जरूरत हो सकती है
5- बच्चे के साथ किसी काम में जल्दबाजी ना करें बल्कि उसे रिलैक्स होकर आराम से काम कराने की आदत डालें
6- बच्चे को उसकी पसंद की किसी फिजिकली एक्टिविटी या स्पोर्ट्स में जरूर डालें ताकि उसका फोकस बढ़े
7- बच्चे को म्यूजिक, ड्राइंग, क्राफ्ट या किसी ऐसी क्रियेटिव एक्टिविटी में इंवॉल्व करें जिससे उसका मन शांत रहे
8- ध्यान केंद्रित करने वाली पजल , सुडोकू या ऐसे गेम्स करायें जिसमें बच्चा अटेंशन पे करे.
9 बच्चों के साथ मल्टीटास्कर ना बनें. बच्चे के साथ अगर किसी एक्टिविटी या पढ़ाई में इंवॉल्व हैं तो बस उसे ही करें
Disclaimer: इस आर्टिकल में बताई विधि, तरीक़ों व दावों की एबीपी न्यूज़ पुष्टि नहीं करता है. इनको केवल सुझाव के रूप में लें. इस तरह के किसी भी उपचार/दवा/डाइट पर अमल करने से पहले डॉक्टर की सलाह जरूर लें.
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