मच्छरों के काटने से होती है पैर की ये गंभीर बीमारी, हाथी जैसे सूज जाते हैं पैर...जान लीजिए इसके लक्षण
Elephantiasis: फाइलेरिया बैंक्रॉफ्टी नामक के परजीवियों की वजह से होता है.इसका प्रसार क्यूलेकस नामक के विशेष प्रकार के मच्छरों के काटने से होता है. इससे शरीर में सूजन और बुखार हो सकता है.
Elephantiasis: अब तक आप जानते होंगे कि डेंगू, मलेरिया और चिकनगुनिया जैसी गंभीर बीमारियों का कारण मच्छर होता है. लेकिन इसके अलावा भी मच्छर के काटने से आपको एक और गंभीर बीमारी हो सकती है. जो आपको शारीरिक रूप से लाचार बना सकती है. इस बीमारी का नाम है एलिफेंटाइटिस. यह बीमारी एक परजीवी के कारण फैलती है जो कि मच्छर के काटने से शरीर के अंदर प्रवेश करता है. आइए जानते हैं क्या है इस बीमारी के लक्षण और किस तरह से ये बीमारी आपको प्रभावित कर सकता है.
क्या है एलीफेंटिटीस?
इस बीमारी को फाइलेरिया भी कहा जाता है. आम बोलचाल की भाषा में इसे हाथी पांव कहते हैं. आपको बता दें कि यह एक तरह का संक्रमण रोग है जो कि फाइलेरिया बैंक्रॉफ्टी नामक के परजीवियों की वजह से होता है.इसका प्रसार क्यूलेकस नाम के विशेष प्रकार के मच्छरों के काटने से होता है. इसे शरीर में सूजन और बुखार हो सकता है. कुछ मामले में शरीर की बनावट बदल जाती है. ज्यादातर में पांव में सूजन हो जाती है.इससे हमारा लसिका तंत्र संक्रमित हो जाता है. लसिका तंत्र शरीर में फ्लूड के स्तर को संतुलित करता है और आपके शरीर को संक्रमण से बचाने में मदद करता है. लेकिन जब यह कीड़ा आपको काट लेता है तो लसिका तंत्र असंतुलित हो जाता है. इस वजह से शरीर में सूजन आ जाती है.यह सूजन घटती बढ़ती रहती है. लेकिन जब यह वॉर्म में लसिका तंत्र की नालियों के अंदर मर जाते हैं. तब लिम्फ वेसल के लिए बंद हो जाते हैं और उस स्थान की त्वचा मोटी और कड़ी हो जाती है. कुछ रोगियों में ऑपरेशन के द्वारा लिंफ वेसल्स का नया रास्ता बनाया जाता है.
क्या हैं इसके लक्षण
इस बीमारी से इम्यून सिस्टम प्रभावित होता है इसकी वजह से शरीर में गंभीर बदलाव आते हैं. जैसे सूजन खासकर के पैरों में देखने को मिल सकता है.इसके अलावा बुखार हो सकता है.आपकी बाहों, पैरों स्तनों में तरल पदार्थों का निर्माण हो सकता है.त्वचा का रंग सामान्य से अधिक गहरा हो जाता है.
कैसे करें बचाव
- मच्छरदानी लगाकर सोएं.
- घर के आसपास पानी ना इकट्ठा होने दें.
- साफ सफाई का ख्याल रखें.
- हमेशा पेस्ट कंट्रोल करवाएं.
- शाम के वक्त फुल कपड़े पहने.
Disclaimer: इस आर्टिकल में बताई विधि, तरीक़ों और सुझाव पर अमल करने से पहले डॉक्टर या संबंधित एक्सपर्ट की सलाह जरूर लें.
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