Bacterial Meningitis:मशहूर रॉक गिटारिस्ट जेफ बैक का 78 साल की आयु में निधन हो गया. रिपोर्ट की मानें तो उनका निधन अचानक बैक्टीरियल मेनिनजाइटिस की वजह से हुआ है, रॉकस्टार की मौत के बाद से ही इस बीमारी को लेकर लोगों में जिज्ञासा शुरू हो गई है, आखिर यह बैक्टीरियल मेनिनजाइटिस होता क्या है, जिससे व्यक्ति की मौत भी हो सकती है आइए जानेंगे इस बारे में.
क्या है बैक्टीरियल मेनिनजाइटिस ?
मेनिनजाइटिस एक संक्रामक रोग है जो मेनिन्जेस में सूजन के चलते होती है. मेनिन्जेस झिल्लियों को कहते हैं जो मस्तिष्क की सुरक्षा कवच होती है.मेनिन्जेस की तीन झिल्लियों को ड्यूरा मेटर, अरचनोइड मैटर और पिया मेटर के रूप में जाना जाता है.इन झिल्लियों में सूजन आने के चलते दिमागी बुखार होता है और यह किसी भी उम्र के व्यक्ति को हो सकती है. मेनिनजाइटिस कई तरह के होते हैं. इनमें बदलते मौसम में होने वाले बैक्टीरियल मेनिनजाइटिस अधिक खतरनाक होते हैं. लापरवाही बरतने पर दिमागी बुखार जानलेवा साबित हो सकता है,मैनिंजाइटिस के मामले दुनिया भर में काफी अधिक हैं, ये मृत्यु दर के बड़े अनुपात में योगदान करते हैं, इससे मृत्यु दर 25 प्रतिशत तक अधिक है.यह एक लाइफ थ्रेटनिंग वाला डिसऑर्डर है, सूजन कई कारकों के कारण हो सकती है जिसमें संक्रामक एजेंट जैसे वायरस और बैक्टीरिया, साथ ही गैर-संक्रामक कारण जैसे ऑटोइम्यून विकार, कैंसर और यहां तक कि दवा प्रतिक्रियाएं भी शामिल हैं.
किन लोगों को ट्रिगर करती है बीमारी
विशेषज्ञ ने साझा किया कि बैक्टीरियल मैनिंजाइटिस के उच्च जोखिम वाले लोगों में शिशुओं और बुजुर्गों के साथ-साथ गुर्दे की विफलता जैसी पुरानी मेडिकल कंडिशन वाले लोग, इम्यूनोसप्रेस्ड रोगी जैसे जिनका किसी अंग का ट्रांसप्लांट हुआ है या , जन्मजात इम्यूनोडेफिशियेंसी, लंबे समय तक स्टेरॉयड लेने वाले लोग, अत्यधिक शराब का सेवन, स्प्लेनेक्टोमीज़्ड रोगी, आदि शामिल हैं
इसके लक्षण क्या हैं
- हाई ग्रेड फीवर
- गर्दन में दर्द/कठोरता
- उल्टी
- फोटोफोबिया
- भयंकर सरदर्द
- चक्कर आना
- उलझन
- चिड़चिड़ापन
- ध्यान कंद्रित करने में मुश्किल
- रौशनी ना सह पाना
बीमारी के कारण
डॉक्टर के मुताबिक मैनिंजाइटिस के सबसे आम जीवाणु कारणों में स्ट्रेप्टोकोकस न्यूमोनिया, ग्रुप बी स्ट्रेप्टोकोकस, निसेरिया मेनिंगिटिडिस, हीमोफिलस इन्फ्लुएंजा और लिस्टेरिया मोनोसाइटोजेन्स शामिल हैं.कम सामान्य कारणों में बैक्टीरिया शामिल हैं जैसे स्टैफिलोकोकस ऑरियस रोगियों में जो हाल ही में सर्जरी से गुजरे हैं.
बचाव
इस बीमारी से बचने के लिए टीका ही एक प्रभावी तरीका है. इसके अलावा ऐसी कोई लक्षण दिखते हैं तो आपको डॉक्टर से सलाह लेने की जरूरत है, वही इसका बेहतर इलाज और उपाय बता पाएंगे इसके अलावा आपको सफाई रखने की जरूरत होती है. उचित खानपान वर्कआउट को रूटीन जरूर शामिल करें. इससे संक्रमण का खतरा कम होता है.
Disclaimer: इस आर्टिकल में बताई विधि, तरीक़ों व दावों को केवल सुझाव के रूप में लें, एबीपी न्यूज़ इनकी पुष्टि नहीं करता है. इस तरह के किसी भी उपचार/दवा/डाइट और सुझाव पर अमल करने से पहले डॉक्टर या संबंधित एक्सपर्ट की सलाह जरूर लें.