तकनीक के आविष्कार ने ज्यादातर हमारी जिंदगी को सकारात्मक तरीके से बदला है. इससे संवाद आसान हो गया है, रोजगार बढ़ा है, आसमान की बुलंदियों को छून में मदद मिली है. फिर भी, हम जानते हैं कि जिंदगी को पूरी तरह तकनीक पर निर्भर बनाने की कुछ खामियां हैं. ये बात सच है कि इसके जरिए डॉक्टरों तक पहुंच आसान हो गया है, लेकिन ये भी हकीकत है कि इसने नींद से वंचित भी कर दिया है.


ज्यादातर लोग अपने डिजिटल उपकरण और इंटरनेट के बिना जिंदगी की कल्पना भी नहीं कर सकते, लेकिन अभी भी समय है जब हमें इसके बारे में विचार करना चाहिए. महामारी के दौरान ऑनलाइन काम करने के समय में औसत 48.5 मिनट की वृद्धि हो गई है. माइक्रोसॉफ्ट के रिसर्च से पता चला कि निर्धारित मीटिंग में 30 फीसद तक बढ़ोतरी हुई और वीडियो कॉलिंग में 1000 फीसद का उछाल देखा गया. अगले साल ऊर्जावान और उत्पादक के साथ काम की तरफ वापसी को सुनिश्चित करने के लिए डिजिटल डिटॉक्स का प्रयास करना चाहिए.


डिप्रेशन और चिंता का मुकाबला करता है
ये कहना गलत नहीं होगा कि डिजिटल डिटॉक्स वक्त की जरूरत है, खासकर जब कोरोना वायरस की महामारी ने हमें बुरी तरह प्रभावित किया है. ज्यादातर लोग एकांतवास का शिकार हैं, टूट गए हैं या लॉकडाउन के दौरान तनावग्रस्त रहे हैं. इसके पीछे कई कारण हैं मगर देखने में आया है कि तकनीक से अलगाव का सकारात्मक प्रभाव स्पष्ट पड़ा है.


स्वास्थ्य रिपोर्ट के मुताबिक, तकनीक का बहुत ज्यादा इस्तेमाल और बेचैनी के बीच संबंध है. ये मस्तिष्क में डोपामाइन रिलीज को प्रभावित करता है. आप जितना ज्यादा सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म का इस्तेमाल करेंगे, उतना ही ज्यादा आप खुद को प्रोत्साहित महसूस करेंगे, जो मानसिक पीड़ा का कारण बनता है.


स्लीपिंग पैटर्न को दुरुस्त करता है
जब बात स्वास्थ्य की आती है, तो रात की नींद से ज्यादा महत्वपूर्ण कुछ भी नहीं है. नींद से शरीर को राहत मिलती है. लेकिन सबसे ज्यादा मोबाइल फोन और तकनीक ने हमारी नींद को छीन लिया है. हम सभी देर रात तक मोबाइल फोन का इस्तेमाल कर रहे हैं. ये मेलाटोनिन नाम से जाना जानेवाला महत्वपूर्ण केमिकल के स्राव को प्रभावित करता है जो शरीर को आराम करने और कुछ बंद आंखों की तैयारी में मदद करता है. नियमित डिजिटल डिटॉक्स नींद के पैटर्न में व्यापक सुधार ला सकता है. इससे आप भविष्य में स्वस्थ रह सकते हैं.


आपके फोकस में वृद्धि करता है
डिजिटल डिटॉक्स उपकरण आपके ध्यान को अपनी तरफ आकर्षित कर लेते हैं. किसी अन्य जगह पर फोकस करने मुश्किल से समय बच पाता है कि. स्क्रीन की रोशनी की मांग फूड के मुकाबले ज्यादा होती है. इसलिए जबतक हम डिजिटल उपकरण से ब्रेक न लें, हमें कभी नहीं पता चलेगा कि हम अपनी जिंदगी को कैसे तबाह कर रहे हैं. डिजिटल डिटॉक्स से ध्यान लगाने में मदद मिलेगी और आपको एहसास होगा कि सेट पर देखने के बजाए कई ऐसी गतविधियां हैं जिनको आप पसंद कर सकते हैं.


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