HFMD यानी "हैंड, फुट, एंड माउथ डिजीज" (Hand, Foot, and Mouth Disease)। यह एक संक्रामक बीमारी है जो मुख्य रूप से छोटे बच्चों में ज्यादा फैलती है. इसका कारण कॉक्ससैकी वायरस और एंटरवायरस होते हैं. HFMD के लक्षणों में बुखार, गले में खराश, और हाथ, पैर और मुंह में छाले शामिल हैं. आइए, इस बीमारी के कारण, लक्षण और इससे बचने के उपायों के बारे में जानते हैं. 


जानें यह बीमारी कैसे फैलता है 
हाथ, पैर और मुंह की बीमारी (HFMD) का मुख्य कारण कॉक्ससैकी वायरस A16 और एंटरवायरस 71 है. ये वायरस संक्रमित व्यक्ति के संपर्क में आने से फैलते हैं. वायरस का प्रसार खांसने, छींकने, लार, नाक के स्राव और मल के माध्यम से होता है. संक्रमित सतहों को छूने या संक्रमित व्यक्ति के साथ निकट संपर्क में आने से भी यह बीमारी फैल सकती है. छोटे बच्चे, जिनका इम्यून सिस्टम पूरी तरह से विकसित नहीं होता, इस बीमारी के प्रति अधिक संवेदनशील होते हैं. इसीलिए, साफ-सफाई का खास ध्यान रखना और संक्रमित व्यक्तियों से दूरी बनाए रखना बहुत जरूरी है. 







HFMD का इलाज
HFMD का कोई विशेष इलाज नहीं है, लेकिन लक्षणों को नियंत्रित किया जाता है. 



  • बुखार और दर्द को कम करने के लिए पैरासिटामोल या इबुप्रोफेन दें. 

  • मुंह के छालों को शांत करने के लिए ठंडे तरल पदार्थ पिलाएं, जैसे ठंडा दूध या पानी.

  • बच्चे को आराम दें और अधिक पानी पिलाएं ताकि उसे डिहाइड्रेशन न हो.

  • हल्का और नरम खाना खिलाएं, जैसे दलिया, सूप या दही, जिससे बच्चे को खाने में तकलीफ न हो.

  • अगर बच्चा बहुत असहज महसूस करता है या उसके लक्षण बिगड़ते हैं, तो तुरंत डॉक्टर से संपर्क करें. 


बचाव के उपाय



  • हाथों को साबुन और पानी से धोना: अपने और अपने बच्चों के हाथों को बार-बार साबुन और पानी से धोएं, खासकर खाने से पहले और टॉयलेट जाने के बाद.

  • संक्रमित व्यक्ति से दूरी बनाना: अगर किसी को HFMD है, तो उससे दूरी बनाएं. उसके कपड़ों, बर्तन और खिलौनों को अलग रखें और अच्छी तरह साफ करें.

  • साफ-सफाई बनाए रखना: बच्चों को साफ-सुथरा रखें और उनके खिलौनों को रोजाना रूप से साफ करें. घर में साफ-सफाई का ध्यान रखें.

  • भीड़-भाड़ वाले स्थानों से बचना: बच्चों को भीड़-भाड़ वाले स्थानों पर ले जाने से बचें, जहां संक्रमण फैलने की संभावना अधिक होती है. 


Disclaimer: खबर में दी गई कुछ जानकारी मीडिया रिपोर्ट्स पर आधारित है. आप किसी भी सुझाव को अमल में लाने से पहले संबंधित विशेषज्ञ से सलाह जरूर लें.


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