Endoscopy: क्या होती है एंडोस्कोपी और किन स्थितियों में पड़ती है इसकी जरूरत, जानें सबकुछ
Endoscopy: जब बीमारी शरीर के अंदरूनी अंगों में पनप रही होती है तो इसे सही से समझने के लिए एक्स-रे, सिटी स्कैन और एंडोस्कोपी जैसी प्रक्रियाओं का उपयोग किया जाता है. यहां जानें एंडोस्कोपी के बारे में...
Endoscopy Process: एंडोस्कोपी शरीर के अंदरूनी अंगों की जांच की जटिल प्रक्रिया को सरल बना देने वाला आसान उपाय है. आजकल इतनी गंभीर बीमारियां पनप रही हैं और इलाज दिन प्रतिदिन महंगा और तकलीफ देय होता जा रहा है, ऐसी स्थितियों में एंडोस्कोपी (Endoscopy) जैसी तकनीक पेशेंट्स को राहत देने का काम करती हैं. इस तकनीक की मदद से बिना चीरा (Surgical Cut) लगाए शरीर के अंदरूनी अंगों की जांच बहुत आसाम से और बहुत जल्द कर ली जाती है. साथ ही रिपोर्ट भी एकदम सटीक प्राप्त होती है.
बढ़ती स्वास्थ्य समस्याओं को देखते हुए हम सभी के लिए ट्रीटमेंट संबंधी तकनीकों के बारे में जानकारी रखना जरूरी है. इसी कड़ी में हम आज एंडोस्कोपी के बारे में बात कर रहे हैं. यहां आपको जानने को मिलेगा कि यह क्या तकनीक है, इसका उपयोग किन मरीजों पर किया जाता है और कैसे किया जाता है...
क्या है एंडोस्कोपी और कैसे होती है?
शरीर में किस बीमारी की जांच करनी है, इसे ध्यान में रखते हुए एंडोस्कोपी के दौरान गले, गुदा मार्ग या मूत्र मार्ग से एक एंडोस्कोप कैमरा शरीर के अंदर डाला जाता है. इससे पहले शरीर के उस भाग को स्प्रे या एनेस्थेसिया के माध्यम से सुन्न कर दिया जाता है. यह कैमरा बहुत ही छोटा होता है और मरीज को ना तो कोई दर्द होता है ना ही किसी तरह की समस्या होती है. इसलिए आमतौर पर एंडोस्कोपी के दौरान मरीज को बेहोश भी नहीं किया जाता है.
क्यों की जाती है एंडोस्कोपी?
- जब किसी व्यक्ति को शरीर के अंदरूनी अंगों में किसी तरह की समस्या हो रही होती है, उस स्थिति में बीमारी का पता लगाने के लिए एंडोस्कोपी का उपयोग किया जाता है.
- जब एक्स-रे में किसी अंग की क्लियर रिपोर्ट नहीं आ पाती है, तब भी जरूरत के अनुसार एंडोस्कोपी की जाती है.
- गुदा कैंसर की स्थिति के दौरान भी एंडोस्कोपी की जाती है, इसमें कोलोनोस्कोपी की जाती है, जो एंडोस्कोपी का ही एक भाग है.
एंडोस्कोपी में कितना समय लगता है?
एंडोस्कोपी करीब एक घंटे के भीतर हो जाती है. इससे पहले डॉक्टर कुछ चीजों का परहेज बता सकते हैं और कुछ दवाएं लेने की सलाह दे सकते हैं. यह इस बात पर निर्भर करता है कि किस अंग के माध्यम से आपकी एंडोस्कोपी होनी है. जैसे, जब गुदा मार्ग से एंडोस्कोपी होती है, जिसे कोलोनोस्कोपी कहा जाता है तो इससे पहले डॉक्टर लूज मोशन लगने की दवाई देते हैं और सिर्फ लिक्विड डायट लेने की सलाह देते हैं. ताकि आंत और गुदा मार्ग पूरी तरह साफ हो जाए और एंडोस्कोपी का आवश्यक रिजल्ट मिल पाए.
Disclaimer: इस आर्टिकल में बताई विधि, तरीक़ों व दावों को केवल सुझाव के रूप में लें, एबीपी न्यूज़ इनकी पुष्टि नहीं करता है. इस तरह के किसी भी उपचार/दवा/डाइट और सुझाव पर अमल करने से पहले डॉक्टर या संबंधित एक्सपर्ट की सलाह जरूर लें.
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