ऑटोइम्यून थायरॉयड एक ऐसी बीमारी है जिसमें हमारी इम्यून सिस्टम गलती से हमारी अपनी थायरॉयड ग्रंथि पर हमला करती है, जिससे थायरॉयड ग्रंथि ठीक से काम नहीं कर पाती. इस बीमारी के दो मुख्य प्रकार हैं. हाशिमोटो थायरॉयडाइटिस और ग्रेव्स डिजीज. इस बीमारी का मुख्य एक कारण विटामिन B12 की कमी हो सकती है. आइए जानते हैं इस बीमारी के बारे में..


हाशिमोटो थायरॉयडाइटिस
हाशिमोटो थायरॉयडाइटिस में इम्यून सिस्टम थायरॉयड ग्रंथि को धीमा कर देता है, जिससे थायरॉयड हार्मोन का उत्पादन कम हो जाता है. इससे थकान, वजन बढ़ना और ठंड महसूस होना जैसी समस्याएं हो सकती हैं.


ग्रेव्स डिजीज
ग्रेव्स डिजीज में इम्यून सिस्टम थायरॉयड ग्रंथि को अधिक सक्रिय कर देती है, जिससे थायरॉयड हार्मोन का उत्पादन बढ़ जाता है. इससे वजन कम होना, गर्मी महसूस होना और दिल की धड़कन तेज होना जैसी समस्याएं हो सकती हैं. 


विटामिन B12 की कमी
एंडोक्राइन, मेटाबोलिक और इम्यून डिसऑर्डर - ड्रग टारगेट नामक पत्रिका में प्रकाशित एक अध्ययन में पाया गया कि विटामिन B12 की कमी ऑटोइम्यून थायरॉयड रोग से जुड़ी हो सकती है. विटामिन B12 हमारे शरीर के लिए बहुत जरूरी है क्योंकि यह ऊर्जा बनाने और नर्वस सिस्टम को ठीक से काम करने में मदद करता है. 


अध्ययन के अनुसार 
अध्ययन में 306 लोगों को शामिल किया गया। उन्हें दो समूहों में बांटा गया, एक में विटामिन B12 की कमी वाले लोग और दूसरे में विटामिन B12 की कमी नहीं वाले लोग. शोधकर्ताओं ने पाया कि जिन लोगों को ऑटोइम्यून थायरॉयड रोग था, उनमें विटामिन B12 का स्तर कम था. 


विटामिन B12 बढ़ाने के लिए क्या खाएं 
विटामिन B12 का स्तर बनाए रखने के लिए अपने आहार में कुछ खास चीजों को शामिल करना जरूरी है. मांस, जैसे गोमांस और चिकन, विटामिन B12 के अच्छे स्रोत हैं. इसके अलावा, समुद्री भोजन जैसे मछली और झींगा भी विटामिन B12 से भरपूर होते हैं. अंडे, विशेष रूप से अंडे की जर्दी, भी इस विटामिन का एक महत्वपूर्ण स्रोत है. अगर आप शाकाहारी हैं, तो विटामिन B12 सप्लीमेंट लेना भी एक अच्छा आप्शन हो सकता है. इन फूड्स और सप्लीमेंट्स को अपने रोजाना डाइट में शामिल करके आप विटामिन B12 की कमी से बच सकते हैं और अपनी हेल्थ को बेहतर बना सकते हैं. एक अच्छी क्वालिटी का मल्टीविटामिन सप्लीमेंट चुनें जो आपके शरीर की जरूरतों को पूरा कर सके. 


Disclaimer: खबर में दी गई कुछ जानकारी मीडिया रिपोर्ट्स पर आधारित है. आप किसी भी सुझाव को अमल में लाने से पहले संबंधित विशेषज्ञ से सलाह जरूर लें.


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