फेफड़े ही नहीं गले में भी हो सकता है टीबी, ये हैं इसके लक्षण
Gland Tuberculosis: टीबी का रोग सिर्फ फेफड़े में ही नहीं गले में भी हो सकता है. इसे ग्लैंड टीबी के नाम से जानते हैं. जानें इसके कारण लक्षण और इलाज.
![फेफड़े ही नहीं गले में भी हो सकता है टीबी, ये हैं इसके लक्षण what is gland tuberculosis and its symptoms फेफड़े ही नहीं गले में भी हो सकता है टीबी, ये हैं इसके लक्षण](https://feeds.abplive.com/onecms/images/uploaded-images/2023/02/19/4ca7030b255135a3702b79869c6493d51676795705805603_original.jpg?impolicy=abp_cdn&imwidth=1200&height=675)
Gland Tuberculosis: ट्यूबरक्लोसिस जिसे हम आम बोल चाल के भाषा में टीबी कहते हैं. ये एक संक्रामक रोग है जो माइकोबैक्टीरियल ट्यूबरक्लोसिस नामक जीवाणु से होता है. कुछ लोगों में ये गलतफहमी है कि टीबी सिर्फ फेफड़े की बीमारी है, लेकिन ऐसा बिलकुल भी नहीं है टीबी मूंह, लिवर, गले, किडनी के अलावा हड्डियों में भी होता है. जब टीबी फेफड़े में होता है तो इसे प्लमोनरी टीबी कहा जाता है, लेकिन जब ये फेफडे़ से बाहर टीबी होता है तो इसे एक्सट्रा प्लमोनरी टीबी कहा जाता है. इन्हीं में से एक है ग्लैंड टीबी जो काफी खतरनाक होती है...अगर वक्त पर इसका इलाज ना किया जाए तो व्यक्ति की जान भी जा सकती है.
क्या है ग्लैंड टीबी ?
ट्यूबरक्लोसिस बैक्टीरिया फेफड़ों के बाहर निकल कर गले में पहुंच जाते हैं. इसे मेडिकल साइंस के भाषा में सर्वाइकल ट्यूबरकुलर लिंफेडनाइटिस कहा जाता है.इसे स्क्रोफुला के नाम से भी जानते हैं.इस बीमारी में गले के नोड्स में इंफेक्शन फैल जाता है, जिसकी वजह से नोड्स और गले में सूजन पैदा हो जाती है. संक्रमित चीजों के मुंह में जाने से या संक्रमित व्यक्ति से बैक्टीरिया के आदान-प्रदान से बीमारी फैलती है. फेफड़ों के बाद टीवी का रोग सबसे ज्यादा गली में ही होता है.ग्लैंड टीबी की समस्या ज्यादातर इम्यूनोसप्रेस्ड रोगियों में होती है इस समस्या में मरीज के गले या प्रभावित जगह पर गांठ बन जाती है.टॉन्सिल की तरह गांठ विकसित होने लगती है.
ग्लैंड टीबी होने के लक्षण?
गले में टीवी होने पर मरीज के गले में सूजन और अंदर की तरफ घाव हो जाते हैं. गले के नोड्स और लिंफ नोड में सूजन और दर्द की समस्या होती है. जब यह समस्या ज्यादा बढ़ जाती है तो मरीज के गले से मवाद और अन्य तरल पदार्थ भी निकलने लगते हैं.
- बुखार
- नोड्स में सूजन
- बोलने में दिक्कत
- रात में पसीना आना
- अचानक वजन घटना
- खाने में दिक्कत होना
गले में टीबी की जांच
- गले में टीबी की जांच के लिए जो गांठ होती है उसमें सिरिंज डालकर सैंपल लिया जाता है, जिसे एफएनएसी कहते हैं.
- टीबी टेस्ट सीबी नाट करके भी टेस्ट किया जाता है.
- बायोप्सी के जरिए भी टीबी की जांच की जाती है.
गले में टीबी का इलाज
वैसे तो लिंफ नोड टीबी दवाइयों से ठीक हो जाता है,डॉक्टर मरीज को 6 महीने के लिए कई तरह की दवाएं और एंटीबायोटिक्स के सेवन की सलाह देते हैं,लेकिन कुछ ही केस में दवाइयों से ठीक नहीं होता है तो उसे सर्जरी करके निकालने की जरूरत पड़ जाती है.इसके अलावा पौष्टिक आहार औऱ व्यायाम करने से भी आप बेहतर महसूस कर सकते हैं
Disclaimer: इस आर्टिकल में बताई विधि, तरीक़ों व दावों को केवल सुझाव के रूप में लें, एबीपी न्यूज़ इनकी पुष्टि नहीं करता है. इस तरह के किसी भी उपचार/दवा/डाइट और सुझाव पर अमल करने से पहले डॉक्टर या संबंधित एक्सपर्ट की सलाह जरूर लें.
ये भी पढ़ें: Infertility: घर में नहीं गूंज पा रही बच्चे की किलकारी? बांझपन का सता रहा डर? तो आज ही छोड़ दें अपनी ये 5 आदतें
Check out below Health Tools-
Calculate Your Body Mass Index ( BMI )
ट्रेंडिंग न्यूज
टॉप हेडलाइंस
![ABP Premium](https://cdn.abplive.com/imagebank/metaverse-mid.png)