How To Do CPR: विदेश में तो CPR स्कूल एज से ही सिखाया जाता है लेकिन अब इंडिया में भी डॉक्टर्स इस मेडिकल टेक्नीक को सीखने और जरूरत पड़ने पर परफॉर्म करने के लिये प्रेरित करते हैं. CPR एक ऐसा लाइफ सेविंग एक्ट है जो टाइम पर किया जाये तो कार्डिक अरेस्ट आने वाले पर्सन की जान बचा सकता है. इतना ही नहीं CPR को पानी में डूबने या किसी वजह से सांस रुकने की हालत में भी किया जा सकता है.


क्या है सही तरीका CPR करने का?
सबसे पहले एक हथेली बीमार व्यक्ति के लेफ्ट साइड के चेस्ट पर रखें और फिर दूसरी हथेली को उसके ऊपर रखकर लॉक करें. इसके बाद बहुत तेजी से पुश करें. सिंपल शब्दों में जैसे हवा भरी जाती है उसी तरह बार बार हार्ट की तरफ अपनी हथेलियों से छाती को दबायें. याद रखें कि इसकी स्पीड 100बीट्स पर मिनट तक होनी चाहिये, यानी आपको पूरी ताकत से 1 सेकेंड में 1 बार से ज्यादा हार्ट को पुश करना है. इस तरह स्पीड में पंपिंग करने से हार्ट में ब्लड फ्लो आ जाता है और कार्डिक अरेस्ट वाले इंसान की जान बच सकती है. CPR कैसे करें इसके लिये कई वीडियो भी आपको यूट्यूब पर मिल जायेंगी जहां से आप रेफरेंस ले सकते हैं. 


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CPR करते वक्त ये गलती ना करें
CPR के साथ साथ जितना जल्दी हो सके डॉक्टर के पास ले जाना या एंबुलेस के लिये कॉल करना ना भूलें. साथ ही याद रखें कि किसी पर्सन के अचानक बेहोश हो जाने पर टाइम ना वेस्ट करें और तुरंत ही CPR करना शुरु कर दें. चेस्ट पुश करने के दौरान ये टेंशन ना लें कि उस व्यक्ति को कोई और परेशानी ना हो जाये बल्कि पूरी ताकत से और बेहद तेजी से हार्ट वाले एरिया को पुश करें. 


क्यों आना चाहिये CPR करना ?
दरअसल कार्डिक अटैक आने के बाद या फिर किसी वजह से सांस रुकने के बाद भी शरीर के ब्लड में ऑक्सीजन कुछ देर तक बनी रहती है. लेकिन हार्ट के काम ना करने की वजह से हार्ट और शरीर के बाकी हिस्सों में ब्लड फ्लो रुक जाता है जिससे आदमी बेहोश हो सकता है या उसकी सांस रुक सकती है. ऐसी सिचुएशन में CPR लाइफ सेवर है. CPR से हार्ट पंप करने लगता है और शरीर में ब्लड फ्लो शुरु हो जाता है जिससे कार्डिक अरेस्ट वाले पर्सन की जान बच सकती है.


Disclaimer: इस आर्टिकल में बताई विधि, तरीक़ों व दावों की एबीपी न्यूज़ पुष्टि नहीं करता है. इनको केवल सुझाव के रूप में लें. इस तरह के किसी भी उपचार/दवा/डाइट पर अमल करने से पहले डॉक्टर की सलाह जरूर लें.


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