Dyslexia: हमारे इर्द-गिर्द कई ऐसे लोग हैं जिन्हें कई तरह की मानसिक बीमारी होती है. इनमें से कुछ बीमारियों के बारे में हमें जानकारी होती है और कुछ से अभी भी हम अनजान है. ऐसी ही एक बीमारी है डिसलेक्सिया. ये एक तरह की मानसिक बीमारी है जो बच्चों में अधिक देखी जाती है. हालांकि ये किसी भी उम्र के लोगों को प्रभावित कर सकती है. फिल्म इंडस्ट्री का एक मशहूर चेहरा भी डिस्लेक्सिया जैसी बीमारी से पीड़ित है. फिल्म मेकर शेखर गुप्ता ने सोशल मीडिया पर अपनी इस बीमारी का खुलासा किया है. आपको जानकर हैरानी होगी कि शेखर कपूर पूरी तरह से गंभीर डिसलेक्सिया के मरीज हैं. इस बीमारी का नाम सुनते ही आपके दिमाग में कई तरह के सवाल पैदा हो रहे होंगे. इस बीमारी से जुड़ी सभी बातों को हम जानेंगे आगे कि आर्टिकल में...


क्या है डिसलेक्सिया?


डिस्लेक्सिया एक लर्निंग डिसऑर्डर है. इसमें पढ़ने-लिखने में परेशानी होती है. इसमें बच्चा अक्षर और अक्षरों के समूह को सही तरीके से समझ नहीं पाता है और ना ही उसे बोल पाता है. डॉक्टर के मुताबिक डिस्लेक्सिया से पीड़ित बच्चों को पढ़ने और लिखने में परेशानी होती है. डिस्लेक्सिया दिमाग में उस हिस्से में अंतर होने से होता है जहां भाषा को डिकोड किया जाता है. हालांकि इससे बच्चे की बौद्धिक क्षमता पर किसी तरह का कोई असर नहीं पड़ता और ना ही बच्चों को सुनने देखने और बोलने में किसी तरह की परेशानी होती है. कई लोग इस बीमारी से पीड़ित होने वाले लोगों को मानसिक रूप से कमजोर मान लेते हैं लेकिन ऐसा बिल्कुल भी नहीं है. ऐसे मरीजों का बुद्धिमता स्तर एक स्वस्थ व्यक्ति के समान ही होता है.


डिस्लेक्सिया के लक्षण



  • स्पेलिंग को पढ़ने में दिक्कत राइमिंग सीखने में मुश्किल

  • शब्दों या अक्षरों में समानता और अंतर करने में कठिनाई

  • जल्दी बाजी में दिए गए इंस्ट्रक्शन को समझने में कठिनाई महसूस होना

  • कठिन शब्दों का उच्चारण करने में परेशानी

  • मैथ्स के सवाल और नंबर को समझने में दिक्कत

  • एक जैसे कई शब्दों की पहचान नहीं कर पाना

  • मुहावरे और चुटकुले नहीं समझ पाना 


डिस्लेक्सिया के कारण


डिसलेक्सिया होने का मुख्य कारण क्या है इस पर अभी ज्यादा जानकारी मौजूद नहीं है. हालांकि डॉक्टर का कहना है कि कई रिसर्च में ये बात सामने आई है कि डिसलेक्सिया के मुख्य दो कारण हो सकते हैं


1.अनुवांशिक कारण- कई रिसर्च में यह बात सामने आई है कि डिस्लेक्सिया डीसीडीसी 2 नाम के एक जीन में कमी की वजह से हो सकती है.


2.अन्य कारणों में दिमाग में चोट लगना या बचपन में आए स्ट्रोक के कारण भी डिसलेक्सिया हो सकती है.


कब डॉक्टर को दिखाएं


डॉक्टर का कहना है कि 1 से 3 साल तक की उम्र के बच्चों में डिस्लेक्सिया के लक्षणों की पहचान करना मुश्किल हो सकता है, लेकिन इसके बाद इस बीमारी को पहचाना जा सकता है.3 साल की उम्र के बाद अगर आपको बच्चे में ऊतर दिए गए लक्षण दिखाई देते हैं.तो तुरंत अपने डॉक्टर या नजदीकी अस्पताल में संपर्क करना चाहिए


Disclaimer: इस आर्टिकल में बताई विधि, तरीक़ों और सुझाव पर अमल करने से पहले डॉक्टर या संबंधित एक्सपर्ट की सलाह जरूर लें.