E-Fasting and Digital Detox : इंटरनेट के जमाने में ई-फास्टिंग और डिजिटल डिटॉक्स जैसे शब्द खूब सुनने को मिलता है. हालांकि, बहुत से लोग इन दोनों से ही अनजान हैं.आज आलम ये है कि सुबह उठने से लेकर रात सोने तक हर पल हम स्मार्टफोन या किसी अन्य गैजेट्स पर लगे रहते हैं. इनसे कुछ मिनट्स भी दूर रह पाना नामुमकिन सा लगता है. जिसका असर हमारी ओवरऑल हेल्थ पर पड़ रहा है. इसी से बचने के लिए ई-फास्टिंग और डिजिटल डिटॉक्स की जरूरत पड़ती है. आइए जानते हैं आखिर ये क्या होते हैं, जिनका सेहत पर क्या असर पड़ता है और इनसे क्या-क्या फायदे हो सकते हैं...


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ई-फास्टिंग क्या है




ई-फास्टिंग (E-Fasting) यानी  इलेक्ट्रॉनिक फास्टिंग में इंटरनेट, मोबाइल या सोशल मीडिया से खुद को कुछ समय के लिए दूर करना होता है. यह ठीक उसी तरह होता है, जैसे फास्टिंग में हम खाना से दूर रहते हैं. इसका मकसद स्मार्टफोन, सोशल मीडिया की लत को धीरे-धीरे कम करना है. ई-फास्टिंग आप अपनी सुविधा के अनुसार किसी भी समय कर सकते हैं. इससे बॉडी और मन को आराम मिलता है और सेहत अच्छी बनती है.




डिजिटल डिटॉक्स क्या है




डिजिटल डिटॉक्स भी ई-फास्टिंग का ही रूप है. इसमें भी एक तय समय के लिए फोन, टैब या अन्य इलेक्ट्रॉनिक डिवाइस से दूरी बनाना है. इसमें एक टाइम फिक्स की जाती है, कि इतने समय तक सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म, मोबाइल या लैपटॉप से दूरी बना ली जाए. इसका फायदा भी फिजिकल और मेंटल हेल्थ को मिलता है.


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ई-फास्टिंग और डिजिटल डिटॉक्स के फायदे




1. ई-फास्टिंग और डिजिटल डिटॉक्स फिजिकली फिट और हेल्दी रखने में मदद करते हैं.




2. इससे मेंटल हेल्थ बेहतर बनती है.




3. नींद की गुणवत्ता में सुधार होता है.




4. ई-फास्टिंग और डिजिटल डिटॉक्स हमारी प्रोडक्टिविटी अच्छी होती है.




ई-फास्टिंग और डिजिटल डिटॉक्स कैसे करें




1. मोबाइल, टैब, लैपटॉप या किसी डिवाइस से कुछ समय के लिए खुद को दूर रखें.




2. डिजिटल डिवाइसेस से दूरी बनाने के बाद शरीर को फुल रेस्ट करने दें.




3. प्रकृति के साथ जुड़कर अपने शरीर और मन को आराम दें.


Disclaimer: खबर में दी गई कुछ जानकारी मीडिया रिपोर्ट्स पर आधारित है. आप किसी भी सुझाव को अमल में लाने से पहले संबंधित विशेषज्ञ से सलाह जरूर लें


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