Fregoli Syndrome: इस भाग दौड़ भरी जिंदगी में लोग सबसे ज्यादा मानसिक रूप से प्रताड़ित हो रहे हैं. कुछ लोग तो इस तरह के मानसिक विकार से पीड़ित होते हैं जिसके बारे में लोगों को जानकारी तक नहीं होती. इन्हीं में से एक मेंटल डिसऑर्डर है फ्रेगोली सिंड्रोम. ये एक बहुत ही दुर्लभ कंडीशन है. इस दुर्लभ विकार में व्यक्ति को यह भ्रम होता है कि अलग-अलग लोग वास्तव में एक ही व्यक्ति हैं जो भेष बदलकर उनके सामने आ रहे हैं. उन्हें डराने की कोशिश कर रहे हैं. ये मानसिक विकार क्यों होता है. क्या है इसके पीछे का कारण. इसके लक्षण क्या हैं. सब कुछ जानेंगे विस्तार से आगे के आर्टिकल में.


फ्रेगोली सिंड्रोम क्या है?


ये एक साइकेट्री कंडीशन है जिसमें व्यक्ति फॉल्स बिलीव में जीता है.फ्रेगोली सिंड्रोम एक ऐसा सिंड्रोम है जिसमें आसपास के लोगों को देखकर मरीज को ऐसा लगता है कि वह अलग-अलग रूप में एक ही व्यक्ति को देख रहा है. ऐसा किसी गहरे सदमा या  दिमाग में लगी चोट के कारण हो सकता है. इसमें मरीज को यह भी भ्रम होता है कि कोई उसका पीछा कर रहा है. उसे मारने की कोशिश कर रहा है. साल 1927 में इस सिंड्रोम को पहली बार परिभाषित किया गया था. डिप्रेशन एंजाइटी और बाइपोलर डिसऑर्डर के चलते इस कंडीशन में मरीज को होने की ज्यादा संभावना रहती है. इसके अलावा जिन लोगों को डिमेंशिया होता है या सिजोफ्रेनिया होता है उन्हें भी फ्रेगोली सिंड्रोम हो सकता है.


फ्रेगोली सिंड्रोम के लक्षण



  • यह महसूस करना कि कोई आपको नुकसान पहुंचाने के लिए कोई और होने का नाटक कर रहा है.

  • यह महसूस करना कि कोई आपका पीछा कर रहा है.

  • एंग्जाइटी या चिंता महसूस करना.

  • यह महसूस करना कि अलग-अलग लोग वास्तव में एक ही व्यक्ति हैं.


फ्रेगोली सिंड्रोम का इलाज


फ्रेगोली सिंड्रोम की पुष्टि करने के लिए कोई जांच नहीं होता है. डॉक्टर लक्षण और कंडीशन के आधार पर तय करते हैं कि व्यक्ति को यह सिंड्रोम है या नहीं है. इसके हिसाब से दवाई दी जाती है. कुछ मरीजों को एंटी डिप्रेसेंट दावाओं की मदद भी लेनी पड़ती है. इसके अलावा कई सारी थेरेपी खास कर सीबीटी की मदद से व्यक्ति को नार्मल करने की कोशिश की जाती है. डॉक्टर फ्रेगोली सिंड्रोम से पीड़ित व्यक्ति को अच्छी नींद, अच्छी डाइट, लोगों से कनेक्टेड, एक्सरसाइज, योगा करने की सलाह देते हैं.


Disclaimer: इस आर्टिकल में बताई विधि, तरीक़ों और सुझाव पर अमल करने से पहले डॉक्टर या संबंधित एक्सपर्ट की सलाह जरूर लें. 


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