Happy Hypoxia क्या है और कोविड-19 मरीजों के लिए कैसे खतरनाक हो सकता है? जानें
कोरोना वायरस महामारी की घातक दूसरी लहर अपने साथ कई बीमारियां लेकर आई है. यहां तक कि कुछ मामलों में जानलेवा भी साबित हो रही हैं. इन दिनों कई युवा मरीज अस्पताल में हैप्पी हाइपोक्सिया के साथ आ रहे हैं और ये कोविड-19 मरीजों के लिए साइलेंट किलर है.
मेडिकल विशेषज्ञों के मुताबिक, हैप्पी हाइपोक्सिया एक ऐसी स्थिति है जहां कोविड-19 के मरीजों का ऑक्सीजन उनके ब्लड में बहुत कम हो जाता है लेकिन उनके ब्लड में ऑक्सीजन लेवल कमी के कोई बाहरी संकेत और दर्द नहीं होता. कोरोना वायरस सांस संबंधी बीमारी है जो लंग्स और श्वसन तंत्र समेत शरीर के विभिन्न हिस्सों में व्यापक सूजन की वजह बनती है. ये शरीर में ऑक्सीजन युक्त ब्लड के प्रवाह को रोक देती है, जिससे मरीजों का सांस लेना मुश्किल हो जाता है.
विशेषज्ञों का मानना है कि जमावट या आसान शब्दों में कहा जाए तो थक्के लंग्स की रक्त वाहिकाओं में होते हैं और ये ऑक्सीजन लेवल में गिरावट का कारण बनता है. जब आपके शरीर के खून में ऑक्सीजन की कमी हो जाए, तो उसे हाइपोक्सिया कहा जाता है. सामान्य ऑक्सीजन सेचुरेशन लेवल 94-99 फीसद के बीच होता है, लेकिन जब कोविड-19 आपके लंग्स पर असर डालता है, तब ये आपके ऑक्सीजन लेवल गिरने की वजह हो सकता है.
कोविड-19 के मरीजों में कम ऑक्सीजन लेवल के संकेत
कोविड-19 से हमेशा ऑक्सीजन लेवल कम नहीं हो सकता. बुखार, खांसी, गंध और स्वाद का खत्म होना समेत कोविड-19 के हल्के लक्षण शामिल हो सकते हैं. हालांकि, जिन लोगों को सांस लेने में परेशानी होती है या सांस फूलने का किसी भी वक्त अनुभव करते हैं, उन्हें अस्पताल जरूर ले जाना चाहिए. सामान्य मामलों में, हाइपोक्सिया मरीजों के बीच खून में ऑक्सीजन लेवल कमी के संकेत करीबी से समझने में मदद करेंगे. सांस फूलना, छाती दर्द, भ्रम, मरीजों में होठों का रंग बदलना, हल्का नीला होना, नाक का फड़कना संकेतों में शामिल है.
'सही समय पर' हैप्पी हाइपोक्सिया का कैसे लगाएं पता?
विशेषज्ञ कोविड-19 के मरीजों में ऑक्सीजन लेवल की निरंतर मॉनिटरिंग की सिफारिश करते हैं. चाहे मरीज को हल्का संक्रमण हो, या कोई लक्षण नहीं हो, अगर पॉजिटिव पाया जाता है, तो उसका ऑक्सीजन सेचुरेशन लेवल जरूर नियमित तौर पर जांचा जाना चाहिए. पल्स ऑक्सीमीटर इस सिलसिले में आपकी मदद कर सकता है. ये एक पोर्टेबल डिवाइस है जिससे शरीर में ऑक्सीजन की मात्रा को मापा जा सकता है. हैप्पी हाइपोक्सिया का जल्दी पता लगने से आगे चलकर किसी जटिल पेचीदगी से बचा जा सकता है. दवा और इलाज समय पर शुरू होने से अस्पताल में भर्ती होने का जोखिम रोक देता है.
ऑक्सीजन थेरेपी की कब मरीज को जरूरत होती है?
ऑक्सीजन लेवल 93 फीसद से नीचे होना ये एक संकेत है ऑक्सीजन थेरेपी के जरूरी होने की. एम्स डायरेक्टर रणदीप गुलेरिया के मुताबिक, अगर आपका ऑक्सीजन सेचुरेशन 95 से ऊपर है, तो आपको ऑक्सीजन लेने की जरूरत नहीं है. अगर ये 94 से कम है, तब आपको करीबी निगाह रखने की जरूरत होगी लेकिन फिर भी ऑक्सीजन की जरूरत नहीं हो सकती क्योंकि अभी भी ऑक्सीजन ब्लड में पर्याप्त होता है अगर मरीज स्वस्थ है.
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