क्या होता है कोडीन जिससे बनी कफ सिरप के रैकेट का हुआ पर्दाफाश, जानें सेहत के लिए हो सकता है कितना खतरनाक
कोडीन एक तरह का ओपिओइड है, जो खांसी और हल्के से मीडियम दर्द के इलाज के लिए इस्तेमाल किया जाता है. मेडिकल फील्ड में इसे डॉक्टर की सलाह पर ही इस्तेमाल किया जाता है.
Cough Syrup Banned: एक बार फिर शरीर को नुकसान पहुंचाने वाली कफ सिरप का खुलासा हुआ है. महाराष्ट्र के ठाणे जिले में कोडिंग फास्फेट के अवैध कब से और बिक्री का मामला सामने आने के बाद पुलिस ने दो लोगों को गिरफ्तार कर लिया है. पुलिस से मिली जानकारी के अनुसार कोडिंग फास्फेट युक्त खांसी के सिरप का नसों पर नशीला प्रभाव पड़ता है जो शरीर के अंगों को नुकसान पहुंचा सकता है.
खांसी की सिरप होने की वजह से यह दुकानों पर आसानी से उपलब्ध रहता है जिसका धड़ल्ले से दुरुपयोग किया जा रहा है. पुलिस में मामले पर कार्रवाई करते हुए दो लोगों को गिरफ्तार किया है और इस कफ सिरप पर प्रतिबंध लगाने का फैसला लिया गया है. तो चलिए आपको बताते हैं कि कोडीन क्या है और इसका सेहत पर कितना गंभीर असर पड़ सकता है.
कोडीन क्या है?
कोडीन एक तरह का ओपिओइड है, जो खांसी और हल्के से मीडियम दर्द के इलाज के लिए इस्तेमाल किया जाता है. मेडिकल फील्ड में इसे डॉक्टर की सलाह पर ही इस्तेमाल किया जाता है. ये मुख्य रूप से खांसी को दबाने और दर्द से राहत देने के लिए जाना जाता है.यह ब्रेन के उन हिस्सों को एफेक्ट करता है जो खांसी की प्रोसेस को नियंत्रित करते हैं. हालांकि, इसके असरदार होने के बावजूद कोडीन का अंधाधुंध इस्तेमाल कई समस्याओं को जन्म दे सकता है.
कोडीन का शरीर पर असर कैसे होता है?
कोडीन से बनी दवा जब शरीर में जाकर लीवर में मेटाबोलाइज़ होती है तो इस प्रक्रिया में कोडीन का एक हिस्सा मॉर्फिन में बदल जाता है जो दर्द और खांसी को कम करने में अहम भूमिका निभाता है.मॉर्फिन नर्वस सिस्टम को धीमा करके शरीर को आराम का एहसास कराता है.हालांकि, कोडीन को एक तय मात्रा में ही खाना फायदेमंद होता है. लेकिन इसकी लत लगने का खतरा हमेशा बना रहता है. बार-बार सेवन करने से व्यक्ति को इसकी आदत लग सकती है, जिससे दवा पर निर्भरता बढ़ती है और ओवरडोज जैसी समस्याएं हो सकती हैं.
सेहत पर पड़ता है गंभीर प्रभाव
कोडीन का जरूरत से ज्यादा या बेवजह इस्तेमाल कई बार बहुत खतरनाक हो जाता है. इसका नशा करने वाले का दिमाग काम करना बंद कर देता है, कई बार उसे इसके चलते मिर्गी के दौरे आना शुरू हो जाते है. बच्चों को दिमागी बीमारियां घेर लेती हैं. कोडीन की लत लगना संभव है, इसलिए अगर आपको इसे कुछ हफ्ते से अधिक समय तक लेना है, तो आपका डॉक्टर आपको बताएगा कि इसे कब और कैसे लेना बंद करना है. 12 वर्ष से कम उम्र के बच्चों को कोडीन नहीं दिया जाना चाहिए जब तक कि सलाह न दी जाए.
Disclaimer: खबर में दी गई कुछ जानकारी मीडिया रिपोर्ट्स पर आधारित है. आप किसी भी सुझाव को अमल में लाने से पहले संबंधित विशेषज्ञ से सलाह जरूर लें.
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