क्लिनिकल डिप्रेशन एक गंभीर मानसिक स्वास्थ्य समस्या है, जिसमें व्यक्ति को लंबे समय तक उदासी, निराशा और थकान महसूस होती है. यह सिर्फ एक सामान्य उदासी नहीं है, बल्कि यह ऐसी स्थिति है जो व्यक्ति के जीवन के हर पहलू को प्रभावित करती है. भारतीय क्रिकेटर रॉबिन उथप्पा भी इस समस्या से जूझ चुके हैं और उन्होंने हाल ही में इसके बारे में खुलकर बात की है. 



भारतीय क्रिकेट टीम के पूर्व खिलाड़ी रोबिन उथप्पा ने हाल ही में खुलकर बताया कि वे डिप्रेशन और आत्महत्या के ख्यालों से जूझ चुके हैं.उन्होंने कहा कि उनके जीवन का सबसे कठिन मुकाबला क्रिकेट के मैदान पर नहीं, बल्कि उनके मन के अंदर था. रोबिन का कहना है कि वे अपनी इस कहानी को साझा कर मेंटल हेल्थ से जुड़ी चुप्पी और कलंक को खत्म करना चाहते हैं, ताकि और लोग भी इस बारे में बात कर सकें. 


क्लिनिकल डिप्रेशन से जूझ रहे थे रोबिन उथप्पा
रोबिन ने बताया कि 2011 में उन्हें पहली बार क्लिनिकल डिप्रेश का अनुभव हुआ. लेकिन उस समय उन्हें यह समझ नहीं आया कि उनके साथ क्या हो रहा है. उन्हें ऐसा लगने लगा कि कुछ तो गलत है, लेकिन वे समझ नहीं पा रहे थे कि क्या. उन्हें अपने जीवन का बोझ महसूस होने लगा, जैसे सब कुछ बहुत भारी हो गया हो. 


इससे कैसे बाहर निकलें रोबिन उथप्पा
रोबिन ने कहा कि इस कठिन समय में भी उन्होंने उम्मीद नहीं छोड़ी. वे मानते थे कि एक दिन वे इस अंधेरे से बाहर निकल पाएंगे. उन्होंने बताया कि डिप्रेशन से लड़ने का पहला कदम यह है कि आप स्वीकार करें कि कुछ गलत हो रहा है. जब तक हम यह नहीं मानते कि हमें मदद की जरूरत है, तब तक इस समस्या से निकलना मुश्किल होता है. 


उथप्पा ने बताया कि अपनी भावनाओं और विचारों को कागज पर लिखना उनके लिए बहुत फायदेमंद साबित हुआ. उन्होंने कहा कि इससे उन्हें अपनी स्थिति को समझने और उससे निपटने में मदद मिली. उन्होंने सबको सलाह दी कि अगर वे भी ऐसी स्थिति में हैं, तो वे अपनी भावनाओं को लिखने की कोशिश करें. इससे खुद को समझने में मदद मिलती है और समस्या का हल खोजने में आसानी होती है. 


क्लिनिकल डिप्रेशन क्या है?
क्लिनिकल डिप्रेशन एक मानसिक रोग है, जिसमें व्यक्ति लगातार उदास और निराश महसूस करता है. यह उदासी और निराशा कुछ दिनों या हफ्तों तक नहीं, बल्कि महीनों या सालों तक चल सकती है. इसमें व्यक्ति को किसी भी चीज में खुशी या रुचि नहीं मिलती, चाहे वह पहले पसंदीदा चीजें ही क्यों न हो. इसका असर व्यक्ति के सोचने, महसूस करने और काम करने की क्षमता पर पड़ता है. 


डिप्रेशन से निपटने के उपाय



  • चिकित्सकीय सहायता: यदि आपको लगता है कि आप डिप्रेशन से जूझ रहे हैं, तो एक मानसिक स्वास्थ्य विशेषज्ञ से मिलें.

  • स्वस्थ जीवनशैली: नियमित व्यायाम करें, संतुलित आहार लें, और पर्याप्त नींद लें.

  • समर्थन समूह : किसी दोस्त या परिवार के सदस्य से बात करें, या किसी समर्थन समूह का हिस्सा बनें.

  • जर्नलिंग: अपनी भावनाओं और विचारों को लिखें, इससे मानसिक तनाव कम करने में मदद मिलती है. 


Disclaimer: खबर में दी गई कुछ जानकारी मीडिया रिपोर्ट्स पर आधारित है. आप किसी भी सुझाव को अमल में लाने से पहले संबंधित विशेषज्ञ से सलाह जरूर लें.


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