एक पल में खुशी तो दूसरे ही पल में आता है गुस्सा? ये मूड स्विंग नहीं, इस डिसऑर्डर के लक्षण, जानिए कितना खतरनाक?
Cyclothymia: साइक्लोथैमिक डिसऑर्डर से पीड़ित व्यक्ति एक पल बहुत खुशी तो दूसरे ही पल में बहुत उदास महसूस कर सकता है. यह डिसऑर्डर एक तरीके से आपके मूड स्विंग के लिए जिम्मेदार होता है.
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Cyclothymia: आसपास होने वाली घटनाओं की वजह से मूड में बदलाव होना नॉर्मल बात है. रोजमर्रा में होने वाली अलग-अलग बातों से अक्सर कभी गुस्सा आता है तो कभी खुशी होती है. लेकिन अगर बिना किसी वजह के आपके मूड में बदलाव होता है तो यह सामान्य बात नहीं है. ऐसा इसलिए क्योंकि ये साइक्लोथैमिक डिसऑर्डर हो सकता है. साइक्लोथैमिक डिसऑर्डर से पीड़ित व्यक्ति एक पल में बहुत खुशी तो दूसरे ही पल में बहुत उदास महसूस कर सकता है. यह डिसऑर्डर एक तरीके से आपके मूड स्विंग के लिए जिम्मेदार होता है.
नेशनल हेल्थ सर्विस (NHS) के मुताबिक, ज्यादातर लोगों के लक्षण इतने सामान्य होते हैं कि वे मेंटल हेल्थ ट्रीटमेंट लेने के बारे में नहीं सोचते हैं. उन्हें लगता है यह नॉर्मन प्रॉब्लम है, जिसमें ट्रीटमेंट की जरूरत नहीं होती. हालांकि ऐसा नहीं होता. हर बीमारी की तरह इस डिसऑर्डर का इलाज होना भी जरूरी है. क्योंकि इसका आपकी पर्सनल और प्रोफेशनल लाइफ पर बुरा असर पड़ता है. साइक्लोथिमिया के मरीजों की वैसे तो कोई आधिकारिक संख्या नहीं है, लेकिन फिर भी यह माना जाता है कि कई लोग इस समस्या से पीड़ित हैं. साइक्लोथिमिया एक मूड डिसऑर्डर है, जो डिसऑर्डर्स के बाईपोलर स्पेक्ट्रम का हिस्सा बनता है. इसे हल्के बाईपोलर के रूप में जाना जाता है.
क्या लक्षण हैं?
अगर आप साइक्लोथिमिया से पीड़ित है तो आपको कभी तो बहुत उदास महसूस होगा, जबकि कभी आपको बहुत खुशी और एक्साइटमेंट होगी. इसे कभी-कभी हाइपोमेनिया कहा जाता है. हाइपोमेनिक की स्थिति में आपको ज्यादा सोने की जरूरत महसूस नहीं होगी. आपको ऐसा लगेगा कि जैसे आपमें बहुत ज्यादा एनर्जी है. खराब मूड को इतना गंभीर नहीं माना जाता कि इसे डिप्रेशन समझा जा सके. लेकिन इसके दौरान आप काफी सुस्त महसूस कर सकते हैं.
बाइपोलर डिसऑर्डर क्या है?
बाइपोलर डिसऑर्डर भी एक मेंटल हेल्थ प्रॉब्लम है, जो खासतौर से आपके मूड स्विंग का कारण बनती है. जबकि साइक्लोथाइमिया एक टाइप का बाइपोलर डिसऑर्डर है. हालांकि इस स्थिति को कुछ बाकी प्रकारों की तुलना में कम गंभीर समझा जाता है. अगर किसी को बाइपोलर I या II डिसऑर्डर है तो उसका मूड आमतौर पर साइक्लोथाइमिया की तुलना में कम बदलता है.
साइक्लोथिमिया का कारण और इलाज
साइक्लोथिमिया के कारण वैसे तो अभी अज्ञात हैं. हालांकि इसका संबंध आनुवंशिकता से समझा जाता है. इस परेशानी का कोई सटीक इलाज नहीं है, लेकिन ऐसे कई इलाज हैं जो साइक्लोथाइमिया की परेशानी को दूर करने में मददगार साबित हो सकते हैं. इलाज में आमतौर पर दवा और किसी टाइप की टॉकिंग थेरेपी शामिल होती है. साइक्लोथाइमिया के सभी इलाज का उद्देश्य न सिर्फ लक्षणों को कम करना है, बल्कि बाइपोलर I या II डिसऑर्डर में डेवलप होने वाले साइक्लोथाइमिया को रोकना भी है.
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