What Is Cholestrol : कोलेस्ट्रॉल एक मोम जैसा-सा पदार्थ होता है, जो रक्त के अंदर पाया जाता है. शरीर को इसकी जरूरत कोशिकाओं को स्वस्थ रखने और नई कोशिकाओं के निर्माण के लिए भी होती है. लेकिन जब कोलेस्ट्रॉल (cholesterol ) का स्तर बढ़ जाता है तो यह हार्ट डिजीज (Heart Disease) की वजह बन जाता है. उच्च कोलेस्ट्रॉल के कारण रक्त वाहिकाओं में वसायुक्त जमा (Fatty Deposits) विकसित होने लगते हैं, जो बाद में इतने बढ़ जाते हैं कि शरीर में रक्त के प्रवाह (Blood Flow) को बाधिक करने लगते हैं. 


क्यों बढ़ जाता है कोलेस्ट्रॉल?


कोलेस्ट्रॉल बढ़ने की समस्या अनुवांशिक कारणों से भी हो सकती है. लेकिन आमतौर पर इस समस्या का कारण सही जीवनशैली का अभाव होता है. इसलिए यह बात साफ है कि आप इस बीमारी को होने से रोक भी सकते हैं और होने के बाद इसे नियंत्रित भी कर सकते हैं.


कोलेस्ट्रॉल बढ़ने के लक्षण
बढ़े हुए कोलेस्ट्रॉल को पहचानने के लिए कोई खास लक्षण नहीं होते हैं. डॉक्टर्स आपके शरीर की जांच के बाद ही इस बारे में पहले से सूचना दे सकते हैं. हालांकि आप अपने ब्लड टेस्ट के जरिए कोलेस्ट्रॉल की स्थिति के बारे में जान सकते हैं. हालांकि लगातार मितली आने की समस्या होना, जबड़ों और बाहों में दर्द होना, सांस लेने में समस्या होना और बहुत अधिक पसीना आना, जैसी दिक्कतें एक साथ हों तो आपको इन्हें गंभीरता से लेना चाहिए.


डॉक्टर से कब मिलना चाहिए?
हेल्थ एक्सपर्ट्स का कहना है कि कोलेस्ट्रॉल (cholesterol ) की जांच के लिए और इस बीमारी से बचने के लिए 40-45 साल से लेकर 65 साल के पुरुषों को हर साल अपना कोलेस्ट्रॉल टेस्ट कराना चाहिए. वहीं महिलाओं को 55 से 65 साल की उम्र की महिलाओं को हर साल अपनी कोलेस्ट्रॉल जांच करानी चाहिए. अगर आपकी जांच रिपोर्ट में कोई भी दिक्कत होती है तो आपके डॉक्टर आपकी जरूरत के अनुसार आपको दवाएं और थेरपी की सलाह देंगे.


Disclaimer: इस आर्टिकल में बताई विधि, तरीक़ों व दावों को केवल सुझाव के रूप में लें, एबीपी न्यूज़ इनकी पुष्टि नहीं करता है. इस तरह के किसी भी उपचार/दवा/डाइट पर अमल करने से पहले डॉक्टर की सलाह जरूर लें.


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