कोरोनावायरस महामारी झेलने के बाद लोगों की जिंदगी अब धीरे-धीरे पटरी पर वापस आ ही रही थी कि न्यूजपेपर की फ्रंट पर छपी एक खबर ने सबके होश उड़ा दिए. यह खबर थी बीमारी x के बारे में.'वर्ल्ड हेल्थ ऑर्गेनाइजेशन' ने पूरी दुनिया को सचेत किया है कि एक नई महामारी जोकि कोविड से 7 गुना ज्यादा खतरनाक है वह दस्तक दे सकती है. इससे 5 करोड़ लोगों की मौत की आशंका जताई जा रही है. एक्सपर्ट ने इसकी तुलना 1918-1920 के खतरनाक स्पैनिश फ्लू से की है. यह कोई मामूली खबर नहीं थी बल्कि एक ऐसा डर जिसे पूरी दुनिया 2-3 साल पहले झेल चुका है. खबर यह थी कि साल 2020 में जिस तरीके से कोविड एक सर्दी-खांसी से शुरू हुआ और बाद में यह एक महामारी का रूप ले लिया. अब वापस से एक और महामारी आने वाली है. ऐसे में वापस से एक और महामारी झेलने की हिम्मत शायद ही लोगों के अंदर होगी. इस महामारी में 70 लाख लोगों ने जान गवाई. भारत सहित कई ऐसे देश हैं जहां अभी भी यह बीमारी है लेकिन इस पर हर तरह से कंट्रोल करने की कोशिश की जा रही है.
महामारी से निपटना अपने आप में एक चैलेंज है
'वर्ल्ड हेल्थ ऑर्गेनाइजेशन' ने इसे डिसीज x का नाम दिया है. WHO के मेडिकल एक्सपर्ट ने इस महामारी के बारे में एक चेतावनी जारी करते हुए कहा कि अगर यह बीमारी आ गई तो इससे 20 गुना ज्यादा मौतें होंगी. जिससे यह आशंका जताई जा रही है कि करीब 5 करोड़ लोगों की मौत हो जाएगी. ब्रिटेन की वैक्सीन टास्कफोर्स की अध्यक्षता करने वाली डेम केट बिंघम ने कहा कि यह महामारी कम से कम 5 करोड़ लोगों की जान ले सकती है. यह अपने आप में एक चिंता का विषय है. इससे निपटने के लिए हमें कोई खास उपाय निकालना होगा.
साइंटिस्ट इस बीमारी को लेकर जानकारियां जुटा रहे हैं
यह महामारी इतनी ज्यादा खतरनाक होती है कि अगर धरती पर इनका एक भी वायरस रह जाए तो यह उससे भी पनपने लगते हैं. ऐसा इसलिए होता है क्योंकि यह वायरस बहुत तेजी में म्यूटेट होते हैं. आगे वह कहते हैं साल 1918-19 में एक महामारी आई गै ति स्पैनिश फिवर वह भी अपने मौजूद वायरस की वजह से आई थी. और उसकी वजह से पूरी दुनिया में 5 करोड़ लोगों को अपनी जान गंवानी पड़ी थी. इस महामारी को कैसे कंट्रोल कर सकते हैं इसके लिए साइंटिस्ट इस पर और भी जानकारियां जुटा रहे हैं.
डिसीज X के लिए वैक्सीन?
ब्रिटेन के साइंटिस्ट इस डिसीज X के आने से पहले इसे लेकर अपनी तैयारियां पूरी रखना चाहते हैं. जिसकी वजह से वह वैक्सीन बनाना शुरू कर दिए हैं. साथ ही वह इसके साथ-साथ 25 तरह के वायरस पर स्टडी कर रहे हैं. जिसमें जानवरों में मिलने वाले वायरस भी शामिल है. जोकि इंसान में भी फैल सकते हैं. क्योंकि क्लाइमेट चेंज के कारण कई सारे ऐसे वायरस हैं जो जानवरों से इंसानों में फैलते हैं.
क्या होता है म्यूटेशन?
म्यूटेशन को आप सिंपल भाषा में समझे तो इसे कहते हैं किसी भी जीव के अंदर जेनेटिक मटेरियल में चेंजेज. जब कोई वायरस एक इंसान से दूसरे इंसान में जाता है तो वह खुद की लाख कॉपी बनाता है. हर कॉपी दूसरे कॉपी से अलग होती है. जिसके कारण कुछ समय के बाद नया स्ट्रेन सामने आता है. इसलिए अक्सर आपने देखा होगा कि वायरस हमेशा अपना अलग-अलग रूप बदलते रहते हैं.
Disclaimer: इस आर्टिकल में बताई विधि, तरीक़ों और सुझाव पर अमल करने से पहले डॉक्टर या संबंधित एक्सपर्ट की सलाह जरूर लें.
ये भी पढ़ें: देर रात तक जागना सेहत के लिए खतरनाक, शरीर को हो सकते हैं ये गंभीर नुकसान